जानिए केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को लेकर राजनीतिक दलों के साथ ही आम लोगों की प्रतिक्रिया
आज लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का अंतरिम बजट पेश किया। इसे लेकर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम आम बजट को दिशाहीन, प्रगतिहीन, विकास अवरोधी तथा आम आदमी के हितों के खिलाफ मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट बताया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्रीय अंतरिम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी हठधर्मिता का परिचय देते हुए जो बजट प्रस्तुत किया है, वह दिशाहीन, प्रगतिहीन, विकास विरोधी, मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाला तथा देश की आर्थिक वृद्धि पर चोट पहुंचाने वाला बजट है। देश के वित्त मंत्री ने बजट में आंकडों की बाजीगरी कर घुमाकर नाक पकड़ने का काम किया है। लगातार की जा रही कोरी घोषणाओं व जुमलेबाजी तथा अपने चहेते उद्योग पतियों को लाभ पहुंचाने वाले बजट में वित्तीय प्रबन्धन का नितांत अभाव है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इस बजट से बेरोजगारी बढ़ने के साथ ही आम आदमी के सिर पर मंहगाई का बोझ बढेगा। उन्होंने कहा कि वित मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट के प्रावधानों से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था में विकास दर दहाई का आंकडा भी नहीं छू पायेगी और न ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा कृषकों की आय दोगुनी करने की बात करने के बाद अब आम आदमी की आय दुगनी होने की बात बार-बार की जाती है, परन्तु आय दोगुनी करने का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया है। आसन्न लोकसभा चुनाव को केन्द्र में रखकर मुफ्त की योजनाओं की भरमार लगाई गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट में मात्र कोरी घोषणाओं का अंबार लगाया गया है। उन्हें पूरा करने के लिए पैसा कहां से आयेगा इसका कोई उल्लेख नहीं है। बजट में आम जनता को मंहगाई से निजात दिलाने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। आम बजट में नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है इस बजट से देश में रोजगार के अवसर घटेंगे, किसान, गरीब व आम आदमी के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में की गई नोटबंदी और जीएसटी से देश में कई हजार लघु उद्योग बन्द हो गये थे, रीयल स्टेट सेक्टर में काम पूरी तरह से ठप्प हुआ तथा किसानो को उनकी उत्पाद लागत न मिलने के कारण कृषि क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर न्यूनतम हुए हैं। इन तीनों क्षेत्र में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए तथा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी का अनुपात लगातार बढा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वित मंत्री ने अपने इस बजट में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाकर दोगुनी करने की बात तो की है परन्तु इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। नये रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कोरी घोषणायें मात्र हैं तथा इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। लगातार चली आ रही कोरोना महामारी के बाद बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली की बात पर भी सरकार मौन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्र सरकार के आम बजट को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स छूट के स्लैबों मे की गई बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। महिला सुरक्षा, किसानों, बेरोजगार नौजवानों के लिए इस बजट में कोई विषेष प्रावधान नजर नही आता है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा स्किल इंडिया इंटरनेशनल सैंटर की कोरी घोषणाओं के अलावा मनरेगा, गरीब ग्रामीण श्रम, रोजगार और मंहगाई का बजट में कोई जिक्र नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि रोजगार के सृजन तथा महिलाओं के सशक्तीकरण एवं सम्मान की बात केवल मोदी सरकार की लच्छेदार भाषणों का हिस्सा मात्र है। प्रति व्यक्ति आय दुगनी करने की कोरी घोषणायें हास्यास्पद है जो आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे किसानों और बेरोजगारों को बरगलाने जैसी हैं, उनके लिए बजट में किसी प्रकार की बडी राहत नहीं दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने कहा कि आम बजट में उत्तराखण्ड को खाली हाथ छोड दिया गया है। आपदा पीडित राज्य होने के बावजूद उत्तराखण्ड राज्य की जोशीमठ जैसी आपदा के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ जैसी आपदा की स्थिति के लिए यदि सस्ती एयर सर्विस के लिए प्रावधान किया जाता तो निश्चित रूप से इसका लाभ आपदाग्रस्त क्षेत्र के लोगों को मिलता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, केन्द्र सरकार ने अपने बजट में उत्तराखण्ड जैसे आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य को रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर आम बजट में अपने उद्योगपति दोस्तों का हित साधन कर आम आदमी की उपेक्षा की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कर्मचारियों के लिए निराशाजनक बजट
उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेता राजेंद्र जोशी के मुताबिक, कर्मचारियों के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह बजट अत्यंत ही निराशाजनक रहा। क्योंकि कर्मचारी हमेशा बजट में आयकर में छूट दिए जाने अथवा टैक्स स्लैब में बदलाव किए जाने की उम्मीद करता है। इस वर्ष न तो टैक्स स्लैब में ही कोई बदलाव किया गया और न ही किसी प्रकार की छूट 80C अथवा अन्य धाराओं में दी गई । हमेशा की तरह कर्मचारियों के लिए ये अंतरिम बजटअत्यंत निराशाजनक बजट रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
निराशाजनक रहा बजट
वहीं, बैंक कर्मचारी संगठन सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े देहरादून निवासी जगमोहन मेहंदीरत्ता ने कहा कि ये बजट बहुत ही निराशजनक बजट है। इसमें नौकरी पेशा लोगो को कोई राहत नही है। इनकम टैक्स में तीन गुना वृद्धि हुई है। मुद्रास्फीति काफी बढ़ गयी है। इससे नॉकरी पेशा लोगो को ऋण में मासिक क़िस्त देने में कठिनाई होगी। बेरीजगरी दूर करने के लिए भी अंतरिम बजट में कोई प्राविधान नही किया गया। पूंजीपतियों को कॉरपोरेट टैक्स में छूट दी गयी है। एक बार सरकार ने सिद्ध कर दिया कि ये सरकार बड़े पैमाने में लोन माफ करेगी और पूंजीपतियों के टैक्स में छूट देंगी। किसानों के सम्मान निधि में भी कोई वृद्धि नही की गई। आम व मध्यम वर्ग के लिए ये निराशाजनक बजट है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैबिनेट मंत्री डॉ. अग्रवाल ने बताया हितकारी बजट
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट पर उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य के लिए हितकारी बताया है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय कर में राज्य का अंश बढ़ गया है। इससे गत वर्ष के मूल बजट की तुलना में 2217 करोड़ इस मद में अधिक प्राप्त होने की संभावना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ अग्रवाल ने कहा कि यही नहीं संशोधित अनुमान के मुताबिक चालू वर्ष में भी 928 करोड़ अधिक प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूंजीगत परिव्यय यानी कैपिटल आउटले बढ़ा दिया है। गत वर्ष 10 लाख करोड़ की तुलना में यह बढ़कर 11.11 लाख करोड़ हो गया है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ोतरी से अवस्थापना जैसे सड़क, पुल, हाईवे आदि के विकास में तेजी आएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्यों के लिए भी विशेष पूंजीगत सहायता में वृद्धि की गई है। कहा कि गत वर्ष इस मद में एक लाख करोड आवंटित था। जो बढ़कर 1 लाख 30 हजार करोड़ हो गया है। यह बढ़ोतरी से राज्य को अधिक पूंजीगत सहायता मिलने की उम्मीद है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट के प्रावधान में भी वृद्धि की गई है। जैसे आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, प्रधानमंत्री मत्स्य संप्रदाय योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं में वृद्धि से प्रदेश में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह चुनावी वर्ष है इसके चलते अंतिम बजट पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि परंपरा यह है कि अंतरिम बजट में टैक्स के संबंध में कोई घोषणा नहीं की जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विकसित भारत की कल्पना के मुताबिक सधा हुआ बजट : डॉ. विजय धस्माना
देहरादून के डोईवाला स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के कुलाधिपति व भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) उत्तराखंड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि ‘कर्तव्य काल’ का यह अंतरिम बजट समृद्ध और समावेशी भारत की कल्पना के लिए अच्छा और सधा हुआ बजट है। प्रधानमंत्री जी का देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का जो लक्ष्य है उस दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण बजट है। यह बजट गरीब व किसान कल्याण और युवा व नारी शक्ति सशक्तिकरण समेत समाज के हर वर्ग की आशाओं और देश के संपूर्ण विकास की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला है। वो एक विकसित भारत को बनाने का जो लक्ष्य है, उस ओर कैसे आगे बढ़ा जाए इसके लिए ये बजट प्रस्तुत किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्धन वर्ग, महिलाएं, युवाओं और किसानों को विकसित भारत की चार जातियां बताया। चारों को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। विकसित भारत के लिए देश में चारों का सशक्कत होना बेहद जरूरी है। यह सरकार का स्वागत योग्य कदम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कोविड संकट के बाद हेल्थ सेक्टर की तरफ सरकार का विशेष फोकस रहा है। सरकार भी यह समझ चुकी है कि देश के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है आम-आदमी का स्वस्थ होना। देश में नए मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए नई कमेटी गठित करने की माननीय वित्त मंत्री उद्घोषणा स्वागत योग्य है। देश में डॉक्टरों की बहुत कमी है और इस कमी को पूरा करने के लिए आवश्यक है कि अधिक से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले जाएं। इससे हेल्थ केयर डिलिवरी सिस्टम मजबूत होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. धस्माना ने कहा कि अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर की गई घोषणाओं में महिला स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए सरकार वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाएगी। 9-14 साल की लड़कियों को शामिल किया गया है। आयुष्मान भारत स्कीम के तहत सभी आशा वर्कर्स और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व हेल्पर्स को इसकाफायदा मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अनुसंधान व इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने कहा कि अनुसंधान और इनोवेशन के क्षेत्र में जो एक लाख करोड़ (1,00,000) रुपए का जो फण्ड बनाया गया है। अभी तक सामान्यत: सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को ही स्वास्थ्य व तकनीकी के क्षेत्र में शोध के लिए फंड मिलता था। लेकिन इस बजट में गैरसरकारी शैक्षणिक संस्थानों को भी शामिल करने प्रस्ताव किया गया है। यह एक सराहानीय कदम है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी रिसर्च होगी उसका सीधा–सीधा फायदा आम जनता को ही मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यटन पर फोकस
पर्यटन पर हर बार की तरह सरकार का फोकस इस बार विशेष रहा, जो स्वाग्त योग्य भी है। देश में टूरिज्म के विकास के लिए जो अपार संभावनाओं है और केंद्र सरकार की ओर यह कहा गया है कि हर राज्य अपने यहाँ आइकोनिक टूरिस्ट सेंटर डेवलप करे। इससे विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा और राष्ट्र की आय बढ़ेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देश में स्टार्टअप सेक्टर का बढ़ेगा ग्राफ
विजय धस्माना ने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए एंटरप्रेन्योरशिप बेहद जरूरी है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। सरकार ने देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को और आगे बढ़ाने पर पहले बजट की तरह इस बजट में फोकस किया है। अंतरिम बजट में भी स्टार्टअप सेक्टर के लिए इनकम टैक्स बेनेफिट के साथ-साथ कई अन्य सहूलियतों का भी प्रावधान जारी रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।