जानिए गेहूं की रोटी खाने के फायदे और नुकसान, यदि एक माह नहीं खाई तो होगी ये दिक्कत

अमूमन हर घर में गेहूं के आटे की रोटी बनती हैं। यही नहीं ये रोटी ज्यादातर लोगों की डेली डाइट का हिस्सा होती है। इसे हर रोज और ज्यादा खाने से हमारे शरीर को नुकसान भी हो सकते हैं। इसके उलट यदि हम गेहूं की रोटी एक माह तक नहीं खाएंगे तो इसके भी नुकसान हो सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि हम गेहूं की रोटी कितनी खाएं या किस तरह से खाएं, जो हमें स्वाद भी लगे और पोष्टिक भी हो। इन सबके जवाब हम इस लेख में देने का प्रयास करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गेहूं नहीं है नुकसानदायक
सबसे पहले ये बता दें कि डाइटीशियन के अनुसार गेहूं सेहत के लिए बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है। इसमें जो ग्लूटन मौजूद होता है। वो एक तरह का प्रोटीन है जो नॉर्मल लोगों के लिए किसी तरह से नुकसानदायक नहीं होता है, लेकिन ये उन लोगों के लिए दिक्कत की वजह बन सकता है, जो किसी गंभीर बीमारी से गुजर रहे हों और डॉक्टर ने उनको ग्लूटन बेस्ड डाइट लेने से मना किया हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैलेंस डाइट लें
अति हर किसी चीज की बुरी होती है फिर चाहें वो फल हो या फिर दूध और चीनी जैसी चीजें। अगर आप दिन भर में तीन-चार टाइम खाना खाना खाते हैं और हर बार आप केवल तीन-चार या पांच गेहूं की रोटी खाते हैं, तो ये ठीक नहीं है। क्योंकि अति हर एक चीज की बुरी होती है और वो नुकसानदायक बन सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप बैलेंस डाइट लें। जिसमें दो रोटी के साथ चावल, दाल जैसी चीजें भी साथ में शामिल हों।
गेहूं में होते हैं भरपूर पोषक तत्व
गेहूं ढेर सारे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें पोटेशियम, फोलेट, विटामिन बी6, विटामिन बी12, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और सोडियम सहित कई और पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक माह तक नहीं खाने से हो सकती हैं ये दिक्कतें
अगर आप एक महीने या उससे ज्यादा समय के लिए गेहूं की रोटी नहीं खाते हैं। तो आपकी बॉडी का एनर्जी लेवल कम हो सकता है। साथ ही एनीमिया, स्किन रैशेज, लिप्स क्रैक, मूड स्विंग्स, इम्यूनिटी और हड्डियां कमजोर होने जैसी दिक्कतें भी आपको हो सकती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्यादा खाने से बढ़ता है वजन
ज्यादा गेहूं की रोटी खाने से वजन बढ़ता है। क्योंकि, गेहूं में मौजूद ग्लूटेन की मात्रा बढ़ने से शरीर में फैट जमने लगता है। इसके अलावा, ज्यादा रोटी आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स बढ़ा सकते हैं, जिससे मोटापा बढ़ सकता है।
ब्लड शुगर लेवल
कार्बोहाइड्रेट के कारण गेहूं की रोटी खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। अगर आप ज्यादा गेहूं की रोटी खाते हैं तो आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीज गेहूं की रोटी का कम ही सेवन करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीलिएक रोग का कारण
आटे की रोटी में ग्लूटेन नामक पदार्थ होता है. अगर यह पदार्थ शरीर में बहुत अधिक मात्रा में पहुंच जाए तो सीलिएक रोग होने का खतरा रहता है। परेशानी यह है कि एक बार अगर आपको यह बीमारी हो गई तो समस्या का कोई अंत नहीं है। रोगी को पेट दर्द, दस्त, कमजोरी की समस्या हो सकती है। इसलिए अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो ब्रेड खाने की आदत पर पूर्ण विराम लगा दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्ब भंडारण आपका शरीर बनेगा
स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा का मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट है। ब्रेड एक ऐसा कार्बोहाइड्रेट फूड है। इसलिए नियमित रूप से रोटी खाना जरूरी है। हालाँकि, अगर आपको भूख मिटाने के लिए कई ब्रेड खाने की आदत है, तो शरीर में कार्ब्स की मात्रा अधिक हो सकती है। इसी वजह से शुगर बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए अगर आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आपको ब्रेड नहीं खानी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्नायु संबंधी समस्याएं
यदि बहुत अधिक ग्लूटेन शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो कुछ मामलों में तंत्रिका क्षति का खतरा होता है। नसों का दर्द और पीड़ा बढ़ सकती है। इससे तंत्रिका सूजन का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए विशेषज्ञ हर किसी से बहुत अधिक ब्रेड खाने की आदत छोड़ने के लिए कहते हैं। ऐसा करके ही आप स्वस्थ रह सकते हैं।
ज्यादा थकान
कार्बोहाइड्रेट थकान बढ़ाने का भी काम करता है। ऐसे में अगर आप ज्यादा गेहूं की रोटी खाते हैं तो शरीर में आलस बढ़ता है और हम थका हुआ महसूस करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल की बीमारियां
कार्बोहाइड्रेट से दिल की बीमारियों का भी खतरा रहता है। शरीर में जब कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक हो जाती हैं तो वह फैट में बदल जाता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा रहता है।
पेट की समस्या
गेहूं की रोटी ज्यादा खाने से भारीपन और पेट फूलने की दिक्कत हो सकती है। कई लोग तो गैस और पाचन संबंधी समस्याओं से जूझते हैं। इसलिए नियंत्रित मात्रा में रोटी का सेवन करना अच्छा होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस तरह से करें सेवन
ज्यादातर लोग गेहूं का आटा बहुत ज्यादा बारीक पिसवाते हैं और इसको भी छानकर इसमें से चोकर हटा देते हैं। ये तरीका बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। हमेशा गेहूं को थोड़ा सा मोटा पिसवाएं और आटे को चोकर के साथ इस्तेमाल करने की आदत डालें। क्योंकि, रिफाइंड आटा खाने से शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए रागी या बाजरे के आटे की तरह ही गेहूं का मोटा आटा ही इस्तेमाल करना बेहतर रहता है। महीने भर तक गेहूं का आटा न खाने से बॉडी को कोई खास फायदे नहीं होते हैं, बल्कि उल्टा नुकसान ही होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फिर रोटी का क्या है विकल्प
रोटी और चावल को एक साथ मिलाकर खाने से इस समस्या का समाधान संभव है। ऐसे में एक दिन चावल खाएं और दूसरे दिन रोटी खाएं। हां, रोटी भी कम मात्रा में खाएं। किसी भी दिन में 2 से 3 रोटियां से ज्यादा न खाना अच्छा है। इसके बजाय, अगर आपको भूख लगी है तो सब्जियां, मछली और मांस खाकर अपना पेट भरें। इससे आपके स्वास्थ्य का मार्ग प्रशस्त होगा। यहां तक कि छोटी-बड़ी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा भी कई गुना कम हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये भी है सबसे बेहतर विकल्प
अधिकांश घरों में मूलत: गेहूं की सादी रोटियां ही बनाई जाती हैं, परंतु गेहूं की रोटी स्वादिष्ठ अधिक, पौष्टिक कम होती है। इसलिए गेहूं में यदि अन्य अनाज को मिला कर आटा पिसवाया जाए तो ऐसे आटे से बनी रोटी की पौष्टिकता बढ़ जाती है। इस प्रकार के आटे को मल्टीग्रेन आटा या कौंबिनेशन फ्लोर कहा जाता है। इस आटे से बनी रोटी विभिन्न प्रकार के रोगों में भी लाभदायक होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मल्टीग्रेन आटा बनाने की विधि
गेहूं – 01 किलो, चना – 250 ग्राम, मक्का – 250 ग्राम, ज्वार – 250 ग्राम, बाजरा – 250 ग्राम। मल्टीग्रेन आटा के लिए सबसे पहले मल्टीग्रेन आटा की सामग्री गेहूं, चना, मक्का, ज्वार और बाजरा को पानी में 30 मिनट के लिए भिगा दें। फिर इसे धुलकर तेज धूप में सुखा लें। सूखने के बाद सारी चीजों को मिक्स करके इसे पिसवा लें। अब आपका पौष्टिक मल्टीग्रेन आटा तैयार है। आप चाहें तो इनके रागी रागी, मूंग दाल या सोयाबीन भी प्रयोग कर सकते हैं। या इनमें से कोई चीज़ हटा भी सकते हैं। इसके साथ ही आप इसमें किसी भी चीज की मात्रा अपनी पसंद के अनुसार कम-ज्यादा भी कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मल्टीग्रेन आटा के फायदे
मल्टीग्रेन आटा या उससे बने व्यंजन आपके शरीर में एक कई तरह के पोषक तत्वों की एक साथ पूर्ति करते हैं, जबकि सामान्य आटे में आपको सीमित पोषण ही मिल पाता है। इसका प्रयोग करने से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है जो आपके पाचन तंत्र को बेहतर कार्य करने में मदद करता है और कब्ज की समस्या नहीं होती। शरीर को फाइबर अधिक मिलने पर यह वजन कम करने और मोटापा घटाने में भी बेहद सहायक होता है और जिससे आप जल्दी दुबले हो सकते हैं। मल्टीग्रेन आटा कई पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है जिससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है और बीमारियां आपसे दूरी बनाए रखती हैं। इसका एक खास फायदा यह भी है कि यह डायबिटीज के मरीजों और रक्तचाप रोगियों के लिए फायदेमंद होता है और शरीर में वसा का जमाव नहीं होने देता।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।