जानिए कांच की बोतल में कैसे नचा सकते हैं पेंसिल को, आप भी कर सकते हैं ऐसा कमाल
हाथ की सफाई हो या फिर कोई ट्रिक। या फिर विज्ञान का सिद्धांत। इन सबके माध्यम से आप जब कोई खेल दिखाते हैं तो सामने वाला एक बारगी इसी चक्कर में पड़ जाता है कि वह जादू देख रहा है। हमारी कलाकारी उसे सच्चाई को पकड़ने नहीं देती है। इसके लिए हमें सिर्फ अभ्यास करने की जरूरत होती है। अब हम यहां ऐसी ही एक विधि बता रहे हैं, जिसमें बोतल के भीतर रखी पैंसिल नाचने लगती है। वह हमारी अंगुली के इशारों को समझती है और दाएं-बायें हरकत करने के साथ ही ऊपर और नीचे की तरफ हिलने लगती है। चलिए अब हम आपको इसकी विधि बताते हैं।सामग्री और विधि
इस काम के लिए हमें एक खाली बोतल, पेंसिल, सफेद सिल्क या नाइलोन का महीन एक मीटर लंबा धागा और च्युइंगम की जरूरत पड़ती है। सबसे पहले हमें खेल दिखाने के लिए तैयारी करनी पड़ती है। खाली बोतल को मेज में रख लिया जाता है। मेज पर मेजपोश होना चाहिए। चबाई गई च्युइंगम से धागे का एक सिरा पेंसिल के ऊपरी सिरे पर चिपकाएं। दूसरा सिरा अपने हाथ के अंगूठे के नाखून में च्युइंगम से चिपकाएं। फिर पेंसिल का धागे वाला भाग नीचे की ओर करके पेंसिल को बोतल में खड़ा कर दें। ये धागा इतना महीन होता है कि ये कुछ कदम की दूरी से आंख से दिखाई नहीं देता है।
अब खेले को रोचक बनाने को दर्शकों से सवाल पूछते हैं और कहते हैं कि इसका जवाब हां या ना में मिलेगा। यदि हां में जवाब देना होता है तो अंगूठे से धारे में हरकत करते हैं और पेंसिल ऊपर को उठती है। यदि ना में जवाब देना होता है तो पेंसिल स्थिर रहेगी। दर्शकों को बातों में उलझाकर इस भ्रम में डाला जा सकता है कि पेंसिल उनके सवालों का जवाब दे रही है। बोतल के भीतर पेंसिल में मायावी शक्ति है।
तथ्य और सावधानी
यह खेल हाथ की सफाई और दृष्टि भ्रम पर आधारित है। धागा दर्शकों को दिखाई नहीं देता है। दर्शकों के सवालों को ध्यान से सुनने का उपक्रम करना चाहिए। हाथ से हरकत बहुत ही धीरे धीरे सहजता से करनी चाहिए। ये पूरा खेल निरंतर अभ्यास से किया जाता है।




