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December 14, 2024

कम आय वाली एशियाई आबादी के लिए घुटने की रिअलाइनमेंट सर्जरी एक बेहतर विकल्पः डॉ. गौरव संजय

इंडिया और इन्टरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर एवं देहरादून उत्तराखंड के एक युवा ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने तेल अवीव में आयोजित इजराइल ऑर्थोपीडिक एसोसिएशन के 45वें सम्मेलन में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने अपना एक क्लीनिकल अध्ययन प्रस्तुत किया है। इस दौरान उन्होंने बताया कि कम आय वाली एशियाई आबादी के लिए घुटने की रिअलाइनमेंट सर्जरी एक बेहतर विकल्प है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि इस अध्ययन में घुटने की ऑस्टियो आर्थराइटिस के 113 रोगियों को शामिल किया गया था। जिनकी उम्र 46 से 89 वर्ष के बीच की थी। अप्रैल 2005 से दिसंबर 2017 तक ओपन वेज हाई टिबियल ओस्टियोटॉमी के साथ उनका इलाज किया गया था। सभी रोगियों को पैरों के टेड़ेपन एवं दर्द की शिकायत थी। 33 रोगियों में दोनों तरफ की ओस्टियोटॉमी की गई थी। हड्डी को काटकर और प्लेट से ठीक करके विकृति को ठीक किया गया था। रोगी ऑपरेशन के अगले दिन से ही चलने लगते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. गौरव संजय के अनुसार, उम्र के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस बढ़ता रहता है और सभी जोड़ घिसते रहते हैं। एशियन लोगों में खासतौर से घुटनों के जोड़ों के घिसने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि अधिकांशतः एशियन लोगों के रोजमर्रे के काम एवं पूजा-पाठ उखड़ू बैठकर एवं पलौथी मारकर ही किए जाते हैं। मुख्यतः गठिया का दर्द सभी रोगियों में सर्जरी के बाद ठीक हो जाता है। 90 प्रतिशत लोगों का घुटनों का दर्द खत्म हो जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद लोग जमींन पर उखड़ू एवं पलौथी मारकर बैठ सकते हैं। खेत-खलिहानों में काम कर सकते हैं और यहां तक कि पहाड़ों पर भी आसानी से चल-फिर सकते हैं। रोगियों से पूछने पर पता चला कि अधिकांशतः रोगी इस ऑपरेशन से संतुष्ट थे। डॉ. संजय ने अपने शोध पत्र में निष्कर्ष निकाला कि मीडियल ओपन वेज हाई टिबियल ओस्टियोटॉमी तकनीकी रूप से एक सरल प्रक्रिया है और वित्तीय रूप से एक सस्ता और सामाजिक रूप से एक स्वीकार्य विकल्प है। खासकर एशियाई देशों में जहां उखड़ू बैठना तथा पाल्थी मारना रोजमर्रे के काम करने के लिए एक आम बात है इसलिए घुटनों के रिप्लेसमेंट सर्जरी की तुलना में घुटनों की ओस्टियोटॉमी एक बेहतर विकल्प है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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