केरल के सीएम ने मंत्रियों और विधायकों संग दिया धरना, दिल्ली और पंजाब के सीएम भी हुए शामिल, उत्तराखंड में भी वामदलों ने दिया धरना

देहरादून में वाम दलों का धरना
दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ गुरुवार को केरल सरकार ने धरना दिया। इसमें केरल के सीएम पिनरई विजयन अपनी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के साथ धरने पर बैठे। इस धरने में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवंत मान भी शामिल हुए। वहीं, उत्तराखंड में तीन वाम दलों से जुड़े नेताओं ने भी धरना दिया। साथ ही जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली के जंतर मंतर में दिए गए धरने के दौरान केरल से सीएम विजयन ने कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास का सबसे अहम दिन है। आज हम भारत के संघीय ढांचे को सुरक्षित रखने के लिए एक साथ आए हैं। हम एक ऐसी लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं। ताकि केंद्र सरकार सभी राज्यों के साथ एक जैसा व्यवहार करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विजयन ने आगे कहा कि देश के 17 राज्यों में एनडीए की सरकार है। केंद्र सरकार पूरी तरह इन्हीं राज्यों को सपोर्ट करती है। जो सरकारें एनडीए का हिस्सा नहीं हैं, उनको नजरअंदाज करती है। इस आंदोलन का उद्देश्य सभी राज्यों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष का उद्देश्य किसी पर विजय प्राप्त करना नहीं है, बल्कि अपने हक के लिए लड़ना है। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि पूरा देश आज हमारे इस विरोध में हमारे साथ खड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसलिए केरल सरकार ने किया प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र सरकार के टैक्स बंटवारे को लेकर इन दिनों कर्नाटक, केरल और बंगाल की सरकारें केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। कर्नाटक सरकार के अनुसार 15वें फाइनेंस कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के बाद भी केंद्र की ओर से कर्नाटक को मिलने वाले शेयर में कटौती की गई है। जानकारी के अनुसार कर्नाटक के टैक्स शेयर में केंद्र ने 4.17 प्रतिशत से घटाकर 3.64 प्रतिशत कर दिया है। ऐसे में राज्य को टैक्स के कारण 62 हजार 98 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राजधानी देहरादून के दीनदयाल पार्क में आज सीपीआई, सीपीआई (एम) तथा सीपीआईएमएल की ओर से केरल की सरकार के धरने को समर्थन करते हुए संयुक्त रूप से धरना दिया गया। धरने के बाद देहरादून की जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर वक्ताओं ने केरल सरकार की ओर से राज्य सरकारों के अधिकारों के लिये वहां के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली में दिए जा रहे धरने का समर्थन किया। कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार जबसे आई है, विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने कै लिए तरह तरह से हथकंडे अपना रही है। विपक्षी सरकारों की आर्थिक नाकेबन्दी कर रही है। साथ ही गैरजनतान्त्रिक तथा गैरसंवैधानिक तौर तरीके अपना रही है। वक्ताओं नै कहा कि यही मोदी सरकार अपने राजनैतिक विरोधियों कै खिलाफ ईडी तथा सीबीआई आदि संस्थाओं दुरूपयोग कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रही मुख्य मांगे
– केंद्र सरकार को राज्यों को उनके करों और संसाधनों के उचित हिस्से से वंचित नहीं करना चाहिए।
-केंद्र को राज्य सरकारों द्वारा मनमाने ढंग से उधार लेने की सीमा तय करने पर रोक लगानी चाहिए।
– केंद्र सरकार को राज्य सूची के विषयों में हस्तक्षेप करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।
– केंद्र सरकार को विपक्ष द्वारा संचालित राज्य सरकारों के नेताओं को निशाना बनाने और परेशान करने के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का इस्तेमाल बंद करना चाहिए।
– राज्यपालों को राज्य सरकार के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए अपनी संवैधानिक स्थिति का दुरुपयोग करने से रोकें।
– राज्यपालों को कुलाधिपति के पद का उपयोग राज्य विश्वविद्यालयों के संचालन में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं करना चाहिए ।
– राज्यपालों को राज्य विधानसभा द्वारा पारित कानूनों को दबाकर नहीं बैठना चाहिए और उन्हें बिना किसी देरी के मंजूरी देनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे धरने में शामिल
धरने में प्रमुख लोगों में सीपीआईएम के राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी, सीपीआई एमएल के राज्य सचिव इन्द्रैश मैखुरी, सीपीआई नेता अशोक शर्मा, सपा के राष्ट्रीय सचिव डॉ. एसएन सचान, सीपीएम नेता सुरेन्द्र सिंह सजवाण, पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष शिवप्रसाद देवली, सीपीआई नेता डीएन लखेड़ा, सीपीआईएम सचिव मण्डल के सदस्य कमरूद्दीन, लेखराज, माला गुरूंग, कृष्ण गुनियाल, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, पीएसएम के विजय भट्ट, बीजीवीएस के इंद्रेश नौटियाल, जनसंवाद के सतीश धौलाखण्डी, पीपुल्स फोरम के जयकृत कण्डवाल, इफ्टा के वीके डोभाल, कर्मचारी नैता सुरेन्द्र रावत, एस एस नेगी, दिनेश नौटियाल, एसएफआई के अध्यक्ष नितिन मलैठा, शैलेन्द्र, किसान सभा से पुरूषोत्तम बडोनी, सुधा देवली, बस्तीलाल, जब्बर सिंह नैगी, अमर बहादुर, ब्रह्मानन्द कोठारी, शिशुपाल नेगी, सीआईटीयू से मनमोहन सिंह, ताजवर सिंह रावत, मामचन्द, रविन्द्र नौडियाल, अर्जुन रावत, राजेन्द्र शर्मा, कमलेश खन्तवाल, अनिल कुमार, एनएस पंवार आदि शामिल थे। संचालन जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित ने किया ।धरने के अन्त में सीपीआईएम नेता सैफुल्लाह अंसारी कै आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया। साथ ही उनके सम्मान में पार्टी झण्डा झुकाया गया।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।