शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट
आज भैयादूज के पावन पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए सुबह 8:30 बजे बंद कर दिए गए। इस दौरान बाबा केदार के जयकारों से धाम गूंज उठा। वहीं, गंगोत्री के कपाट एक दिन पूर्व 14 नवंबर को बंद हो चुके हैं। यमुनोत्री के कपाट आज पूर्वाह्न करीब 11.57 बजे बंद कर दिए गए हैं। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा समाप्त हो जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंगलवार को केदारनाथ में बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति को विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ भंडारगृह से मंदिर के सभामंडप में विराजमान कर दिया गया था। सुबह चार बजे से मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना शुरू हुई। बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 17 नवंबर को बाबा केदार छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही भैया दूज पर विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हो गए। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल के 6 महीने मां यमुना के दर्शन खरसाली खुशी मैथ में होंगे। यमुनोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में है। इस साल यमुनोत्री धाम के दर्शन करने के लिए 735,040 (7 लाख 35 हजार 40) श्रद्धालु पहुंचे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।