लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के हाथों केन्ट रोड स्थित कैंप कार्यालय में नरेन्द्र सिंह नेगी को केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार प्रदान किया गया। सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में नरेन्द्र सिंह नेगी को गायन के माध्यम से पर्यावरण एवं वन संरक्षण के प्रति लोक चेतना विकसित करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया। नरेंद्र सिंह नेगी उत्तराखंड के लिए जितना बड़ा नाम है, उतना ही उन्हें सरकारों की ओर से उपेक्षित किया गया। ऐसे लोगों को पदमश्री व पदमभूषण पुरस्कार दिलाया गया, जिन्हें एक सीमित क्षेत्र के लोग जानते हैं। वहीं, नेगी समूचे उत्तराखंड सहित उत्तराखंड से बाहर देश के कौने कोने में रहने वालों के साथ ही विदेश में रहने वाले उत्तराखंड के प्रवासियों के साथ ही गैर उत्तराखंडियों के बीच लोकप्रिय हैं। हालांकि वे ऐसे पुरस्कारों से काफी ऊपर उठ चुके हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि नरेन्द्र सिंह नेगी अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखंड की ऐतिहासिकता, पौराणिकता, पर्यावरण सरंक्षण को लेकर उत्तराखंड को विशेष पहचान दिलाई है। यह सबके लिए गर्व की बात है कि उन्हें केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार दिया जा रहा है। अपने गीतों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की उन्होंने अलख जगाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यावरण चेतना के प्रति लोगों में जागरूकता है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें और प्रयास करने होंगे। जल संरक्षण की दिशा में भी अनेक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। जैव विविधता की वजह से उत्तराखण्ड की एक अलग पहचान है। पर्यावरण संरक्षण के केदार सिंह रावत, चण्डी प्रसाद भट्ट और राज्य के अनेक लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि अपने गीतों के माध्यम से मैंने पर्यावरण चेतना से जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। गीतों के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति, लोक पंरपराओं एवं ऐतिहासिकता को उजागर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ इस दिशा में और प्रयास होने चाहिए। इस अवसर पर बीडी सिंह, ओम प्रकाश भट्ट, गणेश खुगशाल, रमेश थपलियाल आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।