कौथिग-2022: लोकगीत संध्या में प्रसिद्ध गायकों ने बिखेरा संगीत का रंग, झूम उठे दर्शक
कार्यक्रम में सबसे पहले पद्मश्री बसंती बिष्ट जी ने नन्दा जागर प्रस्तुत किया गया। उसके बाद नरेंद्र सिंह नेगी ने अपना प्रसिद्ध गीत जौ जस देहि, देनी हवे जेई और साथ ही के तैं खुजाणी होली, की प्रस्तुति दी। लोकगायिका संगीता ढोंडियाल ने मि घास कट लू तू पूरा बांधली जाकर के लोगों की वाहवाही लूटी। इसके बाद उन्होंने अपना प्रसिद्ध गीत ढोल दमाऊ बजी गेन, की प्रस्तुति दी। किशन महिपाल ने अपना प्रसिद्ध गीत किंगर का झाला घुघूती और फ़्यूनलड़िया तवे देखी की गाकर के लोगों का मन जीत लिया। इसके बाद लोक गायक बिशन हरियाला ने अपना प्रसिद्ध गीत गोरख्या चली भागुली और पुष्पा लुकी रै की प्रस्तुति दी।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सनी दयाल ने महासू देव की वंदना और ओ बेबीए, सुनाया। कार्यक्रम के अंत मे नरेंद्र नेगी ने अपने प्रसिद्ध गीत फूल फ्योंली बोलू या बुरांस और के कुछ त बात होली मि मा जैसे गीत सुनाकर दर्शकों को आनंदित कर दिया। संगीता ढोंडियाल ने खेला पासो गाकर ड्सर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। अंत मे किशन महिपाल ने हे रूडी गाकर वाहवाही लूटी ली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन माता मंगला और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने दीप जलाकर किया। सभी अतिथियों का स्वागत अखिल गढ़वाल सभा अध्यक्ष रोशन धस्माना ने किया। उन्होंने कहा कि माता मंगला उत्तराखंड के स्वास्थ्य और संस्कृति के क्षेत्र में बहुत काम कर रही हैं। अपने उद्बोधन में गणेश जोशी जी ने कहा कि अखिल गढ़वाल सभा बहुत अच्छा कार्य कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माता मंगला ने अपने उद्बोधन में कहा कि अखिल गढ़वाल सभा का कौथिग करने का उद्देश्य है, अपने उत्तराखंड की संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करना। उन्होंने 10 दिन के अपने कौथिग में अपने सुंदर कार्यक्रमों द्वारा हर संभव प्रयास किया कि उत्तराखंड की संस्कृति का संवर्धन हो। इसमें उन्होंने महिलाओं से लेकर और स्कूली विद्यार्थियों से लेकर और बड़े-बड़े लोग गायक तक के कार्यक्रम कराएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम आरंभ होने से पहले माता मंगला और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी जी ने लोकगयिका संगीता ढोंडियाल का ऊनके यु ट्यूब चैनल पर नया गीत- प्यारी छुमा बौ, को लांच किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता अजय जोशी ने किया। महासचिव गजेंद्र भंडारी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर गढ़वाल सभा के सांस्कृतिक सचिव पंडित उदय शंकर भट्ट, उपाध्यक्ष निर्मला बिस्ट, सूर्य प्रकाश भट्ट, उदगीर पवार, वीरेंद्र सवाल आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।