कर्नाटक के सीएम का नाम फाइनल, सिद्धारमैया की होगी ताजपोशी, खड़गे ने लगाई मुहर
चार दिनों के मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस ने कर्नाटक के सीएम का नाम फाइनल कर दिया। पार्टी ने एक बार फिर सिद्धारमैया के ऊपर भरोसा जताया है। सूत्रों के मुताबिक उनके नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुहर लगा दी है। कर्नाटक सीएम की रेस में सिद्धारमैया अपने प्रतिद्वंद्वी डीके शिवकुमार पर भारी पड़े। वह 18 मई को कल शपथ ले सकते हैं। वहीं, डीके शिवकुमार के सरकार में शामिल होने पर सस्पेंस बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक सिद्धारमैया अपने चिर-प्रतिद्वंदी शिवकुमार को पीछे छोड़कर लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कर्नाटक में सीएम बनने की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला था, लेकिन बाजी सिद्धारमैया के हाथ लगी। हालांकि, यह इतना आसान नहीं था। दोनों के बीच सीएम चुनने को लेकर कांग्रेस में किस तरह से उहापोह की स्थिति थी। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि नाम फाइनल होने में कांग्रेस को चार दिन लग गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों के साथ शानदार जीत दर्ज की थी। इसके बाद रविवार 14 मई को बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें एक प्रस्ताव पारित कर सीएम चुनने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष को दिया गया। इस दौरान कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने विधायकों की राय जानी। इसके लिए गुप्त मतदान भी कराया गया। कहा जाता है कि सिद्धारमैया खुद भी गुप्त मतदान चाहते थे। बताया जा रहा है कि अधिकांश विधायकों ने सिद्धारमैया को समर्थन दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद सोमवार को कांग्रेस के तीनों पर्यवेक्षक दिल्ली पहुंचे और मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलकर उन्हें विधायकों की राय के बारे में बताया।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर कई दौर की बैठकें चलीं। मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी खड़गे के आवास पर पहुंचे थे, जहां दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक नाम को लेकर मंथन हुआ। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के बाद ही सिद्धारमैया का नाम तय हो चुका था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंगलवार देर शाम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार भी अलग-अलग मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने पहुंचे। वहीं, आज बुधवार को सिद्धारमैया ने राहुल गांधी से मुलाकात की। इसके कुछ देर बाद ही उनका नाम फाइनल होने की खबर सामने आई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वकालत से राजनीति में आए सिद्धारमैया
वकालत से राजनीति में आए सिद्धारमैया अपने राजनीतिक फॉर्मूले से पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और बीएस येदियुरप्पा को भी चित कर चुके हैं। धरम सिंह की सरकार जाने के बाद कर्नाटक की सियासत में सिद्धारमैया के ‘अहिन्दा’ फॉर्मूले ने कांग्रेस में जान फूंकने का काम किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अहिंदा फार्मूला आया काम
2023 के चुनाव परिणामों में भी सिद्धारमैया की अहिन्दा (अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, दलित वर्ग) फॉर्मूले की छाप दिखाई दी। सीएसडीएस-लोकनीति सर्वे के मुताबिक कांग्रेस को मुस्लिम, दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय के वोट सबसे अधिक मिले हैं। कांग्रेस ने इस बार जेडीएस के वोटबैंक वोक्कालिंगा में भी सेंध लगाई है। वोक्कालिंगा समुदाय के 49 फीसदी वोट कांग्रेस को मिले हैं. कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार वोक्कालिंगा समुदाय से ही आते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।