कारगिल विजय दिवसः सीएम ने शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित, पैन इंडिया सहित राजनीतिक दलों ने भी किया नमन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल में भारत के रणबांकुरों ने दुश्मन के खिलाफ जो सिंहनाद किया, 1999 से लेकर आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। भारतीय सेना के अदम्य साहस और वीरता ने दुश्मन को एक बार फिर ये बतला दिया था कि उसके रहते हुए तिरंगे की आन-बान और शान में रत्ती भर की भी कमी नहीं आ सकती। भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल की यह विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है। अपने 75 सपूतों का बलिदान ये वीर भूमि कभी नहीं भुलाएगी। जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि मैं तो स्वयं एक सैनिक परिवार से आता हूं और सेना के साथ मेरा रिश्ता आत्मीयता का रिश्ता है। अपने पिता जी से सुनी सैन्य वीरों की गाथाओं ने मुझे बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और मेरे अंदर राष्ट्र के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना को जागृत किया। मैंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे। हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते। अटल जी ने शहीदों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ करने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सेना ना केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है, बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। हमारी सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है तो वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री निरंतर सैनिकों के साहस और मनोबल को बढ़ा रहे हैं और यही कारण है कि सेना आज गोली का जवाब गोले से दे रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भारत सरकार हर स्तर पर सेना को सदृढ़ करने का कार्य का रही है और इसी कड़ी में अग्निपथ जैसी बहुमुखी योजना को भी लागू किया गया है। इस योजना को युवाओं ने अपना अभूतपूर्व समर्थन दिया है और सेना को रिकॉर्ड संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये उत्साह दिखाता है कि हमारी युवा पीढ़ी ना केवल राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित है बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी पूरी तरह से सजग है। इस समय देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और इस अमृतकाल में हमारे सामने नए लक्ष्य, नए संकल्प और कई चुनौतियां हैं। इस समय हमें अपने लक्ष्यों को तय कर इनकी सिद्धि का संकल्प लेना है और इस सिद्धि के मार्ग में आने वाली चुनौतियों को दूर करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम ने कहा कि हमारा देश जिस विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है इस यात्रा में उत्तराखंड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है। विकास की यात्रा हम सभी की सामूहिक यात्रा है। सभी को मिलकर विकास का संकल्प लेना है। राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र विजेता को 30 लाख से 50 लाख, अशोक चक्र 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई है। देहरादून के गुनियालगाँव में 04 हेक्टेयर भूमि पर प्रदेश के शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं समस्त सुविधाओं युक्त शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है जिसमे प्रदेश के समस्त शहीदों के नाम अंकित किये जायेंगें। निर्माण कार्य दिसम्बर 2023 में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि विभिन्न युद्धों, सीमान्त झड़पों तथा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की विधवाओं, आश्रितों को एकमुश्त 10,000,00 /- (रूपये दस लाख) का अनुग्रह अनुदान अनुमन्य किया गया है। उत्तराखंड सरकार की ओर से युद्ध विधवा, युद्ध अपंग सैनिकों को ₹ (रूपये दो लाख) की आवासीय सहायता प्रदान की जाती है। उत्तराखंड इस प्रकार की सुविधा प्रदान करने वाले चुनिन्दा राज्यों में एक है जहाँ सेवारत / पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य के स्थावर सम्पत्ति के खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की गयी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड इस प्रकार की नियुक्ति करने वाला एकमात्र राज्य है जहाँ भूतपूर्व सैनिकों में से ब्लाक प्रतिनिधियों की नियुक्ति कर उन्हें मानदेय दिया जा रहा है। इनका मानदेय रू0 8000/- प्रतिमाह किया गया है। इनका मुख्य कार्य अपने क्षेत्र के सेवानिवृत सैनिकों तथा सैनिक विधवाओं से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं को सुलझाना है और उनको सभी मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी देना भी है। उत्तराखंड के दूर-दराज के जिलों में निवास कर रहे पूर्व सैनिकों, विधवाओं के आश्रितों को सेना / अर्द्ध सैनिक बल एवं पुलिस भर्ती हेतु प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं। प्रदेश में इस प्रकार के दो प्रशिक्षण केन्द्र देहरादून तथा टनकपुर (चम्पावत) में खोले गये हैं उत्तराखंड देश में इस प्रकार की सुविधा प्रदान करने वाला पहला प्रदेश है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह के लिए एक लाख रूपये का अनुदान दिया जाता है। सैनिक विधवाओं के पुनर्विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान दिया जाता है। पूर्व सैनिकों तथा सैनिक विधवाओं के बच्चों को कक्षा 1 से स्नातकोत्तर / व्यावसायिक शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। राज्य सरकार द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध की युद्ध विधवाओं एवं आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली पेंशन की धनराशि को 8000 रू. प्रतिमाह से बढ़ाकर 10,000 प्रतिमाह किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए, सीडीएस और उनके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने वाले राज्य के अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार रूपये की सहायता दी जा रही है। सरकार द्वारा आगे आने वाले समय में भी सेवारत सैनिकों / पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए निरन्तर प्रयास जारी रहेंगे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी अपने सम्बोधन में कारगिल शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है। कार्यक्रम में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी, ब्रिगेडियर दिनेश बडोला, मेजर जनरल संजय शर्मा, मेजर जनरल अमरदीप भारद्वाज, मेजर जनरल जी एस रावत, बड़ी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और शहीदों के परिवार जन उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीमाद्वार स्थित शहीद के द्वार से उनके घर तक निकाली श्रद्धांजलि यात्रा
उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना आज देहरादून में सीमाद्वार स्थित कारगिल शहीद सुरेंद्र सिंह नेगी के घर पहुंचे। शहीद की याद में उन्होंने श्रद्धाजंलि यात्रा निकाली। इस मौके पर उन्होंने शहीद की माता व पत्नी को सम्मानित किया। बुजुर्ग मां से व शहीद की विधवा से धस्माना ने उनका पूछा हाल चाल तो माता भावुक हो गयी। उन्होंने कहा कि पिछले साल आज ही के दिन आप आये थे और कुछ महीनों बाद सुरेंद्र के पिता बीमार हुए और उनका स्वर्गवास हो गया। उन्होंने धस्माना को कहा कि बीच बीच में हम लोगों की खबर लेते रहा करो। धस्माना ने कहा कि आपके बेटे ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है और ये हम सब का कर्तव्य है कि हम आपका ख्याल रखें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने अपने सहयोगियों से आग्रह किया कि वे शहीद के परिवार से हमेशा संपर्क में रहें और उनकी किसी भी प्रकार की परेशानी के बारे में उनकी सहायता करें व उनको भी सूचित करें। धस्माना ने शहीद की माता श्रीमति मंगला देवी नेगी व शहीद की पत्नी श्रीमति दर्शनी देवी नेगी को भरोसा दिया कि वे लगातार उनके संपर्क में रहेंगे व किसी भी प्रकार की परेशानी में उनकी यथा संभव सहायता करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर धस्माना ने शहीद सुरेंद्र सिंह नेगी के चित्र पर माल्यार्पण किया उनकी माता व पत्नी को शाल पहनाकर सम्मानित किया व शहीद की माता के चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में अवधेश कुमार, अभिषेक तिवारी, राम कुमार थपलियाल, संजय कटारिया, सलीम अंसारी, प्रवीण कश्यप, अनीता दास, सुमन जखमोला, इकराम, अनुज दत्त शर्मा आदि बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कारगिल विजय दिवस पर संस्कृति मंत्री ने किया राष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला का शुभारंभ
पौड़ी जिले के सतपुली में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सतपुली में प्रदेश के संस्कृति, लोनिवि, सिंचाई एवं पंचायत राज मंत्री सतपाल महाराज ने द्वीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होने 1999 के कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर शहीदों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सतपुली में मंगलवार को कारगिल विजय दिवस पर ललित कला अकादमी भारत सरकार एवं संस्कृति विभाग उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में 26 जुलाई से 01अगस्त 2022 तक चलने वाली “राष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला” का बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ किया। कारगिल विजय दिवस पर आयोजित इस कार्यशाला में देशभर से 31 कलाकार प्रतिभाग करने जा रहे हैं जो अपनी चित्रकारी के माध्यम से कारगिल शहीदों की वीर गाथाओं को आम जनमानस तक पहुंचाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर संस्कृति मंत्री महाराज ने कारगिल शहीद मनोज बिष्ट के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। संस्कृति मंत्री ने कार्यक्रम में आये देश के कलाकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि जनपद के लिए यह पहला अवसर है जब राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन सतपुली (पौड़ी) में हो रहा है। उन्होने कहा कि इस कार्यशाला में देश भर के चित्रकार एक सप्ताह तक अपनी कला का जौहर दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से पूरे देश को यह संदेश देना है कि किस प्रकार देश के जांबाज वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सुरक्षा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संस्कृति मंत्री ने कहा कि देश की अखंडता व संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हमें आमजन को जागृत करना है। हमें आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आगामी 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाना है। वहीं उन्होने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाए जाने पर प्रदेश की ओर से बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रपति का अधिकारिक फोटो प्राप्त होने के उपरांत प्रदेश की समस्त पंचायत घरों में उनकी फोटो स्थापित की जाएगी। उन्होने यह भी कहा कि देश में अनुसूचित जनजाति की पहली महिला का राष्ट्रपति के पद पर पहुंचना दर्शाता है कि देश अब जाति, दल से ऊपर उठकर विकास को प्राथमिकता दे रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ने बताया कि पंचायत राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदेश को 135 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है जिससे प्रदेश में 200 ग्राम पंचायतों के नए भवनों का निर्माण, 100 पंचायत भवनों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, 500 ग्राम पंचायत को कंप्यूटरीकृत करने, प्रदेश के सभी विकासखंड मुख्यालयों को सेटेलाइट से जोड़ने, विकासखंड स्तर पर कूड़ा निस्तारण हेतु कंपैक्टर स्थापित करने आदि कार्य किये जायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होने कहा कि सरकार ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से कराने जा रही है। जिससे जनता को पारदर्शिता के साथ योग्य प्रतिनिधि मिल सकेगा। वही सरकार गांव की आमदनी बढ़ाने के लिए वन पंचायत स्तर पर चीड़ के पेड़ों का वन निगम के माध्यम से कटान कर वहां पर मोन पालन, मशरूम, दलहन इत्यादि के उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण काश्तकारों की आमदनी में बढ़ोतरी का प्रयास करने जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर एसडीएम सतपुली संदीप सिंह, नगर पंचायत अध्यक्षा सतपुली अंजना वर्मा, ललित कला अकादमी नई दिल्ली की सदस्य/कार्यक्रम की समन्वयक रिया काम्बोज, सहायक कार्यक्रम अधिकारी ललित कला अकादमी हिमांशु डबराल, बीईओ द्वारीखाल सुरेंद्र सिंह नेगी, प्रमुख एकेश्वर नीरज पांथरी, व्यापार मंडल अध्यक्ष सतपुली थानेश्वर कुकरेती, मण्डल अध्यक्ष महिपाल सिंह, सत्यराज, राकेश नैथानी, शुभम रावत, यशवंत सिंह सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करगिल विजय दिवस पर भारतीय सेना के साहस को रंगों से उकेरा
देहरादून जिले में पेन-इंडिया स्कूल, भानियवाला में संचालित सीएससी बाल विद्यालय में कारगिल विजय दिवस मनाया गया। बच्चों ने कला व क्राफ्ट वर्क के माध्यम से भारतीय सेना व शहीदों के साहस को समर्पित किया। मंगलवार को कारगिल दिवस पर सीएससी बाल विद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया। वॉलंटियर शिक्षिका दीपालिका नेगी, दीपाली तोपवाल, निर्मला गुसाईं ने बच्चों को करगिल विजय दिवस का महत्व बताया। साथ ही भारतीय सेना के गौरवगाथा की जानकारी दी। बच्चों में जोश दिखा। इस दौरान बच्चों ने जय हिंद के नारे लगाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पेन-इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक अनूप रावत ने कहा कि पेन-इंडिया स्कूल में बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं रखा जाता। बच्चों के समग्र विकास के लिए एक्टीविटी बेस्ड एजुकेशन दी जाती है, ताकि वह आसानी से उसे समझ सकें। सहसंस्थापक संतोष बुड़ाकोटी ने कहा कि बच्चो का सर्वांगिण विकास ही पेन-इंडिया फाउंडेशन का उद्देश्य है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करगिल विजय दिवस पर शहीदों को नमन किया
उत्तराखंड में आज आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कारगिल विजय दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए एवं एक गोष्ठी का आयोजन कर शहीदों को नमन किया गया इस दौरान प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि वे करगिल में शहीद हुए वीर सपूतों, घायलों एवं कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले सभी वीर सपूतों को प्रणाम करते हैं जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की परवाह किए बगैर सर्वस्व निछावर कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान आम आदमी पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र सिंह आनंद ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है एवं यहां माताएं क्षत्ररानयो के रूप में वीर सपूतों को जन्म देती हैं एवं देश पर उन्हें निछावर करती है इस दौरान पार्टी उपाध्यक्ष उमा सिसोदिया ने भी अपने विचार रखे जिससे सभी भावुक हो गए वक्ताओं के रूप में डॉ आरपी रतूड़ी, डी के पाल, श्रीमती सुधा पटवाल, कमलेश रमन, सीमा कश्यप, विपिन खन्ना, दर्शन डोभाल ,शोएब मलिक ,अशोक सेमवाल ,सुशील सैनी ,राजू मौर्या, सागर हांडा, अरमान बेग अक्षय शर्मा , गुलफॉर्म मलिक, नितिन जोशी पंकज अरोड़ा ,सहित सैकड़ों लोग सम्मिलित थे (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस ने शहीदों की दी श्रद्धांजलि
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने शहीद सैनिकों को भावभीनी श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य गाथा की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय सेना विश्व की सर्वोपरि सेना है। उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने कभी भी अपने सिद्धांतों के खिलाफ समझौता नही किया। उन्होंने कहा कि आज तक जितने भी युद्व लडे़ गये, उन्होंने अपनी ताकत और सूझबूझ से भारत के षीष को कभी भी झूकने नही दिया। उन्होंने कहा कारगिल युद्ध के वीर यौद्धा कर्नल गुरप्रीत सिंह की बहादुरी भी युवाओं में नया जोश भरती है। ऑपरेषन विजय के बाद गनहिल की चोटी पर तिरंगा लहराकर देश का मान बढ़ाया। मैं उनके इस साहस को सैल्यूट करता हॅू। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि विभाजन के बाद से ही भारत की हर सीमा पर घुसपैठ की कोशिश होती रही हैं, पर भारतीय सशस्त्र बल के जांबाजों ने हर उस कोशिश को नाकाम कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि लोगों के जेहन में युद्धों की यादें तो रह जाती हैं, पर जिन निडर वीरों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए इन्हें लड़ा और हमें सुरक्षित रखा, अक्सर हम उन्हीं को भूल जाते है। कांग्रेस सैनिक विभाग के अध्यक्ष कैप्टर (सेनि) बलवीर सिंह रावत ने करगिल युद्ध में शहीद हुए जाबांजों को याद करते हुए कहा कि करगिल के शहीदों के शहादतों के गम में वतन के ऑंसू धार बनकर रह गये, खून से लतपथ थे वह आंखिरी सांसों से अलविदा हमसे कह गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस असवर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी, महामंत्री पीके अग्रवाल, नवीन जोशी, मीडिया पेनेलिस्ट गरिमा महरा दसौनी, लक्ष्मी अग्रवाल, ले कर्नल (सेनि) एसपी शर्मा, कर्नल मोहन सिह, मेजर हरि सिंह चौधरी, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, सुबेदार एमएस नेगी, सुबेदार मेजर सीएम भट्ट, सुमे एसएस नेगी, सुमे कृपाल सिंह नेगी, सु. लक्ष्मण सिह, ह. बलवीर सिह पंवार, ह. प्रीतम सिंह सजवाण, कै. आरए शर्मा, सु. रणवीर सिह चौधरी, अमरजीत सिंह आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।