18 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम मंदिर के कपाट, गंगोत्री व यमुनोत्री के 14 मई, केदारनाथ की तिथि शिवरात्रि को होगी तय
विश्व प्रसिद्ध धाम श्री बदरीनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय कर दी गई है। नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में आज पंचांग की गणना के बाद वेदपाठियों, तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में तय किया गया कि 18 मई मंगलवार की सुबह चार बजकर 15 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। वहीं, तेल कलश ( गाडू घड़ा) यात्रा 29 अप्रैल से नरेंद्र नगर से बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होगी।
हर साल बसंत पंचमी के मौके पर बदरीनाथ थाम के कपाट खोलने की तिथि तय होती है। साथ ही अक्षय तृतीय के दिन उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते हैं। इस बार अक्षय तृतीया 14 मई को है। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि के दिन तय की जाती है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने से साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाती है।
आज बसंत पंचमी के पावन मौके पर उत्तराखंड के टिहरी जनपद स्थित नरेंद्रनगर राजमहल में टिहरी नरेश महाराजा मनुजेंद्र शाह की मौजूदगी में राजपुरोहित ने पंचांग देखकर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की। इससे पूर्व आज सुबह डिम्मर से डिमरी धार्मिक केन्द्रीय पंचायत के प्रतिनिधि नरेश डिमरी, एडवोकेट पंकज डिमरी, जयंती प्रसाद डिमरी, संजय डिमरी, अंकित डिमरी आदि गाडू घड़ा लेकर नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार पहुंचे। राजदरबार में महारानी महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह और अन्य सुहागिन महिलाओं ने तिल का तेल निकालकर गाडू घड़े में रखा। इसके पश्चात घड़े को सुंदर तरीके सजाया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले 29 अप्रैल से गाडू घडी तेल कलश शोभा यात्रा नरेंद्र नगर से निकलानी जानी है। जो बद्रीनाथ के पुजारियों के गांव डिम्मर सिमली होते हुए बदरीनाथ पहुंचती है। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद इसी तेल से भगवान बद्रीनाथ का अभिषेक किया जाता है।
आज सुबह ऋषिकेश से नरेंद्रनगर के लिए रवाना हुआ गाडू घड़ा
आज सुबह गाडू घड़ा ऋषिकेश से बदरीनाथ के लिए रवाना हो गया था। नरेंद्र नगर में से ही इस घड़े में तेल लेकर तेल क्लश यात्रा शुरू की जाती है। इस मौके पर बदरीनाथ के रावल ईश्वरी नंबूरी, धर्माधिकारी भुवनचंद उनियाल, डिमरी धार्मिक केन्द्रीय पंचायत कार्यवाहक अध्यक्ष विनोद डिमरी, बदरी केदार मंदिर समिति के पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, धर्मानंद डिमरी प्रबंधक विपिन तिवारी, अमर बेलवाल, उदयवीर रमोला, डा. हरीश गौड़, अमित राणा, रमेश डिमरी, चंद्रबल्लभ डिमरी सहित देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।