कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया कुमार, बोले-कांग्रेस अगर नहीं बची तो देश नहीं बचेगा
जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता रहे कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। वहीं, गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी ने तकनीकी कारण के चलते कांग्रेस की सदस्यता तो नहीं ली, लेकिन कहा कि विचारधारा को लेकर कांग्रेस के साथ खड़ा हूं।
उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी इसलिए ज्वाइन कर रहा हूं कि मुझे यह महसूस होता है कि इस देश में कुछ लोग केवल लोग नहीं हैं, बल्कि वो एक सोच हैं। वो न केवल सत्ता पर काबिज हुए हैं, बल्कि इस देश का वर्तमान और भविष्य खराब करने में लगे हैं। मैं कांग्रेस में इसलिए शामिल होना चाहता हूं कि मुझे लगता है कि कांग्रेस अगर नहीं बची तो देश नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं। क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, यह एक विचार है। यह देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है। मैं ‘लोकतांत्रिक’ पर जोर दे रहा हूं। सिर्फ मैं ही नहीं कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना नहीं रह सकता।
कन्हैया ने कहा कि मेरा मानना है कि आज इस देश को भगत सिंह के साहस, अंबेडकर की समानता और गांधी की एकता की जरूरत है। मुझे लगता है कि यह देश 1947 से पहले की स्थिति में चला गया है। बस्ती में जब आग लग जाती है तो बेडरूम की चिंता नहीं करनी चाहिए। आज इस देश में सत्ता से सवाल करने की परंपरा को बचाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है जो महात्मा गांधी, अंबेडकर, भगत सिंह के सिद्धांतों को आगे लेकर चलेगी। भारतीय होने के इतिहास होने को केवल कांग्रेस पार्टी ही समेटे हुए है। विपक्ष कमजोर होता है तो सत्ता निरंकुश हो जाती है। जो पार्टी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, अगर उसे नहीं बचाया गया, अगर बड़े जहाज को नहीं बचाया गया तो छोटी कश्तियां भी नहीं बचेंगी। देश में जो वैचारिक संघर्ष छिड़ा है उसे केवल कांग्रेस ही दिशा दे सकती है। जब आप जंग में होते हैं तो उपलब्ध चीजों से ही मुकाबला करने की कोशिश करते हैं।
कन्हैया कुमार लोकसभा चुनाव 2019 से ऐन पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) में शामिल हुए थे और बिहार स्थित अपने गृहनगर बेगूसराय से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गिरिराज सिंह के विरुद्ध चुनाव लड़े थे। वह जीत नहीं पाए थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।