चुनाव से ऐन पहले जुगरान ने बदला पाला, आप छोड़कर की भाजपा में घर वापसी, अब भाजपा आगे बढ़ाती है या थमाती है लॉलीपाप
अब यदि भाजपा में ही जाना था तो छोड़ी क्यों थी। ये सवाल पूर्व छात्र नेता और वरिष्ठ आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान पर लागू होता है। कई साल तक भाजपा में रहे। फिर करीब एक साल पहले वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। ये पार्टी भी उन्हें रास नहीं आई।

हालांकि रविंद्र जुगरान न्यायालय में शिक्षकों और छात्रों के मुद्दे उठाते रहे हैं। अशासकीय महाविद्यालयों में उनकी ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के चलते ही इन सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में छह माह से लटका शिक्षकों का वेतन मिल पाया। इसी तरह वह अन्य कई ज्वलंत मुद्दों को याचिका के माध्यम से उठाते रहे हैं और समाधान कराने का प्रयास करते रहे हैं। पूर्व में सीएम मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी के कार्यकाल में उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी मिला, लेकिन छात्र राजनीति में वह जिस तरह से लोकप्रिय रहे, उतनी पकड़ असल राजनीति की पारी में नहीं बना पाए। आरक्षण के खिलाफ आंदोलन हो, या फिर उत्तराखंड राज्य आंदोलन। इन सब में उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
आम आदमी पार्टी को जब जुगरान ने ज्वाइन किया तो समझा जा रहा था कि वह सीएम पद का चेहरा होंगे, लेकिन इस पार्टी में कुछ दिन सक्रिय रहने के बाद वह धीरे धीरे हाशिए में चले गए। कर्नल (सेनि.) अजय कोठियाल को सीएम पद का प्रत्याशी घोषित करने के बाद तो उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भागीदारी करना भी छोड़ दिया था और चुप होकर बैठ गए थे। अब भाजपा में वापसी पर देखना ये है कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी सीट से उम्मीदवार बनाती है, या फिर यहां भी उन्हें लॉलीपाप थमाया जाता है।
देहरादून में भारतीय जनता पार्टी के हरिद्वार रोड स्थित मीडिया सेंटर में प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक ने एक सादे कार्यक्रम में रविन्द्र जुगरान को पार्टी में शामिल कराया। इस मौके पर अध्यक्ष ने कहा कि जुगरान के अनुभवों और क्षमताओं का लाभ पार्टी के आगामी चुनावों में अवश्य मिलेगा। उनका स्वागत करते हुए मदन कौशिक ने बताया कि जुगरान पार्टी के बहुत ही जुझारू और कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं। वह राज्य आन्दोलन के उन गिने चुने चेहरों में शामिल रहे है, जिन्हें आज भी लोग आन्दोलनकारी के रूप में पहचानने हैं। छात्र राजनीति के शीर्ष नेता होने से लेकर पूर्ववृति भाजपा सरकार में दर्जाधारी राज्य मंत्री के तौर पर भी सफलतापूर्वक दायित्व निर्वहन किया है।
वहीं पार्टी में शामिल होते हुए जुगरान ने पार्टी में शामिल होने को अपनी घर वापिसी की तरह बताते हुए स्पष्ट किया कि उन्होंने पूर्व में 25 वर्ष भाजपा संगठन में कार्य किया है। कुछ समय के लिए जरुर वह पार्टी से बाहर थे, लेकिन जब प्रदेश के विकास और लोक कल्याण के लिए पार्टी का विकल्ल्प चुनने का मौका आया तो उन्होंने पाया कि आज भी उनके जेहन में भाजपा के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विचारों के अतिरिक्त कुछ नहीं ठहरता है। लिहाजा भाजपा में आना मेरी सिर्फ इच्छा ही नहीं, विचारों अंतिम संकल्प भी है। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री संगठन अजय, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश सुमन ध्यानी, ऋषिराज डबराल, राजीव तलवार, अजीत नेगी आदि पार्टी पदाधिकारी शामिल थे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।