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February 8, 2025

13 विपक्षी दलों के पत्र का जेपी नड्डा ने दिया जवाब, सभी पर साधा निशाना, हेट स्पीच के सवाल का नहीं दिया जवाब, देश के नाम लिखी चिट्ठी

देश भर में हेट स्पीच के नाम पर चल रही भड़काऊ राजनीति को लेकर 13 विपक्षी दलों के लेटर का बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया। उन्होंने देश के नाम खुली चिट्ठी लिखी। दूसरे राज्यों की सरकारों पर आरोप लगाए।

देश भर में हेट स्पीच के नाम पर चल रही भड़काऊ राजनीति को लेकर 13 विपक्षी दलों के लेटर का बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया। उन्होंने देश के नाम खुली चिट्ठी लिखी। दूसरे राज्यों की सरकारों पर आरोप लगाए। साथ ही कुछ गढ़े मुर्दे भी उखाड़े। इसमें कांग्रेस पर निशाना साधा। उनकी चिट्टी में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि देश भर में कभी धर्म संसद में हेट स्पीच, कभी लाउडस्पीकर विवाद, कभी हिजाब तो कभी हलाल मीट को लेकर फैलाए जा रहे धार्मिक उम्माद के लिए आखिर दोषी कौन है। क्योंकि पिछले कुछ माह से इस तरह के धार्मिक विवाद के चलते देश में सामाजिक माहौल खराब हुआ। रामनवमी के दिन चार राज्यों में हिंसा हुई। हनुमान जयंती पर भी दिल्ली और उत्तराखंड के रुड़की में दंगे हुए थे। विपक्षी दलों ने पीएम मोदी से सवाल किया था कि देश भर में चल रही हेट स्पीच की घटनाओं को लेकर वे चुप्पी क्यों साथ लेते हैं।
बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने देश की मौजूदा स्थिति पर देश के नागरिकों के नाम एक खुला पत्र लिखा। इस पत्र में नड्डा ने विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। नड्डा का पत्र देश के मौजूदा सांप्रदायिक तनाव पर 13 राजनीतिक दलों के पत्र के जवाब में लिखा गया। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि ये दल वोट बैंक की राजनीति करते हैं। राजस्थान के करौली में हुई हिंसा पर चुप्पी साध लेते हैं।
बीजेपी के दिग्गज नेता ने पत्र में लिखा कि चार राज्यों के परिणाम वोट बैंक की राजनीति करने वाले दलों की आंखे खोलने के लिए काफी है। देश का युवा अवसर चाहता है। विकास चाहता है विभाजन नहीं। साल 1966 में इंदिरा गांधी सरकार ने गौहत्या पर प्रतिबंध की मांग को लेकर संसद भवन की ओर कूच कर रहे साधुओं पर गोलियां चलवाईं। 84 में राजीव गांधी ने कहा कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो धऱती हिलती है।
पत्र में लिखा गया कि गुजरात, मुरादाबाद, भिवंडी, मेरठ के दंगे, कश्मीर घाटी में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, भागलपुर दंगे इस तरह कांग्रेस के शासनकाल में दंगों की एक लंबी सूची है। दलितों और आदिवासियों पर कांग्रेस शासन में अत्याचार हुए, कांग्रेस ने संसद के चुनाव में बाबा साहब अंबेडकर को हरवाया। बंगाल और केरल की हिंसा और वहां बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार गवाह है कि ये राजनीतिक दल लोकतंत्र को किस तरह देखती हैं।
जेपी नड्डा ने पत्र में लिखा कि महाराष्ट्र में दो कैबिनेट मंत्री भ्रष्टाचार, हफ्तावसूली और असामाजिक तत्वों से रिश्ते रखने के आरोप में गिरफ्तार हुए। क्या यह चिंता की बात नहीं। पिछले आठ साल में देश की राजनीति में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। पीएम मोदी की अगुवाई में देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास पर आगे बढ़ रहा है। मेरी विपक्षी दलों से अपील है कि वे विकास की राजनीति को बढ़ावा दे।

सांसद वरुण गांधी ने अपनी ही पार्टी को लिया आड़े हाथ
अपनी ही सरकार पर बेबाक टिप्पणी कर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अब फिर से एक बड़ा बयान दिया है। इस बार उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम का कोई मुद्दा नहीं है। ये तो केवल असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है। पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि देश में डेढ़ करोड़ नौकरियां ( पद) खाली हैं, जो भरी नहीं जा रही हैं और नौजवान खाली पेट बेरोजगारी की मार झेलता घूम रहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ों बेरोजगारों को नहीं पता कि आगे उनके साथ क्या होने वाला है। पीलीभीत में विधानसभा और विधान परिषद चुनाव के बाद पहली बार स्थानीय सांसद वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में दो दिवसीय दौरे पर आए और अपने अस्थाई आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने सभा की। वरुण गांधी ने कहा कि निजीकरण होगा तो नौकरियां सीमित होंगी तथा बेरोजगारी और बढ़ेगी। सांसद ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम कोई मुद्दा नहीं है, यह मुद्दा केवल इसलिए है कि असली मुद्दों पर ध्यान ना दिया जाए।
लंबे अरसे के बाद बीजेपी नेता और सांसद वरुण गांधी दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में आए। वरुण गांधी ने अपने अस्थाई आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़ी सभा की। सभा के दौरान संबोधित करते हुए वरुण गांधी अपनी ही सरकार को घेरते दिखे। वहीं किसान आंदोलन की भी बात की। कार्यक्रम के बाद अचानक वरुण गांधी जिला कारागार भी पहुंचे।
सभा में वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार को घेरा और किसान आंदोलन की चर्चा की। युवाओं के रोजगार का मुद्दा उठाते हुए गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई रोजगार और आर्थिक समानता की है, हमारा संविधान यह कहता है कि सबको समान आर्थिक अवसर मिलना चाहिए। सांसद ने कहा कि यह तब संभव है, जब हर हाथ को काम मिलेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसी के भी बैंक खाते में पैसे नहीं आए, दो करोड़ नौकरियां मिलनी थीं पर नहीं मिलीं। किसान की जो आय दुगनी होनी थी वो भी नहीं हुई। सांसद ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि नई नौकरियां पैदा की जाएं, लेकिन जो पहले से घोषित हैं उन पर तो भर्ती होनी चाहिए। यह सरकार का दायित्व है और जिम्मेदारी भी। दिल्ली से दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे सांसद वरुण गांधी ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि असली लड़ाई रोजगार और भ्रष्टाचार की लड़ाई है, यह समय चिंतन करने का है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र का भविष्य भाषण से, चुनाव जीतने-हारने से नहीं बनता है, बल्कि सच्ची देश सेवा से बनता है।
अगली लड़ाई देश में रोजगार के लिए
इसी दौरान सांसद ने कहा कि अगली लड़ाई आने वाले अपने देश के लिए रोजगार की लड़ाई है। आज किसी गांव में जाएं, किसी कस्बे में जाएं आपको सैकड़ों जवान खाली मिलेंगे। जेसीबी मशीन कहीं नाली की खुदाई करने जाती है तो 50 लोग उसको देखने पहुंच जाते हैं, क्या कहें। हम सब लोग राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं। हम 1 मिनट के लिए आपस की लड़ाई दूर करें और एक चीज सोचें कि हमारा भविष्य क्या है। वरुण गांधी ने कहा कि राष्ट्र का भविष्य क्या है, यह महत्वपूर्ण है। आगे उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि राष्ट्र का भविष्य क्या है, राष्ट्र का भविष्य कैसे बने।
भाषण से नहीं बनेगा राष्ट्र का भविष्य
पीलीभीत सांसद ने कहा कि राष्ट्र का भविष्य भाषण से नहीं बनेगा, ना राष्ट्र का भविष्य चुनाव जीतने हारने से बनेगा। आज पूरे प्रदेश की सरकार हमारी है। पूरे में डेढ़ करोड़ नौकरियां जो घोषित नौकरी हैं, लेकिन अभी भरी नहीं गई है। यह कोई नई नौकरियां नहीं हैं। यह वह नौकरियां हैं जो सरकार कहती है कि नौकरियां हैं।

यति नरसिंहानंद ने फिर उगला जहर, मुस्लिमों के संहार के लिए उकसाया, राजा चुप
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद के जहर वाले भाषण लगातार जारी हैं। पुलिस की कार्रवाई का शायद ही कोई असर दिख रहा है। इस बार नरसिंहानंद ने हिमाचल के ऊना में मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगला है। हरिद्वार हेट स्पीच मामले में अखिल भारतीय संत परिषद के हिमाचल प्रदेश के प्रभारी यति नरसिंहानंद जमानत पर रिहा हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के ऊना में एक ‘धार्मिक’ सम्मेलन में अपनी जमानत की शर्तों का उल्लंघन करते हुए एक नफरती बयान दिया है। बैठक में आयोजकों ने हिंदुओं से हथियार उठाने का खुला आह्वान किया और अन्य वक्ताओं ने मुसलमानों की हत्याओं का आह्वान भी किया। बैठक के आयोजकों में से एक, सत्यदेव सरस्वती का कहना है कि यह एक निजी कार्यक्रम था और यहां प्रशासन से अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं, ऐसी हेट स्पीच को लेकर दो दिन पूर्व ही 13 विपक्षी दल साझा बयान जारी कर ऐसी घटनाओं की निंदा कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने ऐसे मामलों में पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरसिंहानंद ने कहा कि वर्तमान समय में हिन्दू समाज पतन की ओर बढ़ रहा है। पहले सिर्फ अमरनाथ यात्रा और वैष्णो देवी की यात्रा पर पथराव होता था। अब राम नवमी, हनुमान जयंती किसी भी हिन्दू पर्व पर पथराव होने लगा है। इससे ज्यादा हिन्दुओं के लिए बुरा क्या होगा। आगे उन्होंने कहा कि देश की राजनीतिक व्यवस्था मुसलमानों के प्रति झुकाव रखती है। यही कारण है कि हिन्दुओं के साथ बुरा व्यवहार हो रहा है। हिन्दुओं को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करके उन्हें बलशाली बनाना चाहिए। ताकि वो अपने परिवार की रक्षा कर सकें।
वहीं इस मीटिंग के आयोजकों में से एक सत्यदेव सरस्वती ने एनडीटीवी को बताया कि यह एक निजी कार्यक्रम है। उन्होंने प्रशासन को लेकर कहा कि हम कानून में विश्वास नहीं करते। हम किसी से नहीं डरते। यहां हम सच कह रहे हैं। भड़काऊ भाषण नहीं दे रहे।
इस बार, ऊना में, साध्वी अन्नपूर्णा सहित कई उपस्थित लोगों ने भड़काउ भाषण दिया। साध्वी अन्नपूर्णा हरिद्वार मामले में भी मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने के लिए पुलिस कार्रवाई का सामना कर रही हैं। अन्य लोगों के साथ साध्वी पर धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने और पूजा स्थल को अपवित्र करने का आरोप लगाया गया था। जनवरी में हरिद्वार में एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया गया था। इस कार्यक्रम में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किया गया था। यति नरसिंहानंद को 18 फरवरी को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। सूत्रों ने बताया, उनकी जमानत शर्तों में से एक यह भी है कि वह ऐसे आयोजनों में भाग नहीं ले सकते।
हालांकि, इस महीने की शुरुआत में भी यति नरसिंहानंद ने दिल्ली के बुराड़ी में मुसलमानों के खिलाफ हथियारों के इस्तेमाल के आह्वान करते हुए नफरती भाषण दिया था। पुलिस ने यति नरसिंहानंद का नाम लेते हुए एक एफआईआर दर्ज की थी, जिन्होंने कहा था कि उन्होंने कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। आयोजक ने फिर भी “महापंचायत सभा” का आयोजन किया और उसमें करीब 700-800 लोग शामिल हुए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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