जोशीमठ में आपदाः 2.85 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि 190 प्रभावित परिवारों को अन्तरिम राहत के तौर पर वितरित

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि भारत सरकार के स्तर पर सीबीआरआई द्वारा भवनों के क्षति का आकलन के लिए क्रेक मीटर सम्बन्धित भवनों पर लगाये गये है। अभी तक 400 घरों का क्षति आंकलन किया जा चुका है। वाडिया संस्थान द्वारा 03 भूकम्पीय स्टेशन लगाये जा चुके है, जिन से आंकड़े भी प्राप्त किये जा रहे हैं। एनजीआईआर द्वारा हाइड्रोलॉजिकल सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। सीबीआरआई, आईआईटी रूड़की, वाडिया इन्स्टीट्यूट, जीएसआई, आईआईआरएस जोशीमठ में कार्य कर रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिह्नित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष/कमरे हैं। इनकी क्षमता 2190 लोगों की है। पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे हैं, जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार 5000 रूपये की दर से घरेलू राहत सामाग्री हेतु अभी तक कुल 73 ( कुल 3.65 लाख रूपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतु 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। मकान किराये के लोग आवेदन कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अभी तक 849 भवनों की संख्या है, जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 165 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 237 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 800 है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तरांड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में प्रभावित परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। अब प्रभावित भवन 763 से ज्यादा हो गए हैं। 145 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने कहा था कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 5000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। साथ ही प्रभावितों को फौरी सहायता के रूप में डेढ़ लाख रुपये दिए जा रहे हैं।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।