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February 6, 2025

जोशीमठ आपदाः बैठकों में व्यस्त रहे सीएम धामी, सचिव आपदा प्रबन्धन ने मीडिया को दिया अपडेट

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ में भूधंसाव के बाद उपजे हालात पर नियंत्रण के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को जोशीमठ में ही डेरा जमाए रहे। इस दौरान उन्होंने जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित परिवारों को अंतरिम पैकेज के पारदर्शी वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित करने के लिए गठित समिति के साथ बैठक की। साथ ही उनका आज अधिकांश समय बैठकों में ही बीता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सदस्यों के सुझावों पर बाजार दर तय की जाएगी। प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए बेहतर से बेहतर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को मानसिक रूप से भी सबल बनाना है। सरकार की ओर से अधिकतम जो हो सकता है, वह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी में औली में गेम्स होने है। कुछ महीने बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। हमें यह भी देखना होगा की जोशीमठ से बाहर कोई गलत संदेश न जाए, ताकि स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित न हो। इसका हम सबको ध्यान में रखते हुए काम करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वैज्ञानिकों और अधिकारियों के साथ की बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनील आइटीबीपी कैंप में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, और भूधंंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों, जिला प्रशासन, पुलिस एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। सीएम ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा हमारी सबसे बडी जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी इंतेजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने भूधंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों से भी वार्ता की और जोशीमठ में भूधंसाव कारणों में चल रहे अध्ययन और शोध के बारे में जानकारी ली। जिसमें वैज्ञानिकों ने अब तक की जांच के बारे में अवगत कराया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को भी सुना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी को आपदा की घड़ी में शासन प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभावित हैं, उनकी जान माल की सुरक्षा करते हुए उनके लिए आगे का रास्ता बनाना हमारी प्राथमिकता है। सीएम ने कहा की जिन लोगों के मकान, दुकान, व्यवसाय प्रभावित हुए है उन सभी को अंतरिम सहायता के रूप में 1.50 लाख तत्कालीक रूप से दिए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। कतिपय लोग जोशीमठ को लेकर गलत माहौल बना रहे है। इससे हमारे लोगों का नुकसान हो रहा है उनकी आर्थिकी प्रभावित हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने दिया अपडेट
उत्तराखंड के सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा आज शाम मीडिया सेंटर सचिवालय में जोशीमठ नगर क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्रभावितों को हर प्रकार की राहत के आश्वासन को पूरा करते हुए अन्तरिम राहत के तौर पर अभी तक 42 प्रभावितों को 63 लाख रूपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों के लिए एसडीआरएफ के तहत 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये की धनराशि वितरित की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जोशीमठ में एनडीआरएफ की 02 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। जोशीमठ क्षेत्र के लिए एक टुकड़ी और रवाना की जा रही है। जोशीमठ में एसडीआरएफ की 08 टुकड़ियां तैनात की गईं हैं। भारत सरकार द्वारा किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु गौचर मे सेना, आईटीबीपी के हैलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। सीबीआरआई, वाडिया इन्संटीयूट, जीएसआई, आईआईआरएस तथा एनजीआरआई की एक समिति जोखिम मूल्यांकन के लिए गठित की गई है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में पानी के डिस्चार्ज में 50 प्रतिशत से भी अधिक की कमी आई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वैज्ञानिकों की टीम जुटी है अध्ययन में
उन्होंने बताया कि आईआईआरएस की ओर से लैण्ड मूवमेन्ट के सैटेलाइट फोटोग्राफस उपलब्ध कराये जायेंगे। सीबीआरआई द्वारा अस्थायी पुनर्वास किये जाने हेतु प्री फेब हट के डिजाईन तैयार किये जा रही है। सीबीआरआई की टीम ने जोशीमठ पहुंचकर क्षतिग्रस्त भवनों का सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया है। साथ हीवाडिया संस्थान द्वारा क्षेत्र का भूकम्प की दृष्टि से अध्ययन किया जा रहा है। वाडिया संस्थान द्वारा तीन भूकम्पीय स्टेशन स्थापित हैं। इसके साथ ही आईआईटी रूड़की द्वारा भू-तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है।जीएसआई द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भूमि सर्वेक्षण एवं पुनर्वास किये जाने के लिए चयनित भूमि का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है। एनजीआरआई हैदराबाद की टीम भूमिगत जल चैनल के अध्ययन के लिए कल जोशीमठ पहुंच रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

42 परिवारों को वितरित किए 63 लाख रुपये
सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने गुरूवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी दी। बताया कि सरकार द्वारा प्रभावितों को दिए गए हर प्रकार के राहत के आश्वासन को पूरा करते हुए विस्थापन हेतु अंतरिम राहत के रूप में 42 परिवारों को 63 लाख रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है। सीबीआरआई द्वारा धवस्तीरण से नुकसान का आंकलन, जिन आवासों/भवनों का धवस्त किया जाना है, का निगरानी और अस्थायी पुनर्वास किये जाने हेतु प्री फेब हट की डिजाईन तैयार की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भवन सर्वेक्षण का कार्य हुआ प्रारंभ
उन्होंने बताया कि सीबीआरआई की टीम आज जोशीमठ पहुंच गयी तथा क्षतिग्रस्त भवन का सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। वर्तमान समय में जोशीमठ में एनडीआरएफ की 02 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। जोशीमठ क्षेत्र के लिए एक टुकड़ी और रवाना की जा रही है। जोशीमठ में एसडीआरएफ की 08 टुकड़ियां तैनात की गई है। इसके साथ ही आकस्मिक स्थिति हेतु सेना, आईटीबीपी के हैलीकाप्टर तैनात किए गए है। आईआईटी रूड़की द्वारा भू-तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है। आई. आई. आर. एस द्वारा लैण्ड मूवमेन्ट का सैटेलाइट फोटोग्राफस उपलब्ध कराये जायेंगे। जीएसआई द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भूमि सर्वेक्षण एवं पुनर्वास किये जाने हेतु चयनित भूमि का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तीन भूकंपयी स्टेशन स्थापित
उन्होंने बताया कि वाडिया संस्थान द्वारा क्षेत्र के भूकम्प के दृष्टि से अध्ययन किया जा रहा है। साथ ही 03 भूकम्पीय स्टेशन लगाये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त भूमिगत उप-सतही सर्वेक्षण के भू-भौतिकीय अन्वेशण शुरू किया गया है। राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भू-भौतिकीय अध्ययन किया जा रहा है। जिसका हाइड्रोलाजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जायेगा। एनजीआरआई हैदराबाद की टीम कल जोशीमठ पहुंच रही है। जोकि भूमिगत जल चैनल का अध्ययन करेगी। जोखिम मूल्यांकन हेतु सीबीआरआई, वाडिया इन्संटीयूट, जीएसआई, आईआईआरएस तथा एनजीआरआई की समिति गठित की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कम हुआ पानी का डिस्चार्ज
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो 06 जनवरी 2023 करे 540 एलपीएम था, वर्तमान में घट कर 240 एलपीएम हो गया है। अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 344 कक्ष/कमरे हैं, जिनकी क्षमता 1425 लोगों की है। पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे हैं, जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। उन्हें चिह्नित कर लिया गया हैं। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार 5000 रूपये की दर से घरेलू राहत सामाग्री के लिए अभी तक कुल 73 ( कुल 3.65 लाख रूपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतु 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ड्रेनेज के लिए सिंचाई विभाग से आया प्रस्ताव
सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि जनपद चमोली में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये धनराशि रू 11.00 करोड़ पूर्व में ही अवमुक्त की जा चुकी है। 4000 रूपये प्रति परिवार की दर से 03 परिवारों को 12000 रूपये वितरित किये जा चुके हैं। जोशीमठ में ड्रेनेज सम्बन्धित कार्यों तथा टो-इरोजन की रोकथाम हेतु तत्काल कार्य प्रारम्भ किये जाने के उददेश्य से ईपीसी मोड में कार्य करवाने के लिये सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। उक्त प्रस्ताव में प्रस्तावित एकल स्रोत की संस्था को नामित किये जाने हेतु पत्रावली वित्त विभाग के अनुमोदन हेतु भेजी गयी है। जोशीमठ में आपदा प्रभावित एच०टी०/एल०टी० लाईनों एवं परिर्वतकों को स्थानान्तरित किये जाने हेतु ऊर्जा विभाग को धनराशि रू 214.43 लाख अवमुक्त की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

760 भवनों में दरार चिह्नित
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अभी तक 760 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 128 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 145 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 589 है। प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 से ज्यादा परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। अब प्रभावित भवन 700 से ज्यादा हो गए हैं। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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