श्रम कानूनों के विरोध में विभिन्न संगठन रहे हड़ताल पर, दून में किया प्रदर्शन
उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स संघर्ष समिति ने भी देशव्यापी मजदूर हड़ताल में भागेदारी करते हुए आज देहरादून के गांधी पार्क के समक्ष प्रदर्शन किया। इस मौके पर दावा किया गया कि मजदूरों की हड़ताल सफल रही। वक्ताओ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के कारण देश के करोड़ों मजदूर बेरोजगार होकर आज भूखों मरने की स्थिति में है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक 12 करोड से अधिक श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। देश को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने वाले दोनों वर्गो (किसान व मजदूर वर्ग) का गला घुटने का काम वर्तमान भाजपा सरकार ने किसान विरोधी बिल बिना चर्चा के बहुमत के आधार पर पास कराकर एवं मजदूरों के रक्षा कवच 44 श्रम कानूनों में भारी बदलाव करके किया है।
विभिन्न सरकारी व निजी कार्यालयों में हड़ताल करने के बाद कर्मचारी जुलूस की शक्ल में गांधी पार्क पहुंचे। इस अवसर पर इंटक के प्रांतीय अध्यक्ष व पूर्व केबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज, अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी, एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा, एक्टू के केपी चंदोला, बैंक कर्मचारियों कि यूनियन के एसएस रजवार, सीके जोशी, बीमा से नन्दलाल शर्मा , आंगनबाड़ी कार्यकत्री / सेविका कर्मचारी यूनियंस प्रांतीय महामंत्री चित्रा, रजनी गुलेरिया, आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन से अनीता अरोड़ा, भोजन माता कामगार यूनियन की प्रांतीय महामंत्री मोनिका, दून स्कूल कर्मचारी पंचायत से नरेंद्र सिंह, यूकेएमएसआरए के दीपक शर्मा ने विचार व्यक्त किए।
वक्ताओ ने कहा कि केंद्र कि मोदी सरकार ने तीन श्रम कानूनों को संशोधन करके पारित किया। जो कि गैर जनतान्त्रिक होने के साथ ही मजदूरों को गुलामी कि ओर धकेलने वाले हैं। कारपोरेट्स को फायदा पहुचांने के लिए मजदूरों के अधिकारों को समाप्त किया जा रहा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।