संयुक्त ट्रेड यूनियन की 28 और 29 मार्च को हड़ताल, देहरादून में बनाई गई रणनीति, छह मार्च को होगा संयुक्त सम्मेलन
उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति की बैठक इंटक अध्यक्ष व पूर्व केबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में उनके निवास स्थान सेवक आश्रम रोड देहरादून पर सम्पन्न हुई।

उक्त आशय की जानकारी सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने दी। उन्होंने बताया कि केंद्र की मजदूर विरोधी नीतियों में श्रम कानूनों को लगभग समाप्त करके चार श्रम संहिताएं बनाई गई हैं। जो कि मालिकों के पक्ष में व मजदूरों के शोषण को बढ़ाने के लिए लिए है। साथ ही बैंक, बीमा सहित अन्य सरकारी संस्थानों के निजीकरण के खिलाफ यह हड़ताल की जा रही है।
इस अवसर पर इंटक के अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि मोदी सरकार मजदूरों के सुरक्षा कवच श्रम कानूनों को समाप्त कर उन्हें गुलामी की ओर धकेल रही है। इससे मजदूरों को जिल्लत की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने 28 और 29 मार्च की हड़ताल को सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
इस अवसर पर एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि मजदूर अपनी गुलामी कभी स्वीकार नही करेगा। वह संघर्ष कर केंद्र सरकार को पीछे हटने के लिए मजबूर कर देगा। इस अवसर पर सीटू के के रविन्द्र नौडियाल, एटक से ईश्वर पाल शर्मा, बैंक यूनियन से एसएस रजवार, इंटक के ओपी सूदी आदि ने विचार व्यक्त किए।