एसओजी देहरादून और एसटीएफ मेरठ की संयुक्त कार्रवाई, ऑनलाइन इंजिनियरिंग इंट्रेंस परीक्षा में नकल कराने वाले दो धरे
एसओजी देहरादून तथा एसटीएफ मेरठ की संयुक्त टीम ने नकल माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई की है। संयुक्त टीम ने ऑनलाइन इंजिनियरिंग इंट्रेंस परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के दो सदस्यों को देहरादून के रायपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन तथा परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड व अन्य दस्तावेज हुए बरामद किए गए। आरोप है कि उन्होंने अभियुक्तों परीक्षा केन्द्र में पूर्व से ही सर्वर रूम के माध्यम से कुछ सिस्टमों का एक्सेस कर लिया था। वे सर्वर रूम से ही पेपर सॉल्वर के माध्यम से परीक्षार्थियों के पेपर को ऑनलाइन सॉल्व कर करके उसे सबमिट कर देते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि 27 अप्रैल 2024 को एसटीएफ मेरठ की टीम को देहरादून के कुछ परीक्षा केंद्रों में नकल माफियाओं की ओर से विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने की गोपनीय सूचना मिली थी। इस पर देहरादून पुलिस ने एसटीएफ मेरठ की टीम से समन्वय स्थापित करते हुए 27 अप्रैल 2024 को एसओजी देहरादून तथा एसटीएफ मेरठ उत्तर प्रदेश की संयुक्त टीम के साथ सूचना के आधार पर सहस्त्रधारा रोड स्थित एडु चॉइस कंसलटेंसी लैब में दबिश दी। जहां पर दिनांक 20 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच तमिलनाडु के एक निजी विश्वविद्यालय की ऑनलाइन एंट्रेंस परीक्षा भी आयोजित की गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
छापेमारी की कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम को मौके पर जितेश कुमार निवासी ग्राम व पोस्ट अत्री थाना रूनी सैदपुर जिला सीतामढ़ी बिहार वर्तमान निवासी सहस्त्रधारा रोड डांडा लखोंड आईटी पार्क और राहुल कुमार निवासी अघोरिया बाजार प्रोफेसर कॉलोनी थाना काजिमो मोहम्मदपुर जिला मुजफ्फरपुर बिहार वर्तमान निवासी रुद्राक्ष एनक्लेव डांडा लखोंड आईटी पार्क मिले। इनकी तलाशी में पुलिस टीम को उनके पास से मोबाइल फोन, लैप टॉप तथा 20 से 25 अप्रैल तक आयोजित की गई परीक्षा मे सम्मिलित कुछ परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड तथा उनके एप्लीकेशन नम्बर लिखी हुई आनलाइन एक्जाम की डिस्प्ले की फोटो कॉपी बरामद हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सख्ती से पूछताछ करने पर अभियुक्तों ने उक्त परीक्षा में अभ्यर्थियों के सिस्टम का सर्वर रूम से एक्सेस प्राप्त कर आनलाइन पेपर साल्व करवाने की बात स्वीकार की। दोनो को मौके से गिरफ्तार किया गया। साथ ही बरामद मोबाइल, इलेक्ट्रानिक उपकरण व परीक्षार्थियों से सम्बन्धित दस्तावेजों को कब्जे में लिए गए। उक्त प्रकरण के सम्बंध में मेरठ एसटीएफ की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर अभियुक्त राहुल कुमार, जितेश कुमार, कुलवीर तथा गौरव यादव के विरूद्व थाना रायपुर में मुकदमा पंजीकृत किया गया। पुलिस के मुताबिक, गिरोह के सरगना कुलवीर, निवासी हरियाणा तथा गैारव, निवासी बिजनौर का नाम प्रकाश में आए हैं। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे करते हैं नकल का धंधा
पूछताछ में जीतेश ने बताया गया कि वह सहस्त्रधारा रोड पर ऐजू एडु चॉइस कंसलटेंसी नाम से आफिस चलाता है तथा राहुल उसके आफिस का सारा काम देखता है। वे दोनो कुलवीर निवासी हरियाणा तथा गौरव, निवासी बिजनौर के लिये काम करते है। कुलवीर की सेंट जेवीयर स्कूल कैनाल रोड के पास आनलाइन एक्जामिनेशन नाम से एक लैब है। गौरव यादव और राहुल विभिन्न सस्ंथानों में प्रवेश दिलाने के लिये छात्रों से सम्पर्क करते है। तथा उन्हें उक्त परिक्षाओं का फार्म भरवाकर एडमिट कार्ड उपलब्ध करवाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उसके पश्चात गौरव, कुलवीर के साथ मिलकर विभिन्न लैबो से बातचीत कर परीक्षार्थियों के ऑनलाइन परीक्षा के दौरान पेपर सॉल्व करवाते है। इसके लिये वे अलग-अलग लैबो में कुछ कम्प्यूटर सिस्टम का सर्वर रूम के माध्यम से पूर्व में ही एक्सेस ले लेते हैं। जिन परीक्षार्थियों के पेपर सॉल्व करवाने होते है, उन्हें पूर्व में एक्सेस लिये गये कम्प्यूटर सिस्टम पर बैठाया जाता है। सर्वर रूम में बैठकर पेपर सॉल्वर द्वारा एनी डेस्क सॉफ्टवेयर के माध्यम से सिस्टम का एक्सेस लेकर उनके ऑनलाइन पेपर सॉल्व कर वहीं से सबमिट किये जाते है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान पेपर सॉल्वर बीच-बीच में ऑनलाइन पेपर के स्क्रिन शॉट बाहर बैठे व्यक्तियों व परीक्षार्थियों को भी भेजते रहता है, जिससे उन्हें पेपर सॉल्व होने की जानकारी मिलती है। पेपर सॉल्व करवाने के एवज में वे अभ्यर्थियो से एक से डेढ लाख रूपये तक की रकम लेते हैं। जिसे बाद में वे आपस में बॉट लेते है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।