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November 8, 2024

बजट के खिलाफ जनवादी महिला समिति ने देहरादून और अल्मोड़ा में फूंका केंद्र का पुतला

आम बजट को महिला विरोधी बताते हुए जनवादी महिला समिति ने देहरादून और अल्मोड़ा में केंद्र सरकार का पुतला जलाया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई।


आम बजट को महिला विरोधी बताते हुए जनवादी महिला समिति ने देहरादून और अल्मोड़ा में केंद्र सरकार का पुतला जलाया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। साथ ही कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई।
देहरादून में जनवादी महिला समिति की महामंत्री दमयंती नेगी के नेतृत्व में पटेलनगर में महिलाओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान जोरदार नारेबाजी करते हुए बजट वापस को महंगाई को बढ़ावा देने वाला बताया गया। साथ ही किसानों के उत्पीड़न रोकने तथा किसानों की मांग पूरी करने की मांग की गई।


समिति की अलमोड़ा इकाई ने के तहत अल्मोड़ा के गांधी पार्क में प्रदर्शन करते हुए मोदी सरकार का पुतला फूंका गया। इस दौरान कहा गया कि बजट में गरीबों और महिलाओं की अनदेखी की गई। महामारी के संकट में सरकार की ओर से लाए गए श्रम संहिता और कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ पूरा देश आंदोलनरत है। इस महामारी के दौरान आर्थिक प्रभाव से अमीर तो उबर गए हैं, जबकि देश की अधिकांश जनसंख्या बेरोजगारी, आय में गिरावट और अत्यधिक खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है।
इस दौरान आय में सुधार के लिए कदम उठाने, मुफ्त राशन और खाद्य सब्सिडी , मनरेगा में अधिक निवेश, महिलाओं के लिए सुरक्षा में बढ़ौतरी, महिला हिंसा के बढ़ते मामलों के पीड़ितों के लिए पुनर्वास और अधिक सहायता के लिए प्रभावी ढंग से कदम उठाने की मांग की गई।
वक्ताओं ने कहा कि बजट में सार्वजनिक व्यय में गंभीर कटौती की गई है। जेंडर बजट सकल घरेलू उत्पाद का 0.4 प्रतिशत है। महिला एवम बाल विकास मंत्रालय के आबंटन में केवल 3310 करोड़ रुपए है, जो शर्मनाक ढंग से कम है। समग्र लिंग बजट में कमी, पोषण और खाद्य सुरक्षा पर खर्च में कटौती के रूप में साफ दिखाई देता है। खाद्य सब्सिडी में में 42.5 प्रतिशत की कमी है। रष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना, विधवा पेंशन, मिशन शक्ति, महिलाओ की सुरक्षा और सशक्तीकरण जैसी योजनाओं पर कटौती, आईसीडीएस और आशा कार्यकर्ताओं की मांगों को भी नजरंदाज करने से बढ़ते कुपोषण की स्थिति को और खराब करेंगी।
वक्ताओं ने कहा कि कुल मिलाकर मोदी सरकार का बजट सार्वजनिक सेवाओं के कॉरपोरेट घरानों के अधिग्रहण को ही बढ़ावा देता है। जिससे जीवन निर्वाह की लागत का बढ़ना तय है। महिलाओ पर अतिरिक्त बोझ और उन्हे बेहद कमजोर स्थिति में डालता है। प्रदर्शन में समिति की प्रांतीय अध्यक्ष सुनीता पांडे, जिला सचिव राधा नेगी, उप सचिव पूनम तिवारी, कार्यकारिणी सदस्य जया पांडे, भावना, आशा, इंदु रिधिमा,लीला आदि ने भाग लिया।
कल देहरादून में सीपीएम करेगी प्रदर्शन
सीपीएम 6 फरवरी को किसानों के आन्दोलन के समर्थन में तथा बजट के विरोध में देहरादून में केन्द्र सरकार का पुतला दहन करेगी। उक्त आशय का निर्णय सचिव मंडल की बैठक में लिया गया। बैठक में वक्ताओं ने केंद्र सरकार की जनविरोधी, कारपोरेटपरस्त नीतियों की कडे़ शब्दों में आलोचना की। कहा कि मोदी सरकार सब कुछ बडे़ घरानों तथा विदेशी पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। साथ ही देश की जनता के खिलाफ खड़ी है। सीपीएम कल मोदी सरकार की किसान, मजदूर, आम जनता विरोधी नीतियों के खि केन्द्र सरकार का पुतला दहन करेगी। वक्ताओं ने कहा है कि सरकार एवं उनके समर्थकों को किसान आन्दोलन का समर्थन कर रहे देश, विदेश की प्रमुख हस्तियों की आलोचना करने के बजाय किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना चाहिए। इस अवसर पर जिला सचिव राजेंद्र पुरोहित, अनन्त आकाश, लेखराज, कमरूद्दीन, माला गुरूंग आदि ने विचार व्यक्त किए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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