उत्तराखंड में आंदोलनकारियों के चिह्निकरण को लेकर जनवादी महिला समिति ने किया डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन
उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नित करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने आज जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।

इसमें कहा गया है कि वर्ष 1994 से उत्तराखंड राज्य प्राप्ति तक जनवादी महिला समिति के बैनर तले लगातार लगभग 300 महिलाएं हरदिन राज्य प्राप्ति आन्दोलन में सक्रिय भूमिका में रही। महिला समिति की तत्कालीन जिला महामंत्री इन्दु नौडियाल संयुक्त संघर्ष समिति की सदस्य भी रही। इसमें वे निरन्तर सक्रिय भूमिका में रही। इन महिलाओं को भी आंदोलनकारियों की सूची में शामिल तक नहीं किया गया। उन्होंने चिह्नीकरण से वंचित सभी आन्दोलकारियों का चिह्नीकरण करने, पूर्व की भांति एलआईयू द्वारा आन्दोलनकारियों के चिह्नीकरण के लिए खुली जांच कराने, चिह्नीकरण के लिए वरिष्ठ आन्दोलकारी तथा आंदोलनकारी संगठनों के पूर्व पदाधिकारियों तथा कमेटी के सदस्यों की ओर से दिए गए शपथपत्र को आधार माना जाऐ ।
उन्होंने ये मांग भी की है कि पुराने अखबारों की कतरनों, पत्रिकाओं को भी चिह्नीकरण का आधार माना जाए। वरिष्ठ आन्दोलनकारियों का पैनल बनाकर चिह्नीकरण में सहायता ली जाए। प्रदर्शनकारियों में समिति की प्रान्तीय उपाध्यक्ष इन्दुनौडियाल व जिलाध्यक्ष नुरैशा अंसारी, वृन्दा मिश्रा, शाकुम्भरी रावत, कुसुम नौडियाल, सुमित्रा, जानकी, मोहनी, राजेश्वरी, भागरथी, चन्दा, शकुंतला, पुष्पा, यशोदा, विमला राणा, सतेश्वरी, गौरादेवी, महेश्वरी, शोभा आदि बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।