सवालों के घेरे में जेल की सलाखेंः जहां बंद है हाईप्रोफाइल मुख्तार अंसारी, वहां से भाग निकला मामूली बंदी
उत्तर प्रदेश के जेल की सलाखें भी सवालों के घेरे में आ गई। यानी की जेल की सुरक्षा भी हवा हवाई है। बांदा जिले की जेल से रविवार को एक कैदी फरार हो गया। इस जेल को पिछले दिनों सबसे सुरक्षित बताते हुए सरकार ने मुख्तार अंसारी को यहां रखा था। इसी जेल से कैदी के फरार होने के साथ ही जेल की सुरक्षा से जुड़े सारे मिथक टूट गए। इस जेल के CCTV कैमरों की निगरानी सीधे लखनऊ में डीजी जेल के दफ्तर में होती है। इसके बावजूद जेल की सुरक्षा कवज को एक मामूली बंदी भेद गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 वर्षीय विजय आरख नाम का कैदी चोरी के इल्जाम में 6 फरवरी को जेल लाया गया था। कल दिन में उसे दूसरे कैदियों के साथ जेल के फार्म पर खेती के काम से भेजा गया था। वहां से वो शाम को वापस आ गया था। रात पौने सात बजे तक उसे लोगों ने जेल में देखा, लेकिन उसके बाद नहीं मिला।
युवक के गायब होने की खबर लगते ही जेल में हंगामा मच गया। फौरन अलार्म को बजाया गया और जिला प्रशासन के बड़े अफसर भी जेल पहुंच गए और उसकी तलाश की गई। रात में जेल पहुंचे बांदा के सिटी मजिस्ट्रेट केशव नाथ ने बताया था कि जेल के अधिकारियों का मानना है कि कैदी चोर है इसलिए शायद उसने खुद को कहीं जेल के अंदर ही छुपा लिया होगा। सारी रात चली तलाशी के बावजूद जब वह नहीं मिला तब आज सोमवार की सुबह डीजी जेल आनंद कुमार के दफ्तर ने उसके फरार होने का प्रेस नोट जारी किया।
इस मामले में इलाके के थाने में प्राथमीकी दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है। गौरतलब है मुख्तार अंसारी, उप्र में कई मामलों में वांछित हैं। पिछले दिनों उन्हें पंजाब के रूपनगर जिले से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। मुख्तार अंसारी के स्थानांतरण से पहले इस जेल की सुरक्षा को और पुख्ता किया गया था, लेकिन एक चोर के भाग जाने से सारी तैयारियां सवालों के घेरे में आ गई हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।