गलती परिवहन निगम अधिकारियों की, भुगत रहे हैं चालक और परिचालक, यूनियन की बैठक में जताया गया रोष

उत्तराखंड में परिवहन निगम के चालक और परिचालक अधिकारियों की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं। इनके साथ सेवानिवृत्त कर्मी भी हैं। लगातार उनके वेतन से कटौती की जा रही है। राज्य पथ परिवहन निगम कर्मचारी यूनियन (सीटू) की बैठक में इस कटौती का कड़ा विरोध किया गया। साथ ही इसे उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन बताया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कार्यशाला में राज्य पथ परिवहन निगम कर्मचारी यूनियन की बैठक की अध्यक्षता राजकुमार गोयल ने की। इसमें सेवानिवृत्ति और सेवारत कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक में यूनियन के प्रांतीय महामंत्री दया किशन पाठक ने कहा कि परिवहन निगम में 11-11 2020 को एक आदेश जारी किया गया था कि परिवहन निगम में कार्य कर रहे तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पूर्व में गलत भुगतान किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि ये आदेश पत्र संख्या 164 दिनांक 11. 11 2020 का है। इस आदेश के बाद से ही कर्मचारियों के वेतन से कटौती के आदेश पर जारी कर कटौती करनी शुरू कर दी गई। ये कटौती परिवहन निगम के चालक और परिचालक के पद पर नियोजित कर्मियों के वेतन से की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वर्षों से चालकों व परिचालकों के वेतनमान का निर्धारण करने के लिए पांच सक्षम अधिकारियों की कमेटी होती है। उनके द्वारा चालक एवं परिचालकों के वेतन का निर्धारण किया गया था। कमेटी द्वारा वेतन का गलत निर्धारण करने के परिणाम स्वरूप आज कर्मचारियों के वेतन एवं उनके विधिक देयो को से कटौती किया जाना सरासर अनुचित व विधि के विरुद्ध है। क्योंकि इसमें चालक एवं परिचालकों का किसी प्रकार का लेश मात्र दोष नहीं है। वे पूर्व के वेतन निर्धारण के अनुसार वेतन प्राप्त कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि चालक एवं परिचालक वेतन पर हर वर्ष आयकर का भुगतान भी कर रहे हैं। निगम के कुछ आला अधिकारियों के गलत आदेश के बाद सेवा कर रहे हैं व सेवानिवृत कर्मचारियों की ग्रज्युएटी (उपादान) धनराशि से एकमुस्त कटौती की जा रही है, जो सरासर नियम के विरोध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यही नहीं, उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल की ओर से 9 .3 .2022 व दिनांक 12 .1. 2024 के निर्णय में कर्मचारियों से इस कटौती को किये जाने को गलत बताया गया है। इसके बावजूद निगम प्रबंधन द्वारा उच्च न्यायालय उत्तराखंड के निर्णय का भी उल्लंघन किया जा रहा है। साथ ही सेवारत कर्मचारियों के वेतन से निरन्तर कटौती की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में बलवीर सिंह रावत ने कहा कि परिवहन निगम के अधिकारियों द्वारा उच्च न्यायालय उत्तराखंड के निर्णय को भी अनदेखा पर किया जा रहा है। निगम ने जिन कर्मचारियों के वेतन की कटौती की है, उसको तुरंत निरस्त कर कटौती की गई धनराशि का तत्काल भुगतान कर्मचारियों को किया जाए। साथ ही निगम के छवि को धूमिल करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध निगम नियमावली के तहत अनुशासनिक कार्रवाई की जाए। बैठक में उदय वीर सिंह, मंगल सिंह, महेश कुमार, श्याम सिंह, अशोक शर्मा, शुशील शर्मा, रमेश सिंह, प्रदीप, सुरेश कुमार, हरेंद्र कुमार, भुवन चंद, सुखबीर सिंह, रविन्द्र कुमार, देश राज आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।