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September 16, 2024

स्वस्थ मन, स्वस्थ जीवन के लिए नशे से दूर रहना जरूरीः मोना बाली

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देहरादून में फूलचंद नारी शिल्प मंदिर गर्ल्स इंटर कॉलेज में छात्राओं को नशा मुक्त भारत बनाने में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया। स्वतंत्रता दिवस से उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम की थीम- “विकसित भारत, भारत को नशे से मुक्त होना चाहिए” और मंत्र “विकसित भारत का मंत्र-भारत” को शामिल किया गया। स्कूल में छात्र और शिक्षक नशा मुक्त राज्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रतीक रहें। इसके लिए एक मानव श्रृंखला बनाई गई। साथ ही इस उद्देश्य का समर्थन करने की शपथ ली गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल मोना बाली ने छात्रों पर मादक द्रव्यों के सेवन यानि “नशा” के गंभीर और दूरगामी प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्वस्थ दिमाग, स्वस्थ जीवन: नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में सच्चाई, विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग संज्ञानात्मक कार्यों को काफी हद तक ख़राब कर देता है। इससे एकाग्रता, स्मृति और शैक्षणिक प्रदर्शन में कठिनाई होती है। संज्ञानात्मक क्षमताओं में यह गिरावट छात्रों की आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल में बाधा डालती है। इसके परिणामस्वरूप उनकी शिक्षा और ग्रेड पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मोना बाली ने यह भी कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन से अक्सर व्यवहार संबंधी समस्याएं होती हैं। इनमें बढ़ती आक्रामकता, सामाजिक अलगाव और प्रेरणा की हानि आदि हैं। ये व्यवहारिक परिवर्तन कक्षा के वातावरण को बाधित कर सकते हैं और साथियों और शिक्षकों के साथ संबंधों में तनाव पैदा कर सकते हैं। शैक्षणिक प्रभावों से परे, मादक द्रव्यों के सेवन से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें अवसाद, चिंता और मनोदशा में बदलाव शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

प्रिंसिपल ने बताया कि मादक द्रव्यों का सेवन गंभीर दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। नशीली दवाओं या अल्कोहल के सेवन में संलग्न छात्रों को यकृत रोग, हृदय संबंधी समस्याएं और श्वसन संबंधी समस्याएं विकसित होने की अधिक संभावना होती है। असुरक्षित यौन संबंध या लापरवाही से गाड़ी चलाने जैसे खतरनाक व्यवहार की संभावना इन जोखिमों को और बढ़ा देती है। इससे दुर्घटनाओं और चोटों की संभावना बढ़ जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अभियान का समर्थन करने के लिए छात्राओं ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता फैलाने के लिए पोस्टर बनाए। इस कार्यक्रम ने व्यापक शिक्षा, सहायता प्रणालियों और सक्रिय हस्तक्षेप के माध्यम से मादक द्रव्यों के सेवन को संबोधित करने और रोकने के महत्व को रेखांकित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस कार्यक्रम में प्रिंसिपल मोना बाली के साथ शांति बिष्ट, सीमा सिंह, सुजाता शर्मा, सुषमा कोहली, मीनू गुप्ता, रेनू जोशी और शिक्षिकाओं में अनामिका, विदुषी, पार्वती, पूनम, नंदिनी, भावना और छात्राएं अन्य शामिल थीं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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