अमेरिका के हमले के बाद ईरान का पलटवार, इजराइल के 10 शहरों में दागी 27 मिसाइल, 10 सटीक निशाने पर, 10 हजार लोगों ने छोड़ा घर

इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष अब भीषण रूप लेता जा रहा है। शनिवार को इस जंग में अमेरिका ने एंट्री की और ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया। ये ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फहान हैं। हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ। इस हमले के बाद ईरान ने पलटवार करते हुए इजरायल के 10 शहरों को निशाना बनाते हुए 27 से लेकर 35 मिसाइलों से हमला किया। इसमें तेल अवीव और हाइफा जैसे शहर में शामिल हैं। हमलों से आसपास के इलाकों में अफरा तफरी मच गई। ईरान के हमले के चलते इजराइल की स्थिति ये है कि आज के हमले के बाद करीब 10 हजार लोगों ने घर छोड़ दिया है। बाकि लोग बंकरों में दुबके पड़े हैं। यही नहीं वहां के बड़े नेता भी अमेरिका भाग गए हैं। हालांकि, ईरान का कहना है कि अमेरिका के हमले में उसके परमाणु ठिकानों को नुकसान नहीं पहुंचा है। खास बात ये है कि इजराइल की आबादी करीब 75 लाख है। ईरान की तुलना में इसका (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इजराइल की दादागिरी को इस बार ईरान सबक सिखा रहा है। नतीजा ये निकल रहा है कि इजराइल के शहर खंडहर बनते जा रहे हैं। ऐसे में इजराइल को अब मानवता की याद आ रही है। वहीं, कुछ समय पहले तक इजराइल ने जब गाजा पट्टी या हमास पर हमला किया था तो उसने भी वहां आम नागरिकों को भी निशाना बनाया। अस्पतालों को ध्वस्त कर दिया था। हाल ही के दिनों में खाना लेने की लाइन में लगे लोगों को भी इजराइल के टैंक से चले गोलों ने मौत की नींद सुला दिया था। अब जब अपनी जान पर बन आई तो इजराइल को युद्ध के नियम याद आने लगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दस शहरों में फैली दहशत
तेहरान और तेल अवीव के बीच जारी टकराव शनिवार को तब और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया, जब ईरान ने अमेरिका और इजरायल द्वारा अपने परमाणु केंद्रों पर किए गए हमलों के जवाब में इजरायल के प्रमुख शहरों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर दिया। इस जवाबी कार्रवाई में तेल अवीव, हाइफा और यरुशलम सहित 10 शहर निशाने पर रहे। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई और इजरायल ने अपना हवाई क्षेत्र तत्काल बंद कर दिया। इजरायली सेना ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए ईरान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे संघर्ष और अधिक उग्र हो गया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तत्काल युद्धविराम की अपील की है, लेकिन दोनों पक्षों के रुख से संघर्ष के और बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अमेरिका के हमले के बाद ईरान का बड़ा हमला
अमेरिका के हमले के के जवाब में ईरान ने इजराइल पर बड़ा हमला करते हुए वहां मिसाइलें दागीं हैं। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने कहा कि उन्होंने इजराइल पर सबसे बड़ा अटैक किया है और 14 अहम ठिकानों को निशाना बनाया है। वहीं, टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, हाइफा और तेल अवीव के मिलिट्री और रिहायशी ठिकानों पर ईरानी मिसाइलें गिरी हैं। इजराइल में अब तक 86 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। वहीं, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने रविवार दोपहर पीएम मोदी को फोन किया। ANI के मुताबिक दोनों के बीच 45 मिनट तक बातचीत हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अमेरिकी-इजरायली हमलों ने बढ़ाया तनाव
13 जून, 2025 को शुरू हुए ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत अमेरिका और इजरायल ने मिलकर ईरान के परमाणु ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। नतांज और फोर्डो जैसे अत्यंत संवेदनशील परमाणु प्रतिष्ठानों पर सटीक मिसाइलें दागी गईं। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, ये हमले ईरान की परमाणु कार्यक्रम को को रोकने के उद्देश्य से किए गए थे। इस ऑपरेशन में कम से कम 865 ईरानी नागरिक, वैज्ञानिक और सैन्यकर्मी मारे गए। कई प्रमुख परमाणु संयंत्रों को भारी क्षति पहुंची। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन हमलों के बाद ईरान में गुस्सा भड़क उठा। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका और इजरायल को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। इसके साथ ही ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III का आगाज़ हुआ। इसमें ईरान ने सीधे इजरायल पर व्यापक मिसाइल हमला किया। सइस हमले में ईरान ने दो चरणों में कम से कम 27 बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल की ओर दागीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि, कुछ अन्य मीडिया की खबरों में 37 मिसाइल दागने की बात कही जा रही है। रिपोर्ट में बताया तो ये भी जा रहा है कि इनमें अधिकांश मिसाइल सटीक निशाना लगाने में कामयाब हुई। ईरान की मिसाइल के हमले को देखकर दुनियाभर के लोग अचरज में हैं। कई मिसाइल हवा में ही छह गुलाटी मारकर टारगेट पर पहुंच रही हैं। कई मिसाइल जब आसमान में पहुंच रही हैं तो वे कई मिसाइल यानि की दस से 12 मिसाइल में परिवर्तित हो रही हैं। ऐसे में इन्हें रोकने की प्रणाली विफल हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) के अनुसार, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी ली। मिसाइलों और ड्रोनों की बरसात मुख्यतः इजरायल के घनी आबादी वाले शहरों, तेल अवीव, हाइफा, यरुशलम, बीरशेबा, नेस त्जिओना, अश्दोद, अश्केलोन, कफ़र सबा, नहारिया और रमल्ला पर हुई। वहीं, जब इजराइल ने गाजा पट्टी, हमास आदि को लेकर मिसाइल दागी तो उसमें भी अस्पताल और आम नागरिकों को भी निशाना बनाया गया। अब जैसी करनी वैसी भरनी की कहावत भी इस लड़ाई में देखने को मिल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इजराइल के तेल अवीव के एक आवासीय क्षेत्र में मिसाइल गिरने से 13 लोग घायल हो गए, जबकि नेस त्जिओना में घरों को नुकसान पहुंचा और 6 अन्य नागरिक घायल हुए। बीरशेबा स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर में भीषण आग लग गई और मरीजों को तत्काल बाहर निकाला गया। हाइफा में एक इजरायली एयर डिफेंस इंटरसेप्टर के फेल होने के कारण वह जमीन पर आ गिरा, जिससे तीन नागरिक घायल हुए। सायरन न बजने को लेकर उठे सवालों पर आईडीएफ ने सफाई दी कि कोई मिसाइल सीधे हाइफा की ओर नहीं आ रही थी, इसलिए वहां सेलफोन अलर्ट प्रणाली सक्रिय की गई। वहीं, बताया जा रहा है कि ईरान ने इजराइल के नेटवर्क को भी हैक कर लिया है। कैमरों ने काम करना बंद कर दिया। सही समय पर सटीक जानकारी ईजराइल को नहीं मिल रही है। दुनिया भर में दादागिरी से लोगों को डराने वाले अमेरिका और पैगासस जैसे जासूसी उपकरण बनाने वाले इजराइल के लिए इस बार की लड़ाई भारी पड़ती जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईरान के क्लस्टर बम के इस्तेमाल की चर्चा
आईडीएफ इस बात की जांच कर रहा है कि क्या ईरान ने इस हमले में क्लस्टर बमों का भी इस्तेमाल किया, जैसा कि पहले की कार्रवाई में आरोप लगे थे। क्लस्टर बम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत विवादास्पद हथियार हैं, क्योंकि ये अनियमित क्षेत्रों में व्यापक हानि पहुंचाते हैं, खासकर नागरिक क्षेत्रों में। हालांकि, अभी तक ऐसे किसी उपयोग की पुष्टि नहीं हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इजरायल का हवाई क्षेत्र पूरी तरह बंद
दो दिन पहले तक इजराइल ने ईरान के कई शहरों को लेकर दावा किया कि उनकी हवाई सीमा उसके कब्जे में हैं। हमारे जहाजों ने वहां के आसमान में कब्जा कर लिया है। अब ये दावा भी फुस्क हो गया है। ताजा खबर ये है कि ईरानी मिसाइल हमले (Iran Israel) के तुरंत बाद इजरायली एयरपोर्ट अथॉरिटी ने देश के हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया। इस कदम के तहत सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं। इजरायल की प्रमुख एयरलाइंस एल अल और अर्किया ने भी अपनी सभी सेवाएं स्थगित कर दीं। हालांकि, मिस्र और जॉर्डन के साथ स्थित सीमावर्ती क्रॉसिंग खुले रखे गए हैं। ताकि देश में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को निकाला जा सके। हजारों यात्री विभिन्न हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आईडीएफ की कड़ी जवाबी कार्रवाई
ईरान के मिसाइल हमले के बाद, इजरायली रक्षा बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। आईडीएफ के जेट विमानों ने पश्चिमी ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इनमें मिसाइल लॉन्चर, कमांड सेंटर और आईआरजीसी के हथियार गोदाम शामिल थे। आईडीएफ (Iran Israel) ने यह भी दावा किया कि उन्होंने उन सभी लॉन्चरों को नष्ट कर दिया है, जो इजरायली क्षेत्र की ओर मिसाइलें दाग रहे थे। रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने दोहराया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक ईरान का “परमाणु खतरा” पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मैक्सर टेक्नोलॉजीज़ द्वारा जारी उपग्रह चित्रों से पुष्टि हुई है कि तेहरान के गर्मदारेह इलाके में एक मिसाइल बेस, पिरानशहर में एक रडार साइट और इस्फहान के पास एक सैन्य परिसर को व्यापक क्षति हुई है। इसके अलावा ईरान के तेल और गैस प्रतिष्ठान भी हमलों की चपेट में आए, जिससे ईरानी अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मानवता पर बढ़ता संकट
इस संघर्ष में मानवीय हानि निरंतर बढ़ रही है। 10 दिनों के अंदर इजरायल में 24 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 500 से अधिक घायल हुए हैं। वहीं ईरान में मरने वालों की संख्या 865 तक पहुंच गई है और 3,396 से अधिक घायल हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव (Iran Israel) एंटोनियो गुटेरेस ने तत्काल युद्धविराम की मांग की है और चेतावनी दी है कि यह टकराव पूरे क्षेत्र को युद्ध में झोंक सकता है। रूस और चीन ने इजरायल और अमेरिका की कार्रवाइयों की निंदा की है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजरायल की “हिम्मत और संकल्प” की सराहना की है। वहीं भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और उन्हें तेल अवीव स्थित दूतावास के साथ पंजीकरण कराने की सलाह दी है। साथ ही विशेष हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईरान के पास इजरायल से 10 गुना ज्यादा लोग
जमीन और जनसंख्या के लिहाज से ईरान, इजरायल से काफी आगे है। जहां ईरान का कुल क्षेत्रफल 1.6 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर (618,000 स्क्वायर मील) है और यहां कि जनसंख्या 88 मिलियन (8.8 करोड़) है। वहीं, इजरायल की तुलना मिडिल ईस्ट के सबसे छोट देशों में होती है। भू-मध्य सागर के छोर पर स्थित इजरायल का कुल क्षेत्रफल 22,000 स्क्वायर किलोमीटर है और इजरायल की जनसंख्या मात्र 9 मिलियन (90 लाख) है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोकसाक्ष्य का नजरिया
हमारा मानना है कि युद्ध किसी भी स्थिति में फायदेमंद नहीं है। इसमें आपस में लड़ने वाले देशों को नुकसान तो होता ही है, लेकिन अन्य देश भी किसी ना किसी रूप में इसकी चपेट में आते हैं। यदि ईरान और इजराइल के बीच युद्ध ज्यादा दिन चलेगा तो दुनिया भर में तेल और गैस के दाम बढ़ेगे। इसका असर महंगाई बढ़ने के रूप में पड़ेगा। कई मीडिया इस लड़ाई को विश्वयुद्ध के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। ऐसा कभा कल्पना में भी नहीं सोचना चाहिए। क्योंकि यदि ऐसा होता है तो युद्ध में शामिल होने वाले देश नुकसान से नहीं बच सकते हैं। इसकी चपेट में वे देश भी आएंगे जो युद्ध में शामिल नहीं हुए। भारत ने युद्ध विराम के प्रस्ताव की वोटिंग के खुद को किनारा कर लिया। ये बात समझ से परे है कि बुद्ध की धरती वाले देश की ये कौन सी रणनीति है। एक बात और समझ लो कि ये शुरुआत है। यदि इसमें इजराइल और अमेरिका को सफलता मिलती है तो वे धीरे धीरे पूरी दुनिया में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए पाकिस्तान, भारत सहित कई देशों को आने वाले दिनों में निशाना बना सकते हैं।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।