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September 16, 2024

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस आज, देहरादून में रैली निकालेंगे श्रमिक, सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को दी बधाई

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आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है। शिकागो के शहीद श्रमिकों की याद में इस दिन को मनाया जाता है। उत्तराखंड के हर जिलों में ट्रेड यूनियनों की ओर से आज विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है। शिकागो के शहीद श्रमिकों की याद में इस दिन को मनाया जाता है। उत्तराखंड के हर जिलों में ट्रेड यूनियनों की ओर से आज विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत देहरादून में रैली भी निकाली जाएगी। वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों एवं श्रमिकों को हार्दिक बधाई दी है।
अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन श्रमिकों के समर्पण और मेहनत का दिन है। किसी भी राष्ट्र की तरक्की, उस राष्ट्र के कामगारों पर निर्भर होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक वास्तव में कर्मयोगी है जिनके सहयोग से एक बेहतर और समृद्ध राष्ट्र की नींव तैयार होती है। राज्य में श्रम कानूनों का सही प्रवर्तन करने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है तथा श्रमिकों के कल्याण के लिये सतत् प्रयत्नशील है।
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर संयुक्त मई दिवस समारोह समिति की ओर से आज शाम छह बजे देहरादून के गांधी पार्क से रैली निकाली जाएगी। इसमें देहरादून में कई ट्रेड यूनियन व फेडरेशन हिस्सेदारी करेंगी। संयुक्त मई दिवस समारोह समिति के संयोजक लेखराज ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर मई दिवस के शहीदों को याद करते हुए वह उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद रैली निकाली जाएगी।
उन्होंने कहा की वर्तमान में मोदी सरकार की ओर से श्रम कानूनों को समाप्त कर श्रम सहिता बनाना शहीद मजदूरों का अपमान है। साथ ही मजदूरों के अधिकारों पर कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि इस बार का मई दिवस अन्य मई दिवसों से अलग है, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने मजदूरों के 44 श्रम कानूनों में से 29 श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूरों को मालिकों के रहमों करम पर छोड़ दिया है। मजदूरों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है। इसका मजदूर संगठित आंदोलन के रूप में जवाब देंगे। उन्होंने बताया कि रैली के उपरांत जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुख्य समारोह में मुख्य रूप से सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस एटक, रक्षा क्षेत्र, बीमा, बैंक, आंगनवाड़ी, भोजन माता, आशाएं, स्कूल कर्मचारी, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, एफआरआई संविदा श्रमिक हिस्सेदारी करेंगे। इसके अलावा देहरादून में ही सेलाकुई, विकास नगर, लांघा रोड, ऋषिकेश, मसूरी, डोईवाला सहित विभिन्न स्थानों पर मई दिवस में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कार्यक्रम किये जायेंगे।
इसलिए मनाया जाता है मई दिवस
प्रत्येक वर्ष दुनिया भर के कई हिस्सों में 1 मई को मई दिवस अथवा ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस जनसाधारण को नए समाज के निर्माण में श्रमिकों के योगदान और ऐतिहासिक श्रम आंदोलन का स्मरण कराता है। 1 मई, 1886 को शिकागो में हड़ताल का रूप सबसे आक्रामक था। शिकागो उस समय जुझारू वामपंथी मज़दूर आंदोलनों का केंद्र बन गया था। 1 मई को शिकागो में मज़दूरों का एक विशाल सैलाब उमड़ा और संगठित मज़दूर आंदोलन के आह्वान पर शहर के सारे औज़ार बंद कर दिये गए और मशीनें रुक गईं। शिकागो प्रशासन एवं मालिक चुप नहीं बैठे और मज़दूरों को गिरफ्तारी शुरू हो गई। जिसके पश्चात् पुलिस और मज़दूरों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई, जिसमें 4 नागरिकों और 7 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। कई आंदोलनकारी श्रमिकों के अधिकारों के उल्लंघन का विरोध कर रहे थे। काम के घंटे कम करने और अधिक मज़दूरी की मांग कर रहे थे। 19वीं सदी का दूसरा और तीसरा दशक काम के घंटे कम करने के लिये हड़तालों से भरा हुआ है। इसी दौर में कई औद्योगिक केंद्रों ने तो एक दिन में काम के घंटे 10 करने की मांग भी निश्चित कर दी थी। इससे ‘मई दिवस’ का जन्म हुआ। अमेरिका में वर्ष 1884 में काम के घंटे आठ घंटे करने को लेकर आंदोलन से ही शुरू हुआ था। उन्हें गिरफ्तार किया गया और आजीवन कारावास अथवा मौत की सजा दी गई। अब इस दिन को कर्मचारी, श्रमिक अपने अधिकार की लड़ाई के लिए मनाते हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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