ग्राफिक एरा में गणितीय तकनीक पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, जीवन की कई समस्याएं हल करता है गणित
देहरादून में ग्राफिक एरा में आयोजित गणितीय तकनीक पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जीवन की समस्याओं को हल करने में उपयोगी गणित की विभिन्न शाखों पर चर्चा की गई। सम्मेलन में देश-विदेश से आए विशेषज्ञ शामिल हुए। सम्मेलन में आज खराब गुणवत्ता और कम विश्वसनीयता की लागत, चक्रीय अर्थव्यवस्था में बंद लूप आपूर्ति, श्रृंखला प्रबंधन का रूपांकर डेटा विश्लेषण और उसके अनुप्रयोगों की प्रक्रिया आदि विषयों पर चर्चा की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पॉलिश अकादमी आफ साइंसेज सिस्टम रिसर्च इंस्टीट्यूट पोलैंड के प्रोफेसर दीयोत कुलिश्की ने कहा कि डेटा विश्लेषण के अभ्यास से बहुपक्षीय शोध के लिए कुछ समस्याएं विशिष्ट एल्गोरिथम की विविध कार्य प्रणालियों के कारण होती है। उन्होंने बताया कि गणितीय तकनीक के सही उपयोग से इन समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली के डॉ गजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रोटीन, प्रोटीन इंटरेक्शन ग्राफी का उपयोग करके होमो सेपियंस आदि जीवों में नेटवर्क की गणना की जाती है। आईआईटी रुड़की की प्रोफेसर मधु जैन ने दोष सहिष्णु प्रणाली स्टोकेस्टिक मॉडलिंग की विशेषताएं बताई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन में गोवा कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर सूरज सुरेंद्र राणे, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अविनाश कुमार, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के जीपी पोखरियाल , पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुरेंद्र शर्मा और उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र के प्रोफेसर सूर्य प्रकाश ने भी अपने शोध पत्रों से गणित की विभिन्न शाखों पर प्रकाश डाला । दो दिन चले इस सम्मेलन में 40 से ज्यादा शोध पत्र भी प्रस्तुत किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन का आयोजन ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के गणित विभाग ने उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र और उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के साथ मिलकर किया। कार्यक्रम में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधान सहयोग प्रोफेसर मांगेराम, गणित विभाग के एचओडी प्रोफेसर सत्यजीत सिंह सहित अनेक शोधकर्ता, शिक्षक, शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।
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