ग्राफिक एरा में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंसः 6जी नेटवर्क की तैयारी जरूरी
अमेरिका के प्रतिष्ठित जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और 5G नेटवर्क के विशेषज्ञ प्रोफेसर आशुतोष दत्ता ने कहा कि आज दुनिया भर में 5G तकनीकी और उनकी सेवाओं का विस्तार हो रहा है। इसके लिए पुराने 4G नेटवर्क के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ नये नेटवर्क के लिए टेक्नोलॉजी को बदलना होगा। साथ ही भविष्य में 5G के बाद हमें 6G नेटवर्क के लिए भी खुद को तैयार करना होगा। प्रोफेसर आशुतोष दत्ता आज देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में ‘डिवाइस इंटेलिजेंस कंप्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी’ विषय पर आयोजित सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य वक्ता के तौर पर 5G टेक्नोलॉजी पर अपना प्रस्तुतीकरण दे रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रो दत्ता ने कहा कि 5G नेटवर्क और स्पेक्ट्रम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नेटवर्क प्रोवाइडर और विक्रेताओं को एक साथ काम करने की आवश्यकता है जिससे कि इसकी सुरक्षा के लिए मापदंड बनाए जा सके। मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (एमएनएनआईटी )के पूर्व निदेशक प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी ने वायरलेस मोबाइल कम्युनिकेशन (WMC)के कार्यप्रणाली और सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर सुदेश गुप्ता ने एफआई एन एफटीटी (FinFET), नेनोशीट,ट्रांजिस्टर व मूर एप्लीकेशन लॉ पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। सम्मेलन के वैलिडिटी सत्र में विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) मोहम्मद इरफ़ानुल हसन ने आशा व्यक्त कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,संचार एवं सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए स्वदेशी मॉडल से देश में उपकरण तैयार करने के लिए इस तरह के कॉन्फ्रेंस से एक नई शुरुआत होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के लिए इस तरह की कॉन्फ्रेंस अत्याधिक महत्वपूर्ण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग और यूकॉस्ट, आईईईई (IEEE), एसईआरबी (SERB) के सहयोग से हो रही इस कॉन्फ्रेंस में ग्राफिक एरा, आईआईटी, एनआईटी, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी और उद्योग जगत के संस्थानों समेत दुनिया के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं के 610 शोध पत्र प्राप्त हुए। इनमें से 150 शोध पत्रों को कॉन्फ्रेंस के लिए पंजीकृत किया गया। इसमें से गुणवत्ता वाले 127 शोध पत्रो कोऑनलाइन और ऑफलाइन मोड से शोधकर्ताओं ने प्रस्तुत किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन में साउथ कोरिया के डीग ज्ञेयंगबुक विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (Daegu Gyeongbuk Institute of Science and Technology),के प्रो सुखों पार्क (SUKHO PARK), प्रो अजीत कुमार सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के डीन, एचओडी और दुनिया भर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ उपस्थित थे। सम्मेलन का संचालन डॉ मृदुल गुप्ता ,डॉ चांदनी तिवारी और डॉ गौरव वर्मा ने किया।