जोशीमठ में प्रभावित 723 परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता, नहीं तोड़ी जाएंगी इमारतें
हितधारकों का सरकार रखेगी पूरा ध्यान, सचिव मुख्यमंत्री ने स्पष्ट की स्थिति
सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने प्रेस वार्ता करते हुए जोशीमठ आपदा को लेकर स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में अभी तक दो होटल जो भूधंसाव के कारण लटक गए है उनको डिस्मेंटल करने का आदेश किया गया है क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए है। इसके अलावा अभी किसी का भी भवन नही तोडा जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भूधंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर 1.5 लाख की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। जिसमें 50 हजार रूपये घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रूपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है। जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पूर्व उन्होंने हितधारकों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया कि भूधंसाव से जो भी यहां पर प्रभावित हुए है उनको मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा। मार्केट की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में ही तय किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंगलवार को ध्वस्तीकरण का किया गया था विरोध
मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई थी। जिला प्रशासन की टीम लाव-लश्कर के साथ भवन तोड़ने पहुंची तो प्रभावित लोग विरोध में उतर आए। जोशीमठ में ध्वस्तीकरण कार्रवाई का स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। जिन दो होटलों का मंगलवार को ध्वस्तीकरण किया जाना था, उनमें से एक होटल के मालिक ने बिना नोटिस और होटल के मूल्याकंन के बिना होटल ध्वस्त करने का विरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने प्रशासन को आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी है। जोशीमठ में होटल मलारी इन तथा माउंट व्यू निचली आबादी के मकानों के लिए खतरा बने हैं। ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बुधवार तक के लिए टाल दी गई। इसे लेकर दिनभर अफरातफरी का माहौल रहा। उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ आपदा के दृष्टिगत अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जोशीमठ प्रभावित लोगों के साथ है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री राहत कोष की धनराशि का उपयोग जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चार सदस्यीय टीम भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र जाएगी
एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) उत्तराखंड की चार सदस्यीय टीम भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ का अध्ययन करने जाएगी। टीम जोशीमठ में जमीन धंसने के कारणों को ढूंढने के साथ ही समाधान के तरीके ढूंढेगी। सरकार के निर्देश पर विभिन्न संस्थाओं की टीम जोशीमठ का सर्वेक्षण कर रही है। वहीं, एनआईटी उत्तराखंड अपने स्तर पर चार इंजीनियरों को जोशीमठ भेज रही है। टीम बुधवार को जोशीमठ के लिए रवाना होगी। टीम का नेतृत्व सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. क्रांति जैन कर रहे हैं। उनके साथ ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग के डॉ. आदित्य कुमार अनुपम और जियोटेक्नीक इंजीनियरिंग के डॉ. विकास प्रताप सिंह व डॉ. शशांक बत्रा शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
723 पहुंची दरार वाले भवनों की संख्या, 86 असुरक्षित
जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को 45 भवन और चिन्हित किए गए। इस तरह से अब तक कुल 723 भवन चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। जल्द ही इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
462 परिवारों को विस्थापित किया गया
जिला प्रशासन की ओर से अब तक 462 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है। मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किया गया। जबकि इससे पहले 81 परिवारों को शिफ्ट किया गया था। प्रशासन की ओर से अब तक विभिन्न संस्थाओं-भवनों में कुल 344 कमरों का अधिग्रहण किया गया है। इनमें 1425 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
20 मकानों के बिजली कनेक्शन काटे
भू-धंसाव से असुरक्षित क्षेत्र में प्रशासन की ओर से ऊर्जा निगम को बिजली लाइनें हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत मंगलवार को 20 असुरक्षित भवनों के कनेक्शन काट दिए गए।
दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 से ज्यादा परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दे दिया गया था। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।