जन मुद्दों पर चर्चा के बजाय हुड़दंग मचाते रहे कांग्रेसी, अब आ रही सत्र अवधि की याद: चौहान
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि गैरसैंण विधान सभा बजट सत्र मे हंगामा और मेज पलटने जैसे अमर्यादित आचरण करने वाली कांग्रेस को तब जन सरोकार के मुद्दे याद नही रहे और अब दिखावे का प्रलाप कर रही है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदन के भीतर और बाहर दोनो ही जगह हंगामा करती रही। उसका मकसद सदन मे जन मुद्दों पर चर्चा का नही था। हालांकि सदन कर्यमंत्रणा से निर्धारित बिजनेस से चलता है, लेकिन कांग्रेस तो हंगामा कर चर्चा से बच रही थी। यही नही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई मे ही विधान सभा स्पीकर की पीठ के पास कांग्रेस विधायकों का तांडव चलता रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कर्ज को लेकर नेता प्रतिपक्ष के द्वारा दिये आंकड़ो को तथ्य से परे बताया। चौहान ने कहा कि 2017 से अब तक महज 20 हजार करोड़ से कम कर्ज लिया गया और राज्य पर 68 हजार करोड़ से कम कर्ज है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2018 मे ऋण 40,286 हजार करोड़, 2019 मे 45,443,2020 मे 49,437 हजार करोड़, 2021 मे 53,779, हजार करोड़, 2022 मे 53779 हजार करोड़ तथा 2023 मे यह 77024 हजार करोड़ है। हालांकि इसमे पीएफ और दीर्घ कालीन ऋण नवार्ड जैसी एजेंसियों के सम्मिलित है। ऐसे मे यह 68000 करोड़ से कम है। प्रतिवर्ष स्लेब देखा जाए तो यह 5 या 6 प्रतिशत सालाना है जो कि स्वाभाविक है। इसमे अन्य भी कारक होते है, और राज्य ने सफलता से कोरोना जैसी विषम परिस्थिति का भी सामना किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि स्वयं स्रोतों राजस्व वसूली बढ़ाकर बाजार के कर्ज की निर्भरता को लगातार कम कर रहे हैं 2018-19 के 6300 करोड़ का कर्ज आज 2022- 23 में महज 20 हजार करोड़ से कम पर आ गया है। स्वरोजगार को अधिक तवज्जो देकर यह रोजगार देने वाला बजट साबित होगा तो साथ ही महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार ने जेंडर बजट, 13920.12 करोड़ का प्रावधान किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1377.31 करोड़ बजट का प्रावधान किया गया था जबकि 2023-24 के लिए 13920.13 करोड़ की व्यवस्था की गई है। बजट मे महिलाओं के सशक्तिकरण और विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, रोजगार क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अलग से प्रावधान किया गया है। भर्ती घोटालों पर जाँच के बाद आरोपी सलाखों के पीछे हैं तो प्रदेश मे सशक्त नकल विरोधी कानून अस्तित्व मे है। वहीं महिला आंदोलनकारियों के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि धामी सरकार का बजट आखिरी पंक्ति मे खड़े व्यक्ति को लाभ देने वाला और प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर देश के अग्रणी राज्य तक पहुँचाने की दिशा मे सार्थक साबित होगा।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।