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April 26, 2025

प्रशिक्षण में जल संसाधनों के अध्ययन एवं प्रबंधन की दी गई जानकारी

यूसर्क की ओर से तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हो गया। इसके तहत वैज्ञानिकों ने जल संसाधनों के अध्ययन एवं प्रबंधन की जानकारी दी। रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस तकनीक के माध्यम से जल संसाधनों का अध्ययन व प्रबंधन, वैज्ञानिक उपकरणों से जल गुणवत्ता का अध्ययन आदि विषयों पर विशेषज्ञों ने हैंड्स ऑन प्रशिक्षण दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र में आयोजित तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण के समापन के मौके पर यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा विद्यार्थियों के लिए विभिन्न विषयों पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का आयोजन लगातार कर रहा है। हमारा उद्देश्य है कि तकनीकी का प्रयोग करके विद्यार्थियों तक विभिन्न विषयों को लगातार पहुंचाया जाए। इस दिशा में यूसर्क निरंतर विभिन्न शिक्षण संस्थानों एवं शोध संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम का पहला व्याख्यान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर पी के जोशी ने “रिमोट सेंसिंग एवं जी आई एस तकनीकी द्वारा जल संसाधनों के अध्ययन एवम प्रबंधन” विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि इन तकनीकों द्वारा सतही जल, भूजल, ग्लेशियर आदि का अध्ययन किया जा रहा है। जल की गुणवत्ता एवं जल की मात्रा दोनो से संबंधित आंकड़े प्राप्त कर उनका विश्लेषण किया जा सकता है और जल स्रोतों का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जा सकता है। उन्होंने उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जल स्रोतों का अध्ययन प्रस्तुत करते हुए बताया कि ये तकनीकी जल संसाधनों के अध्ययन एवम नीति निर्धारण में अत्यंत उपयोगी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम का द्वितीय व्याख्यान उत्तराखंड जल संस्थान की देहरादून स्थित राज्य स्तरीय जल गुणवत्ता प्रयोगशाला के वरिष्ठ तकनीकी प्रबंधक डॉ विकास कंडारी ने “स्पेक्ट्रोफोटोमीटर द्वारा जल की गुणवत्ता के विभिन्न पैरामीटर्स का विश्लेषण” विषय पर व्याख्यान एवं हैंड्स ऑन ट्रेनिंग प्रदान की। डॉ कंडारी ने प्रतिभागियों द्वारा देहरादून एवं रुड़की क्षेत्र के विभिन्न भागों से लाए गए जल में नाइट्रेट, लोहा, फ्लोराइड आदि को एनालिसिस करके प्रयोगात्मक रूप से सिखाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम का तीसरा व्याख्यान यूसर्क के वैज्ञानिक व कार्यक्रम समन्वयक डॉ भवतोष शर्मा ने “प्रयोगशाला में विभिन्न पैरामीटर्स के वोल्यूमेट्रिक विश्लेषण” विषय पर व्याख्यान एवं उनके मानक विलयन बनाने विषयक हैंड्स ऑन ट्रेनिंग उपस्थित स्नातक व स्नातकोत्तर विषयों के प्रतिभागियों को प्रदान की। वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र सिंह राणा ने अपशिष्ट जल के ट्रीटमेंट विषय पर अपना व्याख्यान दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र यूसर्क की निदेशक प्रो (डॉ) अनीता रावत द्वारा प्रदान किए गए। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ मंजू सुंदरियाल एवं संचालन डॉ भवतोष शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन सभी प्रतिभागियों को यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज की प्रयोगशालाओं का भ्रमण तथा विभिन्न अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों एच पी एल सी, आई सी पी एम एस, एल सी एम एस, डबल ए एस आदि द्वारा जल की गुणवत्ता का अध्ययन करना सिखाया गया। डॉ मनीष कुमार, डॉ कंचन बहुखंडी एवं अन्य शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम में चमनलाल महाविद्यालय हरिद्वार, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर मालदेवता, ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय देहरादून, एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून, दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड साइंस टेक्नोलॉजी देहरादून के स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर विद्यार्थियों द्वारा इस तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया । कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों सहित कुल 40 प्रतिभागी उपस्थित रहे।

 

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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