Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 19, 2024

देश की आबादी 121 करोड़, 80 करोड़ से ज्यादा को मुफ्त राशन, दावा- देश कर रहा तरक्की, अब आया योगी का विवादित बयान

सबसे अहम सवाल ये है कि क्या भारत में अच्छे दिन आ गए हैं। क्या वर्ष 2014 के बाद से देश के लोगों के आर्थिक स्तर पर सुधार हुआ है। यानी भारत में अच्छे दिन आ गए। आत्मनिर्भर भारत के नारे का देश में कितना असर पड़ा।

सबसे अहम सवाल ये है कि क्या भारत में अच्छे दिन आ गए हैं। क्या वर्ष 2014 के बाद से देश के लोगों के आर्थिक स्तर पर सुधार हुआ है। यानी भारत में अच्छे दिन आ गए। आत्मनिर्भर भारत के नारे का देश में कितना असर पड़ा। ये सारे सवाल वहां हवा हो जाते हैं, जब हम ये देखते हैं कि वर्ष 2011 की जनगणना के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक, भारत की आबादी 1.21 अरब यानी 121 करोड़ है और इनमें 80 करोड़ से ज्यादा लोग अभी आत्मनिर्भर नहीं हैं। यानी आधी आबादी से ज्यादा लोग अभी भी गरीब हैं। यदि गरीब नहीं होते तो वे मुफ्त राशन लेने के लिए सरकारी राशन की दुकानों में धक्के नहीं खाते। ये भारत सरकार के आंकड़े हैं कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत देश में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। मुफ्त राशन लेने वालों की एक बड़ी संख्या ही देश में लोगों के जीवन स्तर की तस्वीर दिखाती है। भले ही भाषणों में बड़ी बड़ी बातें हो रही हैं। भाषणों में देश तरक्की कर रहा है। यदि कर रहा होता तो इतनी बड़ी आबादी के मुफ्त राशन देने की नौबत नहीं आती। यानी कि हम पहले जहां से उससे और भी दयनीय स्थिति में आ गए हैं।
आत्मनिर्भर बन रहा भारत
कोरोना काल में जरूरत थी कि उद्योगों, उद्मी, दुकानदारों, निजी क्षेत्र व अन्य को आर्थिक मदद की। यदि मदद होती तो फ्री का राशन लेने की नौबत नहीं आती। तेजी से लोग बेरोजगार होते चले गए और जिन लोगों ने कभी राशन कार्ड तक नहीं बनाए, वे भी राशन कार्ड बनवाकर दुकानों में लाइन लगाते नजर आने लगे। व्यापार चौपट हुआ। उद्योग ठप होने लगे। इसके बावजूद इन्हें संकट से बचाने के लिए सही समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। क्योंकि भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।
सीएम योगी का विवादित बयान
खैर चुनावी साल है। मुफ्त राशन भी बंटेगा। चाहे कोरोना का हवाला ही क्यों न दिया जाए। अब मुफ्त राशन को भी जाति के आधार पर देखा जाने लगा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा। कुशीनगर में एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि साल 2017 से पहले अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। क्या 2017 से पहले सभी को राशन मिलता था? अब्बा जान कहने वाले ही राशन हजम कर जाते थे। अब्बा जान शब्द का इस्तेमाल ज्यादातर मुस्लिम पिताओं को संबोधित करने के लिए करते हैं। योगी आदित्यनाथ ने पहले भी कई ऐसे ही बयान दिए हैं।
दावे किए गए विकास के
सीएम योगी ने कहा कि-पीएम मोदी के बाद सही मयाने देश के विकास और देश के राजनीतिक एजेंडे को बदला। देश की राजनीति 1947 में जाति, मजहब, क्षेत्र, भाषा, परिवार और वंश तक सीमित थी। गांव के लिए, गरीब के लिए, किसान के लिए, नौजवान के लिए, महिलाओं के लिए, बच्चों के लिए, बिना भेदभाव के लिए समाज के हर तबके तक विकास को पहुंचाया। इसका परिणाम हुआ कि हर तबके के लोगों को विकास समान रूप से मिल रहा है, लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहींष तुष्टिकरण की राजनीति जब तक देश के अंदर थी, तब विकास नहीं था। दंगे, भ्रष्टाचार, अराजतकता, आतंकवाद, अत्याचार, अन्याय था। लेकिन आज सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है।
अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी विकास के दावे कर रहे हैं। उनकी नजर में हर गरी, किसान, नौजवान, महिलाओं और बच्चों का विकास बगैर भेदभाव से हुआ है। अब सवाल ये उठता है कि 121 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोगों का फ्री का राशन लेना कौन से विकास की सीढ़ी है। क्या फ्री का राशन लेने वालों की आर्थिक स्थिति मजबूत है। यदि है तो वे राशन क्यों ले रहे हैं। यदि नहीं तो फिर विकास कहां हो रहा है।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page