टोक्यो पैरालंपिक में भारत की भाविनाबेन पटेल ने रचा इतिहास, गोल्ड की आस, रजत पदक पक्का
टोक्यो पैरालंपिक में भारत की भाविनाबेन पटेल ने इतिहास लिख दिया है। 34 साल की भाविनाबेन पटेल ने पैरालम्पिक की टेबल टेनिस स्पर्धा के सेमीफाइनल में जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाई।

अब वह रविवार को दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ से भिड़ेंगी। यह पटेल का पहला पैरालंपिक है। शुरुआती गेम में कड़े मुकाबले के बावजूद वह हार गईं, लेकिन उन्होंने अगले दो मैचों में जबरदस्त वापसी की। चौथे गेम में झांग ने शानदार खेल दिखाया और पटेल को कोई मौका नहीं दिया, जिस वक्त मैच निर्णायक बढ़त की ओर बढ़ रहा था। निर्णायक पांचवे गेम में पटेल ने जीत दर्ज की। पटेल ने शुक्रवार को क्वार्टरफाइनल मुकाबले में 2016 के रियो पैरालंपिक के स्वर्ण विजेता और सर्बिया की दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बोरिसलावा पेरीक रैंकोविक को हरा दिया था।
कोई भी भारतीय महिला खिलाड़ी नहीं जीत पाई गोल्ड
अब तक कोई भी भारतीय महिला ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा नहीं कर सकी है। भाविना के पास भारत की पहली गोल्डन गर्ल बनने का मौका है। 2016 में रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु और पैरालंपिक में दीपा मलिक ने सिल्वर मेडल जीता था। हालांकि दोनों खिलाड़ी फाइनल मुकाबला हार गई थीं।
एक साल की उम्र में हो गया था पोलियो
भाविनाबेन को एक साल की उम्र में पोलियो हो गया था। उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले के बाद कहा था कि-मैं भारत के लोगों के समर्थन के कारण अपना क्वार्टर फाइनल मैच जीत सकी। कृपया मेरा समर्थन करते रहें, ताकि मैं अपना सेमीफाइनल मैच भी जीत सकूं। फाइनल में पहुंचे के बाद उन्होंने कहा कि अब गोल्ड जीतने का लक्ष्य है।
व्हीलचेयर पर बैठकर खेलते हैं खिलाड़ी
पैरा टेबल टेनिस में कुल 11 कैटेगरी होती है. कैटेगरी 1 से 5 तक के एथलीट व्हीलचेयर पर खेलते हैं। क्लास 6 से 10 तक के एथलीट खड़े होकर खेल सकते हैं। क्लास-11 के एथलीटों में मानसिक समस्या होती है। भारत की भाविनाबेन पटेल ने भी व्हीचेयर के सहारे फाइनल तक का सफर तय किया है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।