यूएस में छंटनी की मार से सबसे ज्यादा भारतीय प्रभावित, दूसरी नौकरी नहीं मिली तो छोड़ना पड़ेगा देश
1 min readब्लूमबर्ग ने अमेरिकी नागरिका और इमीग्रेशन सर्विस के आंकड़ों के आधार पर आंकलन किया है कि अमेज़न, लिफ्ट, मेटा, सेल्सफोर्स, स्ट्राइप और ट्विटर ने पिछले तीन सालों में कम से कम 45,000 H-1B कर्मचारियों को स्पॉन्सर किया है। मेटा और ट्विटर के कर्मचारियों द्वारा कंपाइल की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, इन दो कंपनियों में हुई ताजा छंटनियों में कम से कम 350 प्रवासी प्रभावित हुए हैं। अमेरिकी ग्रीन कार्ड के लिए 195 साल के इंतजार की लंबी कतार के बीच इन छंटनियों से सबसे अधिक भारतीय प्रभावित हुए हैं, जो कई सालों से अमेरिका में रह रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, H-1B धारक अमेरिका में कानूनी तौर पर केवल 60 दिन तक बेरोज़गार रह सकता है। कई H-1B वीज़ा धारक अमेरिका में कई सालों से स्थाई नागरिकता के इंतजार में रह रहे हैं। अब वो नए प्रतिस्पर्धात्मक लेबर मार्केट में, बाकी निकाले गए हजारों कर्मचारियों के साथ नौकरी ढूंढ रहे हैं। कुछ के पास कर्ज है, स्टूडेंट लोन है और कुछ के बच्चे स्कूल में हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह ऐसे समय हुआ है जब नौकरी देने वाली बड़ी कंपनियों ने नए कर्मचारियों की भर्ती बंद कर रखी है और अब हॉलीडे के सीज़न में नई भर्तियां भी धीमी हो जाती हैं। नौकरी ढूंढने वाले अब बेबसी में अपने प्रोफेशनल नेटवर्क की ओर रुख कर रहे हैं और कुछ ने लिंक्डइन पर अपील की है। अमेरिका में ट्विटर और मेटा (Meta) जैसी बड़ी टेक कंपनियों से बड़ी संख्या में हुई छंटनियों के बाद H-1B वीज़ा धारकों के लिए कानूनी तौर पर अमेरिका में रहने की समयसीमा खत्म होती जा रही है। उन्हें जल्द से जल्द एक ऐसी नई कंपनी ढूंढनी होगी जो उन्हें नौकरी देकर उनके वीज़ा को स्पॉन्सर कर सके।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।