भारतीय महिला टीम की आलराउंडर स्नेह राणा बोली-जीवन की श्रेष्ठ पारी को नहीं भूलेंगी, टीम को हार से बचाना यादगार पल
इंग्लैंड दौरे से लौटने के बाद सोमवार को क्रिकेटर स्नेह राणा दून पहुंचीं। जहां रेसकोर्स स्थित एसजीआरआर पब्लिक स्कूल में उनके कोच नरेंद्र शाह, स्कूल की प्रधानाचार्य प्रतिभा खत्री व लिटिल मास्टर एकेडमी के खिलाड़ियों ने उनका सम्मान किया। इसके बाद स्नेह राणा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि पदार्पण टेस्ट में अपनी टीम को हार से बचाना उनके करियर का यादगार क्षण है। बकौल स्नेह, मुझे खुशी है कि पर्दापण टेस्ट मैच में टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन कर पाई।
स्नेह ने कहा कि इंग्लैंड में पहली बार खेलने का मौका मिला। उस पर पहली पारी में चार विकेट चटकाने के बाद फालोआन खेलते हुए नाबाद 80 रन की पारी खेलना शानदार रहा। स्नेह ने कहा कि मिताली व झूलन दीदी ने हर समय मनोबल बढ़ाया। जिसकी बदौलत वह अपना नेचुरल गेम खेल सकीं।
प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मंगलवार को भारतीय महिला क्रिकेट की सदस्य और ऑलराउंडर उत्तराखंड की बेटी स्नेह राणा ने उत्तरांचल प्रेस क्लब ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में प्रतिभाग लिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में टैलेंट की कोई कभी नहीं है और आज हर क्षेत्र में लड़कियां बेहतर से बेहतर कार्य कर रही है और आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि आज प्रतिभाओं को एक प्लेटफार्म देने की आवश्यकता है और इसके लिए अब बीसीसीआई ने राज्य में एसोसिएशन गठित कर दी है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन से काफी महिला क्रिकेटर आगे आ रहे है। पांच साल के बाद उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सदस्य के रूप में अवसर मिला है और इस अवसर को उन्होंने इंग्लैंड में भुनाया है। उन्होंने कहा कि अपनी टीम को जितना बेहतर कर सकूं इसके लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगें। उन्होंने कहा कि वह आगे बेहतरीन से बेहतरीन खेलना चाहती है।
उन्होंने कहा कि उनकी रोल मॉडल टीम की वरिष्ठ सदस्य मितालराज है और उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है। इस अवसर पर स्नेह राणा के कोच नरेन्द्र शाह ने कहा कि नौ वर्ष की उम्र में स्नेह ने लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब से परेड ग्राउंड के एक छोटे से हिस्से से खेलना शुरू किया। इसका श्रेय कोच किरन शाह को जाता है। जो उनके गांव में पहुंची और वहां से इस हीरे को तराशा है। उन्होंने कहा कि लिटिल मास्टर क्रिकेट क्लब पत्थरों से सोना पैदा करता है और स्नेह राणा जीता जागता उदाहरण है। इस अवसर पर स्नेह राणा, कोच नरेन्द्र शाह व किरन शाह को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता क्लब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नेगी ने की। संचालन राजू पुशोला ने किया। इस अवसर पर क्लब के कनिष्ठ उपाध्यक्ष राजकिशोर तिवारी, कोषाध्यक्ष विकास गुसांई, संयुक्त मंत्री लक्ष्मी बिष्ट, कार्यकारिणी सदस्य अजय राणा, श्रीनिवास पंत, मनोज जायडा, दीपक फरस्वाण, भगवती प्रसाद कुकरेती आदि पत्रकार उपस्थित थे।
ये थी यादगार पारी
जून माह में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ब्रिस्टल में इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र क्रिकेट टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में सफल रही थी। भारत को हार से बचाने में ऑलराउंडर स्नेह राणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। दून की क्रिकेटर स्नेह राणा ने पहले गेंदबाजी में अपना कमाल दिखाकर मैच में पहले तो 4 विकेट चटकाए, फिर भारत की फॉलोऑन पारी में बल्ले से कमाल दिखाते हुए नाबाद 80 रन बनाए। स्नेह राणा ने इस यादगार प्रदर्शन को अपने दिवंगत पिता को समर्पित किया था।
ब्रिस्टल के काउंटी ग्राउंड पर मैच के आखिरी दिन फॉलोऑन खेलते हुए भारतीय ने 240 रनों पर अपने 8 विकेट खो दिए थे। ऐसे में अपना डेब्यू टेस्ट खेल रहीं स्नेह राणा और विकेटकीपर तानिया भाटिया ने नौवें विकेट के लिए 124 रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को हार से बचा लिया। स्नेह ने अपनी पारी में 154 गेंदों का सामना करते हुए 13 चौके जमाए, जबकि तानिया 88 गेंदों में 44 रन बनाकर नाबाद रहीं।
इससे एक दिन पहले शैफाली वर्मा ने इसी मैदान पर इतिहास रचा था। वह डेब्यू टेस्ट मैच की दोनों पारियों में 50 या उससे अधिक रन बनाने वाली भारत की पहली महिला क्रिकेटर बनीं। वह ऐसा करने वाली दुनियां की चौथी महिला क्रिकेट रहैं। साथ ही दोनों पारियों में वह दुनियां में सबसे कम उम्र की महिला भी बना गई। शैफाली वर्मा डेब्यू टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में चौथे नंबर पर पहुंच गई हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।