Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 18, 2025

भारतीय संस्कृति सनातन, इसका अंत नहीं हो सकताः त्रिवेंद्र सिंह रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं डोईवाला विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अनादि काल से चली आ रही भारतीय संस्कृति सनातन है अनंत है। सैकड़ों वर्षो के आक्रमण और अपने विरुद्ध हुए षड्यंत्र के बावजूद यह समाप्त नहीं हुई। 

उत्तराखंड के देहरादून में भाजपा महानगर कार्यालय में आज नव संवत्सर एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव हेगड़ेवार जयंती के अवसर पर हुए कार्यक्रम में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं डोईवाला विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अनादि काल से चली आ रही भारतीय संस्कृति सनातन है अनंत है। सैकड़ों वर्षो के आक्रमण और अपने विरुद्ध हुए षड्यंत्र के बावजूद यह समाप्त नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि जिस समय देश में केवल पांच मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे, उस समय डॉ. साहब म्यामार पढ़ने गए। छात्र जीवन में ही उनके मन में भावना उठती थी कि देश आजाद तो हो जाएगा, पर यह आजादी सनातन कैसे रहे। क्यों इस देश पर बार बार आक्रमण हुए। हम बार-बार क्यों गुलाम बने। ऐसे प्रश्न उन्हें उद्वेलित करते थे। वह छात्र जीवन से ही बंगाल में आजादी के लिए प्रयासरत व्यक्तियों के संपर्क में आए और उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। इसके लिए उन्होंने भारतीय सनातन व पुरातन सांस्कृतिक मूल्यों को आधार बनाया |
आज उसी स्वयंसेवक संघ के समाज के लिए किए गए सेवा कार्यों के कारण हमारी सनातन संस्कृति पुनर्स्थापित हुई है। पूर्व में ऐसे अनेकों प्रयास किए गए, जिससे इस संस्कृति को मानने वाले हीन भावना महसूस करें।आज संघ के प्रयास से इस संस्कृति की उपेक्षा कोई नहीं कर सकता।


रोम, यमन, हुण आदि संस्कृति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में यह संस्कृतियां थी, वह क्षेत्र आज भी हैं। पर संस्कृति समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कंबोडिया का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के विभिन्न स्थानों पर भगवान गणेश की मूर्तियों का सुशोभित होना ही दर्शाता है कि हमारी संस्कृति विचार की है। विचार की हत्या नहीं की जा सकती। यह अनंत काल तक चलता है। धर्म को बढ़ाने के लिए लिए हमारे पूर्वजों ने कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया। यह विचार रूप में ही पूरे संसार में फैला।
रावत ने कहा कि हमारी संस्कृति में ना सिर्फ मनुष्य, बल्कि प्रकृति के लिए भी श्रद्धा भाव रहा है। प्रकृति प्रेम इसका अटूट हिस्सा है। रावत ने हिंदू कैलेंडर एवं हिंदू काल गणना को वैज्ञानिक बताते हुए कहा कि आज यह लोगों को आकर्षित भी करती है और अचंभित भी कि कैसे हमारे पूर्वज हमें बता गए कि हजारों वर्ष बाद सूर्य किस समय उदय होगा और किस समय अस्त।
कार्यक्रम में पंडित सुभाष जोशी ने भी हिंदू नव वर्ष बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में वरिष्ठ भाजपा नेता विश्वास डावर, रविंद्र कटारिया, भगवत प्रसाद मकवाना, राजेश शर्मा, भाजपा महानगर महामंत्री सत्येंद्र सिंह नेगी, रतन चौहान, मीडिया प्रभारी राजीव उनियाल, सोशल मीडिया प्रभारी अनुराग भाटिया, लच्छू गुप्ता, मंडल अध्यक्ष विशाल गुप्ता, जीवन सिंह, विजय भट्ट, सुभाष यादव, अशोक राज पवार, मनीष बिष्ट, पार्षद आलोक कुमार, शुभम नेगी, विशाल कुमार, धर्मपाल घघट, सरदार सोनू सिंह, सुभाष बालियान, महिला मोर्चा की बृजलेश गुप्ता, मुनिया पाल, निधि राणा सहित दर्जनों भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Ako overiť pravosť oleja: 7 jednoduchých Zázrak huculských chát: tajomstvá Top 10