Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 24, 2025

भारत को दस साल बाद मिला मौका, ग्राफिक एरा में फिजिक्स ओलम्पियाड का आगाज, ताइवान ने भारत को सौंपा ध्वज

देहरादून स्थित ग्राफिक एरा में एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड आज से शुरू हो गया। 2012 के बाद यह पहला मौका है कि भौतिक विज्ञान के इस सबसे प्रतिष्ठित ओलम्पियाड का आयोजन भारत में किया जा रहा है।

देहरादून स्थित ग्राफिक एरा में एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड आज से शुरू हो गया। 2012 के बाद यह पहला मौका है कि भौतिक विज्ञान के इस सबसे प्रतिष्ठित ओलम्पियाड का आयोजन भारत में किया जा रहा है। साथ ही उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय ये है कि इसकी मेजबानी ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय और ग्राफिर एरा हिल विश्वविद्यालय को संयुक्त रूप से मिली है। कोविड के चलते एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड 2022 का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय ओलम्पियाड में 28 देशों के वैज्ञानिक और छात्र-छात्राएं विजुअली जुड़े हैं।
ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के केपी नौटियाल ऑडिटोरियम में एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड 2022 का श्री गणेश करते हुए मुख्य अतिथि निदेशक हेल्थ सेफ्टी एण्ड इनवायरमेण्टल रेडिएशन इमरजेंसी रिस्पांस, डिपार्टमेण्ट ऑफ एटोमिक एनर्जी डा. डीके असवाल ने कहा कि यह ओलम्पियाड बहुत विशेष है। क्योंकि आज दस साल बाद भारत को इसे होस्ट करने का मौका फिर से मिला है। फिजिक्स एक फण्डामेण्टल साईंस है। भौतिकी विज्ञान जीवन की उत्पत्ति की समझ, नए विज्ञान, वाणिज्य, पर्यावरण और अन्तर्राष्ट्रिय व्यापार से भी जोड़ता है।
मीटर, किलोग्राम जैसे मापन भी भौतिकी के माप विज्ञान की देन है। उन्होंने कहा कि भौतिकी विज्ञानी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज उसके डेटा की सटीकता होती है। टीजर के लेजर प्वांटर से लेकर डाक्टर को अत्याधुनिक उपकरण रेडियेशन का ही खेल है। इण्डियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स के अध्यक्ष प्रो. पीके अहल्युविलिया ने कहा कि यह ओलम्पियाड रचनात्मकता, परिश्रम और स्वतंत्र विचारों का जश्न है। उन्होंने इण्डियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स की 1984 से आज तक की उपलब्धियों के बारे में बताया।
मुम्बई से ओलम्पियाड में वर्चुअली शिरकत करते हुए होमी जांहगीर भाभा सेण्टर ऑफ साईंस एजुकेशन के निर्देशक प्रो. अर्नब भट्टाचार्याजी ने कहा कि यह ओलम्पियाड विश्वभर के अण्डर युनिवर्सिटी लेवल के तेज दिमागों के लिए एक मीटिंग प्लेस है जहां वे किताबों से बाहर का ज्ञान सीखते और साझा करते हैं। सिंगापुर से एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड के अध्यक्ष प्रो. लिओंग चुआन क्विक उद्घाटन समारोह में ऑनलाइन जुड़े और कहा कि फिजिक्स और कल्पना की कोई सीमा नहीं है। इस ओलम्पियाड में ज्यादा छात्राओं की प्रतिभाग होना चाहिए। एक ऐसे रूल की आवश्यकता है कि हर देश दो छात्राओं को प्रतिनिधि बनाकर भेजे।

ग्राफिक एरा हिल युनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. जे. कुमार ने प्रतिभागियों का एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड में स्वागत किया और कहा कि विश्वविद्यालय में इसका आयोजन ग्राफिक एरा ग्रुप की ग्लोबल एप्रोच का प्रमाण है। भविष्य की मांग है कि हमें रेडिएशन से डरना नहीं है बल्कि उन्हें अपना दोस्त बनाना है।
कार्यक्रम में ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. आरसी जोशी, डायरेक्टर जनरल प्रो. संजय जसोला, वाईस चांसलर प्रो. एच. एन. नागाराजा, ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी, शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजुद रहे। एशियन फिजिक्स ओलम्पियाड के संयोजक, डीन एलाइड साईंस डा. विजय कुमार और आग्र्रेनाइजिंग सेक्टरी डा. रवि भट्टाचार्याजी ने बताया की यह ओलम्पियाड तीन दिन चलेगा और इसमें 28 देश भागीदारी कर रहे हैं। ओलम्पियाड में भौतिकी के क्षेत्र की दुनिया को नई उपब्धियों और चुनौतियों पर से चर्चा की जाएगी।
ताइवान ने भारत को सौंपा ध्वजा
आज 10 साल बाद फिजिक्स ओलम्पियाड की ध्वजा भारत को सौंप दी गई। ताईवान ने यह गौरवपूर्ण ध्वज भारत के सुपुर्द किया गया। भारत में फिजिक्स ओलम्पियाड होने के फैसले के बाद यह तय हो गया था कि इस ओलम्पियाड का ध्वज भारत के पास रहेगा। ओलम्पियाड शुरू होने से एकदम पहले यह गौरवशाली ध्वज देहरादून लाया गया। आज फिजिक्स ओलम्पियाड के पहले दिन ग्राफिक एरा में इसे भारत के हवाले कर दिया गया। ओलम्पियाड के मुख्य अतिथि डा. डीके असवाल को आज ताईवाल के प्रतिनिधि ने यह ध्वज तालियों की गड़गड़ाहट की बीच सौंपा।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *