भारत ने ब्रिटेन को दिया झटका, विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में दर्ज किया अपना नाम

इंटरनेशनल रैंकिंग में ब्रिटेन की यह गिरावट नए प्रधानमंत्री के लिए चुनौती की तरह है। कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य सोमवार को बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी को चुनेंगे। विदेश मंत्री लिज ट्रुज के इस रेस में भारतीय मूल के मंत्री ऋषि सुनक को पीछे छोड़ने की संभावना है। इस रेस का विजेता, चार दशकों में सबसे तेज मुद्रास्फीति और मंदी के बढ़ते जोखिमों का सामना करने वाले देश को संभालेगा। बैंक ऑफ इंग्लैंड की चेतावनी इस मामले में चिंता बढ़ाने वाली है जिसका कहना है कि यह दौर 2024 तक जारी रह सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके विपरीत, भारतीय अर्थव्यवस्था के इस वर्ष 7 फीसदी से अधिक बढ़ने का अनुमान है। दूसरी ओर, ब्रिटेन की बात करें तो उसकी मुश्किलें आने वाले समय में और बढ़ सकती है। यूके की जीडीपी दूसरी तिमाही में कैश के संदर्भ में केवल एक फीसदी बढ़ी है। यदि हम मुद्रास्फीति को ध्यान में रखें तो इसमें 0.1 फीसद की कमी आई है। अंतरराष्ट्रीस मुद्रा कोष यानी आईएमएफ के अपने पूर्वानुमान बताते हैं कि भारत इस साल सालाना आधार पर डॉलर के मामले में यूके से आगे निकल गया है और अब वह केवल अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से ही पीछे है। एक दशक में भारत की यह उछाल उल्लेखनीय है। एक दशक पहले भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें क्रम पर थे जबकि यूके पांचवें नंबर पर था।

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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।