हल्द्वानी हिंसा को लेकर इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी से राज्यपाल से की भेंट, गांधी पार्क में की सर्वधर्म सभा

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में अवैध करार दिए गए मदरसे के ध्वस्तीकरण के दौरान हुई हिंसा की इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी ने कड़ी निंदा की। साथ ही राज्यपाल से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और क्षेत्र में शांति व्यवस्था की बहाली की मांग की गई। गांधी पार्क में सर्वधर्म सभा की गई। उपद्रव के दौरान मारे गए लोगों की आत्म शांति की प्रार्थना भी की गई। साथ ही मोमबत्तियां भी जलाई गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हल्द्वानी की घटना
गौरतलब है कि आठ फरवरी की शाम को बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण करार दिए गए मदरसे और नमाजस्थल को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान पुलिस, प्रशासन की टीम पर पथराव हो गया था। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी। आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फायरिंग करनी पड़ी। पथराव के दौरान छह लोगों की मौत की खबर है। वहीं, 60 पुलिस कर्मियों के साथ ही तीन सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए। भीड़ ने कई वाहनों को जला डाला। साथ ही थाने में भी आग लगा दी। हल्द्वानी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही दंगाइयों को देखते गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से ये घटना हुई। ना तो स्थानीय लोगों को विश्वास लिया। साथ ही धार्मिक नेताओं और क्षेत्रीय शांति कमेटी का भी सहयोग भी नहीं लिया गया। ऐसे में माहौल खराब हो गया। पथराव की घटना की हर एक ने निंदा की, लेकिन प्रशासन की लापरवाही को भी माना। लोगों का कहना था कि जब मामला कोर्ट में पहुंच गया था, तो कुछ इंतजार किया जाना साथ ही लोकसभा चुनाव से ऐन पहले मस्जिद में बुलडोजर चलाने को राजनीतिक लाभ लेने की दृष्टि से भी देख रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्यपाल से की गई ये मांग
राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी ने कहा कि हल्द्वानी में दिनांक 8 फरवरी 2024 को हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं और शांति कायम करने की अपील करते हैं। उत्तराखंड के इतिहास में इस तरह की हिंसा की घटना पहली बार हुई है। अचानक इतने बड़े पैमाने पर हिंसा का फैलना, हिंसा के कारणों और उससे उत्पन्न हुई परिस्थिति की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्यपाल लेज (सेनि) गुरमीत सिंह से मांग की गई है कि इस घटना की न्यायिक जांच उच्च न्यायलय के सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाई जाए। इतनी भीषण हिंसा की घटना में प्रथम दृष्टया प्रशासन की लापरवाही, जल्दबाजी, निष्पक्षता और बल प्रयोग करने को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। अतः नैनीताल जिले के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तत्काल निलंबित करते हुए पद से हटाया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया कि अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर पिछले एक साल से चल रही कार्रवाई गंभीर सवालों के घेरे में हैं। बिना नोटिस के कार्यवाही से लेकर पक्षपातपूर्ण और गैर कानूनी कार्यवाही तक की घटनाएँ सामने आई हैं। जिस प्रकरण में हल्द्वानी में हिंसा हुई है, वह मामला उच्च न्यायलय में विचाराधीन है और उसकी अगली तारिख 14 फरवरी 2024 को है। इसके बावजूद ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की कोशिश हुई। इस तरह की निरंकुश कार्यवाही पर रोक लगनी चाहिए। किसी भी कार्यवाही को करते हुए पुनर्वास, नोटिस, सुनवाई और संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाना चाहिए। किसी भी निर्दोष को बेघर नहीं किया जाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया कि भीषण हिंसा की इस घटना से निपटने के नाम पर भीषण पुलिसिया प्रतिहिंसा नहीं होनी चाहिए। इस घटना से निपटने के नाम पर होने वाली हर कार्यवाही कानून और संविधान के दायरे के अंदर होनी चाहिए। मांग की गई कि राज्य सरकार और प्रशासन को निर्देशित करें कि उनकी कोई भी कार्यवाही संविधान और कानून के दायरे में ही हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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जन संगठनों और विपक्षी दलों ने गांधी प्रतिमा के सामने की सर्वधर्म प्रार्थनासभा
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विभिन्न जन संगठनों और विपक्षी दलों की ओर से शनिवार शाम गांधी पार्क में गांधी प्रतिमा के सामने हल्द्वानी के हिंसा में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना भी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश में वहां की मौजूदा हालत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हल्द्वानी में कभी ऐसी घटना नहीं हुई है। उन्होंने इस घटना को प्रशासन की लापरवाही बताया और कहा कि बिना किसी तैयारी के तोड़फोड़ करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि हिंसा और पथराव करने वालों के साथ उनकी कोई सहानुभूति नहीं है, ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन, इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि आखिर इस घ्ज्ञटना की असली वजलर क्या है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुमित हृदयेश ने कहा कि मुख्य सचिव की ओर से घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये गये हैं, लेकिन वे इस तरह की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने किसी सीटिंग जज द्वारा जांच करवाने की मांग की। शोक सभा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक सुमित हृदयेश, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोंगी, पार्टी प्रवक्ता गरिमा दसौनी, धीरेन्द्र प्रताप सिंह, शीशपाल सिंह बिष्ट, पूर्व महानगर अध्यक्ष लाल चंद शर्मा, याकूब सिद्धिकी, सीपीआई के समर भंडारी, सीपीएम के अनंत आकाश, सीपीआई माले के इंद्रेश मैखुरी, अखिल भारतीय किसान सभा से सुरेंद्र सिंह सजवाण, सीटू से लेखराज, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट व इंद्रेश नौटियाल, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के सतीश धौलाखंडी, साहित्यकार जितेन्द्र भारती, स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।