राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में 1400 रुपये के इजाफा नाकाफी, आंदोलनकारी हुए निराशः धीरेंद्र प्रताप
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सक्रिय आंदोलनकारियों की पेंशन राशि 3100 रुपये से बढ़ाकर 4500 किए जाने को नाकाफी बताया है।
राज्य की स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून में शहीद स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब वह 2005 में वह स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी की सरकार में आंदोलनकारी समान परिषद के पहले अध्यक्ष बने थे, तभी उन्होंने आंदोलनकारियों के लिए 5000 प्रति माह पेंशन की व्यवस्था करवाई थी। यह खेद का विषय है कि 15 वर्ष बाद भी नौजवान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उक्त पेंशन की राशि 10 से 15000 रुपये तक नहीं बढ़ाई। अब मात्र 1400 रुपये का इजाफा करके अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे पेंशन राशि को बढ़ाने पर विचार करें। देश में बढ़ रही महंगाई और हर वस्तुओं के दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती कीमतों को देखते हुए आंदोलनकारियों की आवश्यकताओं का भी सम्मान करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा को ऊंट के मुंह में जीरा है। इससे पूर्व उन्होंने उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ देहरादून और हरिद्वार में राज्य आंदोलनकारियों के राज्य स्थापना दिवस समारोह में प्रतिभाग किया। धीरेंद्र प्रताप ने बताया कल 10 नवंबर को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी जेपी पांडे की याद में राज्य भर में राज्य निर्माण आंदोलनकारी कई कार्यक्रम करेंगे। वह स्वयं इस मौके पर हरिद्वार में प्रेम नगर आश्रम स्थित पवित्र गंगा के तट पर स्वर्गीय जेपी पांडे की याद में दीपदान समारोह में प्रतिभाग करेंगे।
चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि स्वर्गीय जेपी पांडे की याद में हरिद्वार में 12 नवंबर से 18 नवंबर तक हरिद्वार में भागवत पाठ का आयोजन होगा। अंतिम दिन 18 नवंबर को राज्य भर के उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी हरिद्वार आएंगे जहां आंदोलनकारियों के इस सम्मेलन को प्रमुख राज्य आंदोलनकारी और शीर्ष राजनेता संबोधित करेंगे। इसी क्रम में 13 नवंबर को दिल्ली में जाने-माने राज्य आंदोलनकारी दीवान सिंह नयाल की स्मृति में सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन में देश भर से 300 आंदोलनकारी भाग लेंगे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।