यूसर्क की डाटा एनालिटिक्स को लेकर साप्ताहिक कार्यशाला का शुभारंभ, वैज्ञानिकों ने दी ये जानकारी
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून और अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में डाटा एनालिटिक्स विषय पर एक सप्ताह की प्रशिक्षण कार्यशाला का आज से शुभारंभ हो गया। इस मौके पर वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। ये कार्यशाला गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर कार्यशाला की मुख्य अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ) अनिता रावत ने कहा डेटा एनालिटिक्स एक महत्वपूर्ण टूल है जो हमें प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले डेटा की विशाल मात्रा को समझने में मदद करता है। उन्नत तकनीकों का उपयोग करके हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं। इनका उपयोग नवाचार में, दक्षता बढ़ाने और निर्णय लेने में सुधार करने के लिए किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा की इस कार्यशाला के दौरान हमारे पास इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से सुनने, व्यावहारिक अभ्यास में भाग लेने और ब्रेन स्टोर्मिंग सत्रों में शामिल होने का अवसर होगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागी बेहतर समझ के साथ यह सीखेंगे कि डेटा एनालिटिक्स विभिन्न उद्योगों, संस्थानों, शोध एवं अनुसंधान संबंधी कार्यों में, शिक्षा के क्षेत्र में, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व प्रबंधन आदि में कैसे उपयोग किया जा सकता है। इस कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों से प्रतिभागी प्रतिभाग कर डाटा एनालिटिक्स विषय की बारीकियों को सीखेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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डॉ. सुनील पँवार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. विवेक कुमार गुप्ता ने कहा हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहां अभूतपूर्व गति से डेटा उत्पन्न हो रहा है। सोशल मीडिया इंटरैक्शन से लेकर वैज्ञानिक प्रयोगों तक, डेटा हमारे चारों ओर है जो वास्तव में मूल्यवान है। यही वह जगह है जहाँ डेटा एनालिटिक्स काम आता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि डेटा एनालिटिक्स पैटर्न और अंतर्दृष्टि निकालने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करने की जरूरत होती है। इसका उपयोग महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए किया जा सकता है। डेटा एनालिटिक्स टूल और तकनीकों का लाभ उठाकर संगठन प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल कर सकते हैं। साथ ही और विकास और नवाचार के नए अवसरों को खोल सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सोमदेव सतांशु ने कहा वैदिक शास्त्र “ज्ञान” की अवधारणा का वर्णन करते हैं, जो ज्ञान का अनुवाद करता है। डेटा एनालिटिक्स के संदर्भ में इस ज्ञान को उस अंतर्दृष्टि के रूप में समझा जा सकता है, जिसे हम डेटा के विश्लेषण से प्राप्त कर सकते हैं। कार्यशाला में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. परमेन्द्र सिंह पुंडीर ने आर सॉफ्टवेयर पर प्रतिभागियों को प्रोग्रामिंग करना सिखाया। उन्होंने आर प्रोग्रामिंग के विभिन्न आयामों को समायोजित करते हुए शोध छात्रों को प्रेरित किया कि वे “आर प्रोग्रामिंग” सीख कर अपने शोध कार्य को उत्तम श्रेणी तक ले जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुयश भारद्वाज ने किया। उन्होंने कहा डेटा एनालिटिक्स जटिल डेटा सेट की समझ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ लोकेश जोशी ने कार्यक्रम के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि लगभग 100 प्रतिभागियों ने भारत के विभिन्न 31 संस्थानों ने इस कार्यशाला के लिए पंजीकरण किया है। इस आयोजन में देश भर से भाग ले रहे हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. एम एम तिवारी ने डेटा एनालिटिक्स पर आयोजित इस कार्यशाला के आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।