उत्तराखंड में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सीएम धामी, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह ने किया राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारम्भ
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड विद्वानों की भूमि है। इस देवभूमि से नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अभी अनेक विचार आयेंगे। अब प्रयास करने होंगे कि आने वाले समय में शत प्रतिशत बच्चे बाल वाटिकाओं में प्रवेश करें। उन्होंने कहा कि किसी भी देश एवं समाज का विकास बेहतर शिक्षा से ही हो सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मानवीय जीवन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। शिक्षा के साथ ही बच्चों के कौशल विकास, उनके व्यक्तित्व के विकास, भाषाई विकास एवं नैतिक मूल्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है। शिक्षा व्यक्ति की आत्मनिर्भरता से जुड़ी हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को 03 साल से फार्मल एजुकेशन से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत बाल वाटिका शुरू की गई है। बाल वाटिका में 03 साल सीखने के बाद बच्चा पहली कक्षा में प्रवेश करेगा, तब उसकी उम्र 06 साल होगी। बच्चों को नवजात से उनकी 21-22 साल की उम्र तक बेहतर एवं गुणात्मक शिक्षा के लिए उत्तराखण्ड में 40 लाख बच्चों का टारगेट लेकर आगे बढ़ना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकि शिक्षा, मेडिकल, पेरामेडिकल एवं अन्य को मिलाकर 35 लाख की व्यवस्था उत्तराखंड के पास पहले से ही है। उन्होंने कहा कि देश डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से बढ़ा है। उच्च शिक्षा की दिशा में उत्तराखण्ड में जो नीति बन रही है, वह इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है। प्रदेश के नौजवानों को विश्व की आवश्यकता के लिए तैयार कराना, यह उत्तराखण्ड के पास ताकत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किए जाने के की दिशा में, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी एवं चरणबद्ध रूप से सकारात्मक कदम बढ़ाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में तैयार की गई नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के नवीन, आधुनिक, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के नए आयाम खोलने वाली नीति है। इसे देश के ख्यातिलब्ध शिक्षाविदों द्वारा तैयार किया गया है और ये नए भारत की, नई उम्मीदों नई आवश्यकताओं की पूर्ति का सशक्त माध्यम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि यदि हम एक समृद्ध भविष्य चाहते हैं तो हमने अपने वर्तमान को सशक्त बनाना होगा। ठीक इसी प्रकार से यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को और भी अधिक प्रतिभाशाली बनाना चाहते हैं तो हमें उसके बचपन और उसकी शिक्षा पर आज से कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने सम्पूर्ण विश्व को ज्ञान देने का कार्य किया है। हमारे नालंदा और तक्षशिला जैसे अद्वितीय शिक्षा मंदिर पूरी दुनिया में कहीं नहीं थे और यहां से ज्ञान अर्जित करने वालों ने संपूर्ण मानवजाति को एक नई राह दिखाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हमारे देश में मेधा की कभी कोई कमी नहीं रही और एक से एक विद्वानों और शिक्षाविदों ने भारत की बौद्धिक संपदा को विस्तार दिया। कालांतर में आए विदेशी आक्रांताओं और शासकों ने हमारी शिक्षा व्यवस्था पर ही सबसे अधिक चोट की और इसको तहस-नहस कर दिया। उस दौर में व्यवस्थाएं ऐसी बना दी गईं, जिसके बाद से पढ़ाई का अर्थ और लक्ष्य केवल और केवल नौकरी पाने तक सीमित हो कर रह गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि 2025 में राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाई जायेगी। तब तक हम बेस्ट प्रैक्टिस के तौर पर क्या कर सकते हैं, जो देश के लिए आदर्श बने इस दिशा में सभी विभागों को तेजी से कार्य करने होंगे। इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, विनोद चमोली, विनोद कण्डारी, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव शैलेश बगोली, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास की समीक्षा
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शासन के अधिकारी एवं सबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। इस मौके पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन एवं शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए निपुण भारत मिशन के तहत बच्चों को पढ़ने-लिखने, बोलने, व्याख्या करने एवं संख्यात्मकता ज्ञान बढ़ाने के लिए, डायट को भी इस ओर ध्यान देना होगा। शिक्षकों को इसके लिए बेहतर प्रशिक्षण देना होगा। बच्चों की प्रारंभिक बाल्यवस्था देखभाल और शिक्षा का पाठ्यक्रम को रोचक बनाया जाए। टेक्नोलॉजी के माध्यम से ईसीसीई के पाठ्यक्रम को कैसे और रोचक बनाया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उत्तराखण्ड के लिए जो पाठ्यक्रम बनाया जा रहा है, इसमें एससीईआरटी के साथ ही एनसीईआरटी की मदद भी ली जा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को नई-नई स्किल सीखने को मिले, इसके लिए भविष्य की आवश्यकताओं को देखकर स्किल डेवलपमेंट के कोर्स कराए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में स्किल डेवलपमेंट का हब बनने की क्षमता है। राज्य के पास प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इन प्रतिभाओं को आगे लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में कौशल विकास से संबंधित जो भी विभाग और संस्थान प्रशिक्षण करवा रहे हैं, उन्हें सिंगल विंडो सिस्टम पर लाए जाने की आवश्यकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को उत्कृष्ट राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी विभागों को अगले 03 साल और आने वाले 10 सालों का रोडमैप बनाने के साथ ही बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में अपनी पर्फोमेन्स देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए जो सुझाव दिये गये हैं, उनका सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एनईपी-2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से प्रवेश शुरू कर दिये गये हैं। इसके लिये नई नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि नई नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी और कैरिकुलम डिजाइन समिति गठित की गई। जिनकी विभिन्न स्तर पर कई दौर की बैठकों और पब्लिक डोमेन से मिले सुझावों के उपरांत बाद पाठ्यक्रम तैयार किया गया। जिसे सभी विश्वविद्यालयों की बीओएस, एकेडमिक काउंसिल और एग्जेक्युटिव कमेटी द्वारा अप्रूव्ड किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में राज्य में की जा रही विभिन्न गतिविधियों का विस्तृत प्रजेन्टेशन दिया। बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, सचिव कौशल विकास विजय कुमार यादव, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी एवं शासन एवं संबधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डिजिटल बैंकिंग इकाइयां राष्ट्र को समर्पित
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्तीय समावेशन को और अधिक व्यापक बनाने के उद्देश्य से देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों को आज राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग ने मानव जीवन को आसान बनाने का कार्य किया है। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।