अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्यकर्मियों ने 17 सूत्री मांग पत्र पर की चर्चा, लिए गए ये निर्णय
चर्चा के बिंदु
(1)राज्य कार्मिकों के लिए 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में एसीपी के अन्तर्गत पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाय। इस बिंदु पर बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्व वित्त मंत्री माननीय प्रकाश पंत की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुसार प्रदेश में एसीपी से प्रभावित होने वाले कार्मिकों की संख्या एवं आने वाले व्यवहार का आकलन किया जाए। जिन्हें पूरे सेवाकाल में तीन पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाता है। इसके बाद ही अग्रेतर निर्णय लिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(2)एसीपी की अनुमन्यता के सम्बन्ध में अति उत्तम के स्थान पर उत्तम सेवा को लागू करने के सम्बन्ध में शासन द्वारा जारी शासनादेश में संशोधन को शासनादेश जारी होने की तिथि से प्रभावी माना गया। इससे पूर्व में प्रभावित कार्मिको को इसका लाभ नहीं मिल पाया। उक्त के दृष्टिगत संशोधन को 1.1.2017 से प्रभावी माना जाय। इस मांग से सहमत होते हुए आवश्यक संशोधन जारी करने के निर्देश विभाग को दिए गए।
(3)पदोन्नति हेतु अर्ह सेवा अवधि में शिथिलीकरण का लाभ दिये जाने के लिए किये गये शासनादेश में मात्र वर्ष 2021-22 की समय सीमा निर्धारित की गयी। शिथिलीकरण का लाभ दिये जाने के लिए वर्ष 2021-22 की समय सीमा को समाप्त करते हुए पूर्व की भांति शिथिलीकरण का लाभ प्रदेश के कार्मिकों को अनुमन्य किया जाय। इस मांग के संबंध में परिषद की ओर से एक विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के उपरांत ने निर्णय लिये जाने का सकारात्मक आश्वासन दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(4)गोल्डन कार्ड के आधार पर राज्य के कार्मिकों एंव पेशनरों को कैशलैश चिकित्सा अनुमन्य किये जाने के लिए किये गये शासनादेश में की गयी व्यवस्था के अनुसार पंजीकृत दवा की दुकानों से कार्ड के आधार पर कैशलैश दवा दिये जाने एंव पंजीकृत जांच केन्द्रों (पैथोलॉजी लैब) से कैशलैश जांच की जानी है किन्तु इस प्राविधान के अन्तर्गत कार्ड धारकों को लाभ नहीं प्राप्त हो रहा है। इस सम्बन्ध में समस्त कार्ड धारकों को इस सुविधा का लाभ दिये जाने के लिए ये सुझाव दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
●कैशलैश दवा वितरण हेतु दुकानों के पंजीकृत होने तक जन औषधी केन्द्रों, पंजीकृत चिकित्सालयों एंव राजकीय चिकित्सालयों से कार्ड के आधार पर कैशलैश दवाए उपलब्ध करायी जाय। इस मौके पर जन औषधि केंद्रों एवं राजकीय चिकित्सालयो से कैस-लेस दवाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया।
●इसी प्रकार विभिन्न जांचों के लिए पंजीकरण किये जाने तक राजकीय चिकित्सालयों एंव पंजीकृत चिकित्सालयों में उपलब्ध जांच केन्द्रों (पैथोलॉजी लैब) से कैशलैश जांच की सुविधा अनुमन्य की जाय। इस मांग पर राजकीय चिकित्सालयों एवं पंजीकृत चिकित्सालयों में गंभीर बीमारियों के टेस्ट opd में कैसे -लेस किए जाने है व्यवस्था किए जाने का निर्णय लिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(5)पूर्व में कार्मिक संगठनों के साथ किये गये समझौतो/दिये गये आश्वासनों के अनुपालन की समीक्षा हेतु बैठक का आयोजन किया जाय। इस संबंध में कार्मिक विभाग को पूर्व में हुए समझोते की समीक्षा कर कार्मिक संगठनों के साथ बैठा किये जाने के निर्देश दिए गए।
(6)स्थानांन्तरण अधिनियम की विसंगतियों का निराकरण करने की मांग के संबंध में परिषद से विस्तृत प्रस्ताव की अपेक्षा की गई। एवं तदनुसार संसोधन की कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया।
(7)वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट कार्मिक संगठनों को उपलब्ध करायी जाय। इस मांग पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(8)निगम एंव निकाय कर्मियों को राज्य कर्मियों की भांति समस्त लाभ प्रदान करने की मांग पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया।
(9)विभिन्न विभागों के लम्बित पुर्नगठन एंव सेवा नियमावली के प्रकरणों पर तत्काल कार्यवाही की मांग पर कार्मिक विभाग को मांगा अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
(10)तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों के विनियमितिकरण से पूर्व की सेवाओं को जोडते हुए सेवा सम्बधी समस्त लाभ अनुमन्य किये जाय। इस संबंध में पुर्व से ही शासन में सकारात्मक कार्रवाई किए जाने की जानकारी दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(11)शासनादेश के व्यवस्था के अनुरूप समस्त कार्मिक संगठनों से निर्धारित समय पर जनपद/ मण्डल/विभागाध्यक्ष एंव शासन स्तर पर बैठकों का आयोजन कर लम्बित समस्याओं का निराकरण किया जाय। इस पर कार्मिक सचिव द्वारा इस संबंध में समस्त संबंधित को निर्देश जारी किए जाने का आश्वासन दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(12) पूर्व में शासनादेश के अनुसार समस्त फिल्ड कर्मचारियों को विभागाध्यक्ष के सहमति के उपरान्त वाहन भत्ते का भुगतान किया जा रहा था, किन्तु शासन के वित्त विभाग द्वारा स्पष्टीकरण जारी कर मात्र वित्तिय हस्त पुस्तिका में उल्लेखित विभागों को ही वाहन भत्ते की अनुमन्यता स्वीकृत की गयी है जिससे अन्य विभागीय कार्मिकों को वाहन भत्ते से वंचित होना पड रहा है। पूर्व की भांति वाहन भत्ते की अनुमन्यता विभागाध्यक्ष के निर्णय पर अनुमन्य की जाय। इस मांग से सहमत होते हुए सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
(13) केन्द्र सरकार एंव विभिन्न राज्य सरकारों में रू0 5400 ग्रेड पे के कार्मिक को हवाई यात्रा की अनुमति प्राप्त है तद्नुसार उत्तराखण्ड के कार्मिकों को भी स्वीकृति प्रदान करने की मांग से सहमत होते हुए सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(14) एलटीसी की सुविधा लिये जाने पर अनिवार्य रूप से 15 दिन का उपार्जित अवकाश कार्मिक द्वारा लिये जाने का उल्लेख शासनादेश में किया गया है, उक्त के स्थान पर वास्तविक आवश्यकता एंव अधिकतम 15 दिन के अवकाश की सीमा का उल्लेख करते हुए संशोधित शासनादेश निर्गत किया जाय। इस मांग से सहमत होते हुए सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(15) एल०टी०सी० की सुविधा प्राप्त करने वाले कार्मिक को स्वंय की इच्छा से यात्रा का माध्यम यथा- रेल मार्ग, वायु मार्ग, अथवा भूतल परिवहन (टैक्सी) की स्वीकृति प्रदान करते हुए यात्रा की सुविधा अनुमन्य की जाय। इस मांग से सहमत होते हुए सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
16) विभिन्न विभागों में दैनिक, संविदा, आउटसोर्स, वर्कचार्ज आदि के रूप में कार्यरत कार्मिकों को नियमित किये जाने हेतु जारी की गयी नियमावली को पुनः प्रदेश में लागू करने हेतु कार्यवाही करने की मांग पर सकारात्मक रूप से विचार किए जाने का आश्वासन दिया गया।
(17) पूर्व में जारी शासनादेशों द्वारा की गयी व्यवस्था के अनुसार कार्मिक संगठनों से जिला, मण्डल, विभागध्यक्ष एंव शासन स्तर पर बैठकों का आयोजन किया जाय। कार्मिक सचिव द्वारा इस संबंध में समस्त संबंधित को निर्देश जारी किए जाने का आश्वासन दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
परिषद के प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने बताया कि वार्ता के सकारात्मक माहौल एवं समस्त मांगो पर लिए गए निर्णयों से खुशी जताते हुए परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने तत्काल निर्णयों के आधार पर शासनादेश जारी करने की मांग की एवं शासन का धन्यवाद किया। बैठक में शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव , वित्त, उत्तराखंड शासन आनंद वर्धन, सचिव कार्मिक शैलेश बगोली, अपर सचिव वित्त एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अरुणेंद्र सिंह चौहान, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद, उप सचिव वित्त एवं वित्त विभाग श्रीप्रकाश त्रिपाठी के साथ ही राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय, प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट, गुड्डी मटूरा आदि ने प्रतिभाग किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।