इमरान खान की कुर्सी से हटना तय, इस्तीफे की चर्चा, सेना और आईएसआई प्रमुख पहुंचे पीएम के घर, टाला देश के नाम संबोधन
पाकिस्तान में सियासी घमासान मचा हुआ है। इस वक्त सबकी नज़र फिलहाल पाकिस्तान पर है। सवाल ये उठ रहा है कि क्या इमरान खान इस्तीफा देंगे। ये पाकिस्तान के लोकतंत्र के लिए इम्तिहान की घड़ी है।

सूचना मंत्री बोले-नहीं देंगे इस्तीफा
इन सब हलचलों के बीच इमरान खान आज अपने देश से मुख़ातिब होने वाले थे, जिसे अब उन्होंने टाल दिया है।
बुधवार को पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे। फवाद चौधरी ने उर्दू में ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘प्रधानमंत्री इमरान खान आखिरी गेंद तक लड़ने वाले खिलाड़ी हैं. वह इस्तीफा नहीं देंगे।
दो प्रमुख सहयोगियों ने छोड़ा गठबंधन
इमरान खान की पार्टी पीटीआई को एक और बड़ा झटका तब लगा, जब उसके प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) ने सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ दिया और विपक्ष से हाथ मिला लिया। पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 172 है। पीटीआई के नेतृत्व वाला गठबंधन 179 सदस्यों के समर्थन से बनाया गया था। इमरान खान की पीटीआई के 155 सदस्य हैं और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) सहित अन्य प्रमुख सहयोगियों के पास लगभग 20 सीटें हैं।
चार सहयोगियों में से तीन विपक्ष के साथ
इमरान खान के हालात अभी ऐसी है कि चार सहयोगियों में से तीन – एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू और बीएपी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन दिया है। कहा कि उसके मुताबिक ही वे मतदान करेंगे। पाकिस्तान में विपक्षी दलों को सदन के 162 सदस्यों का समर्थन प्राप्त होता दिख रहा है और उम्मीद की जा रही है कि मतदान के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन के तीन दल उनके साथ शामिल हो सकते हैं, जिससे उन्हें बहुमत का आंकड़ा पार करने में मदद मिलेगी। सदन के 161 सदस्यों के समर्थन से 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव सदन में पेश किया गया था। अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को मतदान होगा। हालांकि, अभी इमरान की स्थिति स्पष्ट नहीं दिख रही है।
2018 का चयन एक साजिश थी : बिलावल भुट्टो जरदारी
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को पाकिस्तान नेशनल असेंबली में MQM के खालिद मकबूल सिद्दीकी और एलओपी शहबाज शरीफ के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भुट्टो ने कहा कि 2018 में चुनाव के नाम पर चयन पूरे पाकिस्तान के खिलाफ एक साजिश थी। उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने की सही चुनौती दी है। हम समझते हैं कि प्रधानमंत्री ने अभी तक ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं दिखाई है। लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है, वह अब प्रधानमंत्री नहीं हैं।
अविश्वास प्रस्ताव को मिल रही विदेशों से फंडिंग
इससे पहले इमरान खान कहा था कि वह 27 मार्च को इस्लामाबाद में अपनी सार्वजनिक रैली में संदर्भित ‘धमकी भरे पत्र’ को वरिष्ठ पत्रकारों और सरकारी सहयोगियों को दिखाएंगे। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, ई-पासपोर्ट सुविधा की शुरुआत के अवसर पर इस्लामाबाद में एक समारोह के दौरान खान ने यह टिप्पणी की।
विपक्ष ने किया ओरोपों को खारिज
समारोह के दौरान, खान ने अविश्वास प्रस्ताव, विशेष रूप से उस कथित पत्र के अस्तित्व के बारे में बात की, जिसमें उनके अनुसार उन्हें सत्ता में बने रहने पर ‘गंभीर परिणाम’ की चेतावनी दी गई है। हालांकि, विपक्ष ने पीएम खान के दावों को खारिज कर दिया है और उनका कहना है कि इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए किसी बाहरी साजिश का कोई सबूत नहीं मिला है। इमरान खान ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव संसदीय लोकतंत्र में एक ‘लोकतांत्रिक’ अधिकार है, लेकिन उनके अनुसार, वर्तमान अविश्वास प्रस्ताव ‘विदेशी शक्तियों द्वारा वित्त पोषित’ है।
एक बड़ी अंतर्राष्ट्रीय साजिश है अविश्वास प्रस्ताव
इमरान खान ने कहा कि विदेशी शक्तियां पाकिस्तान के लोगों के लिए काम करने वाले नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर सकतीं। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका के युद्ध की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने विदेशी शक्तियों के लिए ‘अपने हितों का बलिदान किया’ लेकिन उन्होंने कभी भी इसके बलिदानों को ‘मूल्य’ नहीं दिया। कथित पत्र की ओर इशारा करते हुए इमरान ने कहा कि वह इसे वरिष्ठ पत्रकारों और सहयोगी दलों को दिखाएंगे कि यह ‘वास्तविक’ ही है। उन्होंने कहा, ‘मैं इस दस्तावेज को शीर्ष पत्रकारों को दिखाऊंगा, क्योंकि इसका विवरण सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि यह ‘एक बड़ी अंतर्राष्ट्रीय साजिश’ का हिस्सा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।