आखिरी बाल में बोल्ड हुए इमरान खान, विपक्ष ने 174 रन से हराया, 11 अप्रैल को होगा नए पीएम का चुनाव
राजनीति की पिच में अंतिम गेंद तक खेलने का दावा करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्राी आखिरी बाल में क्लीन बोल्ड हो गए। विपक्ष ने उन्हें 174 रनों से हरा दिया।
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पाकिस्तान नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार मध्यरात्रि के बाद हुए मतदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। खान देश के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गये, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया गया है। मतदान के समय 69 वर्षीय खान निचले सदन में उपस्थित नहीं थे और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने भी बर्हिगमन किया। हालांकि, पीटीआई के बागी सदस्य सदन में उपस्थित रहे। खान को हटाये जाने के बाद सदन के नये नेता के चुनाव की प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है।
विपक्ष ने पहले ही ऐलान किया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ उनके संयुक्त उम्मीदवार होंगे। ऐसे में शहजाब शरीफ रविवार को देश के नये प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं। शहबाज ने संकल्प जताया कि नयी सरकार प्रतिशोध की राजनीति में शामिल नहीं होगी। विश्वास मत की घोषणा के बाद शहबाज ने कहा कि मैं अतीत की कड़वाहट में वापस नहीं जाना चाहता। हमें इसे भूलकर आगे बढ़ना होगा। हम कोई बदले की कार्रवाई या अन्याय नहीं करेंगे। हम बिना वजह किसी को जेल नहीं भेजेंगे।
विश्वास मत के नतीजे के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने देश के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर सदन को बधाई दी। इस बीच, पीटीआई के सांसद फैसल जावेद ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही इमरान खान ने प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ दिया। फैसल ने ट्वीट किया कि अभी-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री आवास से विदा हुए। वह शालीनता से विदा हुए और झुके नहीं।
शनिवार को पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों का समर्थन मिला, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा। गौरतलब है कि किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
इमरान की अगुवाई वाली कैबिनेट ने उस कथित खुफिया पत्र को भी सीनेट के प्रमुख, स्पीकर और चीफ जस्टिस के साथ साझा करने का फैसला किया। इसके आधार पर इमरान खान विदेशी साजिश के तहत उनकी सरकार हटाने का आरोप लगा रहे थे। पाकिस्तान में सियासी संकट के बीच देर रात सभी एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी कर दिया गया था। पाकिस्तान मीडिया के सूत्रों के मुताबिक, यह आदेश दिया गया है कि बिना इजाजत के कोई भी सरकारी अधिकारी या नेता देश छोड़कर नहीं जाने पाए। ऐसी खबरें थीं कि इमरान खान पद छोड़ने के लिए तीन शर्तों में एक शर्त यह भी रखी थी कि उनके समर्थकों नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए।
इमरान ने शुक्रवार रात देश के नाम अपने संबोधन में सीधे तौर पर अमेरिका पर तोहमत लगाई थी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इमरान खान पार्टी के अन्य सांसदों के साथ नेशनल असेंबली पहुंचे। दरअसल, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 9 अप्रैल को ही हर हाल में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था। हालांकि इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करके नया सस्पेंस पैदा कर दिया था, लेकिन इमरान खान ने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई और अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने का ऐलान कर दिया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।