कोटद्वार में बाबा सिद्धबली महोत्सव पर भी कोरोना का असर, नहीं सजी झांकी, न लगा मेला, कार्यक्रम को किया हवन तक सीमित
कोरोनाकाल में कोटद्वार में लगने वाला सिद्धबली मेला कोरोना के चलते नहीं लगाया गया। प्रसिद्ध सिद्धबली महोत्सव को भी सीमित कर दिया गया। इस बार झांकी भी नहीं सजाई गई। कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए वार्षिकोत्सव का शुभारंभ कर दिया गया। छह दिसंबर को पूर्णाहूति कार्यक्रम आयोजित होगा।
मख्य आचार्य पंडित देवी प्रसाद भट्ट ने वेद मंत्रों के साथ वार्षिकोत्सव का शुभारंभ कराया। इस बार मंदिर में झांकियां नहीं सजाई गई। लोगों को भी दूरी बनाए रखने को कहा गया। मंदिर परिसर के बाहर ढोल जरूर बज रहा था, लेकिन मेला और दुकान तक नहीं सजाई गई। तीन दिवसीय महोत्सव के तहत आज सुबह खोह नदी तट पर पूर्जा अर्चना की गई। इसके बाद बालिकाओं ने खोह नदी से जल लेकर यज्ञ स्थल तक कलश यात्रा निकाली। खोह नदी के पवित्र जल से शुद्ध होकर हवन शुरू किया गया।
मंदिर के पुजारी पंडित कृष्ण कुमार दुदपुड़ी व देवी प्रसाद भट्ट के दिशा-निर्देशन में भगवान बजरंग बली का पिंडी महाभिषेक किया गया। साथ ही मंदिर परिसार में एकादश कुंडीय यज्ञ की धूनी प्रज्ज्वलित की गई। महाभिषेक के बाद बाबा सुशीलनाथ के नेतृत्व में ‘सिद्धों का डांडा’ में सिद्धबाबा की ध्वज पताका फहराई।
यज्ञ के मुख्य यजमान व मेला संयोजक अनिल कंसल, लैंसडौन क्षेत्र से विधायक दलीप रावत, पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, महापौर हेमलता नेगी सहित अन्य ने यज्ञ में शिरकत की। यज्ञ की पूर्णाहूति छह दिसंबर को होगी। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष कुंजबिहारी देवरानी, प्रबंधक शैलेश जोशी आदि भी उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।