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August 6, 2025

अवैध खननः सीएम की कार्रवाई के बाद भी विपक्ष हमलावर, विधानसभा जाते कांग्रेसियों को रोका, आप ने बनाया निशाना, भाजपा का पलटवार

उत्तराखंड में अवैध खनन का मुद्दा फिर से जिंदा हो गया। इस बार सीएम पुष्कर सिंह धामी के ही जनसंपर्क अधिकारी का पत्र वायरल होने से सरकार विपक्ष के निशाने पर घिर गई। हालांकि सीएम ने सुबह ही जनसंपर्क अधिकारी को बर्खास्त कर दिया और मामले की जांच के निर्देश दिए।

उत्तराखंड में अवैध खनन का मुद्दा फिर से जिंदा हो गया। इस बार सीएम पुष्कर सिंह धामी के ही जनसंपर्क अधिकारी का पत्र वायरल होने से सरकार विपक्ष के निशाने पर घिर गई। हालांकि सीएम ने सुबह ही जनसंपर्क अधिकारी को बर्खास्त कर दिया और मामले की जांच के निर्देश दिए। इसके बावजूद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व सीएम हरीश रावत विधानसभा के समक्ष धरना देने जा रहे थे। उन्हें पुलिस ने रोक दिया। वहीं, इस मामले में आम आदमी पार्टी ने भी सरकार पर हमले गिए। उधर, भाजपा ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया।
सीएम धामी के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट की ओर से बागेश्वर के एसपी को भेजा गया पत्र इन दिनों वायरल हुआ। उन्होंने हाल ही में बागेश्वर के एसपी को पत्र लिखकर तीन वाहनों के चालान को निरस्त करने को कहा था। आठ दिसंबर के इस पत्र में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देशानुसार 29 नवंबर को बागेश्वर यातायात पुलिस ने वाहन संख्या यूके02सीए, 0238, यूके02सीए, 1238 और यूके04सीए 5907 के चालन निरस्त करने का कष्ट करें। इस मामले में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट को बर्खास्त कर दिया। साथ ही सीएम ने जांच के आदेश भी दिए हैं।

विधानसभा जा रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका
खनन का मुद्दा उत्तराखंड कांग्रेस को बैठे बैठाए मिला तो वह भी क्यों पीछे रहने वाली थी। इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ ही कांग्रेस नेता प्रकाश जोशी, लालचंद शर्मा, जसबीर सिंह रावत सहित अन्य लोग विधानसभा के समक्ष सांकेतिक धरना देने जा रहे थे। इन नेताओं को पुलिस ने राजीवनगर डालनवाला में ही रोक दिया। उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इस पर हरीश रावत ने कहा कि भाजपा इतनी डरी हुई है कि हमें विधानसभा के समक्ष जाने नहीं दिया गया। विरोध प्रदर्शन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। वहीं, कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि बागेश्वर खनन मामले में मुख्यमंत्री की संलिप्तता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को तत्काल नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। साथ ही उन्होंने इस मामले में सीबीआइ जांच की मांग की।
आप ने बनाया सरकार को निशाना, सीएम के मौखिक आदेश की चिट्टी से छुड़ाए जा रहे वाहन
इस मामले में आज आप पार्टी के उत्तराखंड प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने प्रदेश में बढ़ रहे अवैध खनन के वाहनों को छुड़ाने के लिए सीएम के जनसंपर्क अधिकारी की चिट्ठी को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सीएम खुद ही अवैध खनन करने वालों को बचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक संगीन अपराध है। इसका संज्ञान लिया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री उन समस्याओं के निस्तारण के बजाए सीएम कार्यालय से मौखिक आदेश देकर अपना खनन प्रेम दर्शाने में व्यस्त हैं। उन्होंने बताया कि सरकार का खनन प्रेम इस चिट्ठी के द्वारा अब सबके सामने आ चुका है।
कर्नल कोठियाल ने किया ट्विट
इस मामले को लेकर आप के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड में सीएम पद के प्रत्याशी कर्नल (से.नि.) अजय कोठियाल ने ट्विट करते हुए प्रदेश सरकार पर हमला किया। उन्होंने लिखाी कि-सरकार का खनन प्रेम आया सामने। उत्तराखंड की जनता ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क पर #KuchKarDhami कहा था। लेकिन मुख्यमंत्री जी इन सब से आगे बढ़ते हुए खनन के ओवरलोडेड ट्रक को छुड़वाने का अपने कार्यालय से मौखिक आदेश देकर अपना खनन प्रेम दर्शाने में व्यस्त हैं।

वहीं आप प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने भी ट्वीट कर सीएम धामी पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि- मुख्यमंत्री @pushkardhami यह तो सुना कि कई मांइनिंग कम्पनिया आप की हैं। फिर कृषर से उगाही का खेल शुरू हुआ। अब इतने निचले स्तर पर आ गए कि चालान वापसी के लिये भी निर्देश देने लगे। आपको पता है दुबारा मुख्यमंत्री बनना नही। इसलिये 6 महीने में ही सारी लूट करनी है #खननप्रेमीमुख्यमंत्री।

कांग्रेस तो स्टिंग भी पचा गई थी और एक अपुष्ट पत्र को बना रही हौवा: भाजपा
उधर, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस का प्रलाप हास्यास्पद के सिवाय कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएम आवास का एक पत्र जिसकी सत्यता की अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश देने से पहले ही आरोपी को तत्काल कार्यवाही कर ससपेंड कर दिया। बिना हस्ताक्षर के इस पत्र की सत्यनिष्ठा की अभी जांच भी होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ऐसी नैतिकता तब नहीं दिखाई जब स्टिंग सामने आए और अधिकारी पर कार्यवाही के नाम पर तत्कालीन मुख्यमंत्री बगले झांकते रहे। तब पूरे देश ने खुली आँखों से देखा। वहीं सरकार बचाने के लिए जिस तरह से जोड़ घटाव का खेल हुआ वह भी किसी से छिपा नहीं है।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस तमाम आरोप प्रत्यारोप के बावजूद अभी तक एक भी घपले को सामने नहीं ला पायी है। टेंडर से लेकर नौकरी और आबकारी से लेकर खनन में तमाम घोटालो के सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस ने वहीं दौर याद दिला दिया है। जनता ने तब भी उसे दंड दिया था और अभी भी भूली नहीं है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के सभी मुद्दे आज भी जस के तस है,क्योंकि कांग्रेस के वहीं महारथी मैदान में दिख रहे है जो कि इन घपले घोटालों के नायक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तब नदियां भी बिकी थीं और डेनिस का जलवा था। ऐसा अराजकता का दौर राज्य ने कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि खनन का राग अलापने वाली कांग्रेस को अपने गिरेवान में झांकने की जरूरत है। हालांकि कांग्रेस में एक बडा बर्ग सरकार की ऐसी हरकतों से नाराज था और उसने कांग्रेस को सबक सिखाने में कसर नहीं छोड़ी। हाशिये पर सिमट गई कांग्रेस इसीलिये अब पांच अध्यक्ष का बोझ लेकर चल रही है। उन्होंने कहा कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश ने विकास की रफ्तार पकड़ी है और इसी कारण कांग्रेस अब ऐसे हथकंडे अपनाकर अस्तित्व की तलाश में है जो कि कहीं से संभव नहीं है। भाजपा विकास के बूते जनता की अदालत में जा रही है और कांग्रेस के पास है तो महज घोटालों की विरासत है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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