यदि आपको 100 साल रहना है जिंदा, ऐसे दूर भगाएं बीमारियां, अपनाएं ये जीवनशैली
अक्सर जब कोई इंसान 70 साल से अधिक उम्र का होने लगता है, तो वह उसके शरीर में कई तरह की बीमारियां घर करने लगती हैं। ऐसे में वह यही समझने लगता है कि बस अब उसके दिन पूरे हो चुके हैं। वहीं, कई लोग ऐसे हैं, जो उम्र के आखरी पड़ाव में भी एकदम फिट रहते हैं। क्योंकि स्वास्थ्य का सीधा संबंध हमारी जीवनशैली, खान-पान, आदतों और चिंतन-मनन आदि से है। यदि इनमें खामियां हों, तो दुनिया की कोई भी दवा हमें निरोग नहीं रख सकती। हम सुबह से लेकर शाम तक जो खाते हैं, पीते हैं, उठते हैं, बैठते हैं या अन्य जो भी गतिविधियां करते हैं, उन सबका सम्मिलित प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि दिनचर्या असंतुलित हो, तो स्वास्थ्य चौपट हो जाता है। यदि इसमें सुधार कर लिया जाए, तो दवाओं की गुलामी से छुटकारा मिल जाता है और शरीर स्वस्थ-सबल बना रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहां के लोग रहते हैं 100 साल तक जिंदा
आजकल छोटी-छोटी उम्र में डायबिटीज, फैटी लिवर, हार्ट डिजीज जैसी भयंकर बीमारी देखने को मिल रही हैं। इसकी वजह से लोगों का जीवन बेहद सिमटकर रह गया है। क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में कुछ ऐसी भी जगहें हैं, जहां के लोग 100 साल तक जिंदा रहते हैं। इन जगहों को ब्लू जोन कहा जाता है। ब्लू जोन में रहने वाले बुजुर्ग लोग भी बीमारियों से आजाद रहते हैं। Icaria, Ogliastra, Okinawa, Nicoya Peninsula और कैलिफोर्निया के एक हिस्से को ब्लू जोन कहा जाता है। यहां रहने वाले लोगों की जीवनशैली बेहद हेल्दी होती है। इनमें कुछ आदतें प्रमुख होती हैं। यदि आप भी ऐसी आदतों को अपना लेंगे तो आपकी भी उम्र लंबी हो सकती है। हम यहां ऐसी ही जीवनशैली पर चर्चा करने जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुबह जल्दी उठें
सुबह में सूर्योदय से कम-से-कम 1 घंटा पहले उठने से न केवल हम ऊर्जा से भरपूर बने रहते हैं, बल्कि शरीर में हल्कापन, स्फूर्ति व ताजगी महसूस होती है। पक्षियों की चहचहाहट व ताजी हवा से स्ट्रैस (तनाव) दूर होता है। बायोलॉजिकल क्लॉक सुबह में आंतों की सफाई करती है और समय पर शरीर से मल-मूत्र बाहर निकल जाने से शारीरिक विषाक्तता (टॉक्सिसिटी) दूर होती है। सुबह में जल्दी उठने मात्र से एसिडिटी व अपच की समस्या से छुटकारा मिल जाता है और मेटाबॉलिज्म (चयापचय) में सुधार होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उष:पान करें
सुबह में उठते ही जो पानी पिया जाता है, उसे उषापान या उष:पान कहा जाता है। तांबे के बर्तन में रातभर रखा हुआ पानी अमृत के समान गुणकारी है। शोध में यह सिद्ध हो चुका है कि तांबे के बर्तन में रखे पानी में 200 प्रकार के बैक्टीरिया अपने आप नष्ट हो जाते हैं। सुबह में तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से धीरे-धीरे सभी प्रकार के रोग-विकार ठीक होने लगते हैं। अत: सुबह उठते ही पानी जरूर पीना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नहीं छोड़ते एक्सरसाइज करना
लंबी उम्र तक जीने के लिए एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है और यह बात ब्लू जोन के लोग बहुत अच्छी तरह जानते हैं। नियमित एक्सरसाइज करने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और अंगों-मसल्स की क्षमता भी बढ़ती रहती है। एक्सरसाइज करने से कई सारी बीमारियां भी दूर रहती हैं। नित्यक्रिया से निवृत्त होकर रोजाना 30 से 45 मिनट तक कोई भी व्यायाम करें। रोजाना व्यायाम करने से न केवल शरीर, बल्कि मनोमस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है, बुद्धि बढ़ती है, अनेक बीमारियों से बचाव होता है और वजन कंट्रोल में रहता है। व्यायाम करने से नींद अच्छी आती है, ऑक्सीजन भरपूर मिलने पर शरीर की सारी क्रियाएं सुचारू रूप से होती हैं, ऊर्जा का संचार होता है और जीवनी शक्ति बढ़ती है। अत: रोजाना नियमित रूप से व्यायाम जरूर करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुबह नाश्ता जरूर लें
सुबह नाश्ता लेना बहुत जरूरी है। रात के भोजन के बाद सुबह तक काफी समय का अंतराल हो जाता है और सुबह में शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है। अत: नाश्ता करके यह ऊर्जा की जरूरत पूरी की जा सकती है। सुबह के नाश्ते में दूध, फल, कॉर्नफ्लैक्स, रोटी, दही, रबड़ी, दलिया, ड्राई फ्रूट्स, सेब, केला, संतरा आदि लिए जा सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खाने में प्लांट बेस्ड फूड
ब्लू जोन में रहने वाले लोगों की डाइट का करीब 95 प्रतिशत सिर्फ प्लांट बेस्ड फूड होते हैं। इनमें सलाद, हरी सब्जियां, फल, फलियां, साबुत अनाज, नट्स आदि शामिल होते हैं। Pubmed पर मौजूद रिसर्च (ref.) कहती है कि जो लोग मांसाहार छोड़कर पेड़-पौधों से मिलने वाली चीजें खाते हैं, उनमें दिल की बीमारी, कैंसर और अन्य बीमारी के कारण मरने का खतरा काफी कम हो जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फास्टिंग का रखें खास ख्याल
लंबी उम्र का राज फास्टिंग से जोड़ा गया है। फास्टिंग करने से ब्लड कोलेस्ट्रॉल और बीएमआई कंट्रोल में रहता है, जो कि खुद में कई सारी बीमारियों की वजह बन सकते हैं। वहीं, ऐसे लोग भूख का सिर्फ 80 प्रतिशत ही खाते हैं। वो पूरा पेट भरने की गलती नहीं करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्यादा नहीं होने दें एल्कोहॉल
ब्लो जोन में रहने वाले लोगों की डाइट का सबसे बड़ा हिस्सा एल्कोहॉल की मात्रा को लेकर है। ऐसे लोग कभी भी जरूरत से ज्यादा एल्कोहॉल नहीं पीते हैं। अत्यधिक होने पर यह हार्ट अटैक, कैंसर जैसी बीमारी पैदा कर देता है।
नोटः यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समय पर गहरी नींद लें
समय पर नींद लेना भी हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेने वालों का हृदय ज्यादा स्वस्थ रहता है। भरपूर नींद लेने से ब्रेन की अलर्टनैस बढ़ती है और ब्रेन को दिनभर के कार्यों को याद करके सही रूप में सहेजने तथा फिर से याद करने में मदद मिलती है। नींद पूरी तरह शरीर को तरोताजा करती है। सैल्स की रिपेयरिंग का काम (नवनिर्माण) नींद में ही होता है। गहरी नींद से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। कुल मिलाकर यूं कहें कि स्वस्थ रहने के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद लेने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियों से मरने का खतरा बहुत कम हो जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मालिश और स्नान जरूर करें
रोजाना मालिश और स्नान स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायी है। मालिश और स्नान से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है, जिससे त्वचा में ग्लो बढ़ जाता है, बदन दर्द व थकान दूर होती है, खुलकर भूख लगती है, मेटाबॉलिक रेट (चयापचय दर) बढ़ जाता है, जिससे शरीर में जमा चर्बी (फैट) पिघलने लगती है, त्वचा पर मौजूद धूल-मिट्टी के कण, मृत कोशिकाएं (डैड सैल्स), कीटाणु व पसीना आने के बाद जमी परत हट जाती है और त्वचा में निखार आ जाता है तथा त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं और स्किन प्रॉब्लम्स से बचाव होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रकृति के नजदीक रहें
रोजाना थोड़ा समय प्रकृति के बीच गुजारें, जहां कृत्रिम प्रकाश, कृत्रिम हवा, कृत्रिम जल आदि न हो। मिट्टी, पानी, धूप, हवा-ये सभी प्रकृति के वे भाग हैं जो हमें स्वास्थ्य देते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रकृति के नजदीक रहने वालों को नींद अच्छी आती है, मन प्रसन्न रहता है, मानसिक थकान दूर होती है और शरीर निरोग रहता है। इसलिए प्राकृतिक जलस्रोत, मिट्टी, पहाड़, जंगल, बगीचे व हरियाली में रोजाना थोड़ा समय जरूर बिताना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
क्रोध से बचें
क्रोध से रक्त प्रवाह तेज हो जाता है, हार्ट रेट व स्ट्रैस बढ़ जाता है तथा टिशु व आर्गंस कमजोर होते हैं। क्रोध से पित्त बढ़ता है और यह मैटाबॉलिक सिस्टम को, जोकि कोशिका के लैवल पर होता है, बिगाड़ देता है। इस प्रकार इम्यून सिस्टम कमजोर होकर रोगों के लिए आधार मिल जाता है। अत: क्रोध न करें, हमेशा शांत व प्रसन्न रहने का प्रयास करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नशीले पदार्थों से दूर रहें
आयुर्वेद में मद्य (मदिरा) यानी शराब को ओज का नाशक बताया गया है। शराब इम्युनिटी का नाश करके तन-मन के लिए विष का काम करती है। शराब शरीर की उष्णता बढ़ाकर टैम्प्रेचर बढ़ाती है, एक्जिमा व अन्य स्किन डिजीज का कारण बनती है तथा लिवर, किडनी, हार्ट व वेसल्स को नुक्सान पहुंचाती है। इसी प्रकार धूम्रपान, गुटखा, तंबाकू, स्मैक आदि सभी नशीले पदार्थों का प्रयोग भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।