यदि पंखे सहित अन्य घटिया उत्पाद बेचा या इसका विज्ञापन किया तो होगी जेल, जानिए क्या कहता है नया कानून
उपभोक्ता कानून में किए बदलावों से घटिया सामान बेचने वालों, गुमराह करने वाले विज्ञापन देने वालों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है। घटिया सामान बेचने वालों को छह महीने की जेल हो सकती है या एक लाख रुपये जुर्माना देना पड़ेगा। देश में घटिया क्वालिटी के प्रोडक्ट के खिलाफ सरकार कुछ समय से अभियान चला रही है। पहले घटिया क्वालिटी के प्लास्टिक प्रोडक्ट और फिर चार्जर और यूएसबी केबल जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर रोक लगाने के बाद अब सरकार ने खराब गुणवत्ता वाले पंखों के बाजार पर नजर तिरछी की है। केंद्र सरकार ने छत वाले बिजली पंखों के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं। यह कदम बिजली पंखों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और दोयम दर्जे के पंखों के आयात पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बिना बीआईएस मार्क नहीं बिक पाएंगे पंखे
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस संबंध में नौ अगस्त को अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना में कहा गया कि छत पर लगने वाले बिजली पंखा (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2023 के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं का भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) चिह्न के बिना उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात या भंडारण नहीं किया जा सकता है। अधिसूचना प्रकाशित होने के छह महीने बाद से यह प्रभावी हो जाएगा। तब तक छत वाले इलेक्ट्रिक पंखों के लिए बीआईएस प्रमाणन जरूरी नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घटिया पंखा बेचा तो होगी जेल
बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का पहली बार उल्लंघन करने पर दो साल तक की जेल या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर संबंधित व्यक्ति को दूसरी या उससे ज्यादा बार प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है तो जुर्माना बढ़ाकर कम से कम पांच लाख रुपये और वस्तु के मूल्य के 10 गुना तक किया जा सकता है। अधिसूचना के अनुसार, घरेलू सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को लागू करने को लेकर समयसीमा के संदर्भ में छूट दी गई है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए यह व्यवस्था अधिसूचना के प्रकाशित होने की तारीख से 12 महीने बाद प्रभावी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फ्लास्क और बोतलों पर भी बदला नियम
अब आप भी बाजार में मिलने वाली घटिया क्वालिटी के फ्लास्क और प्लास्टिक बोतलों से परेशान हैं तो आपकी समस्या का जल्द अंत होने जा रहा है। सरकार ने अब ऐसी सभी बोतलों, फ्लास्क और कंटनर की क्वालिटी को तय करने लिए अनिवार्य स्टैंडर्ड जारी किए हैं। इस कानून के आने के बाद अब भारत में कोई भी फैक्ट्री या निर्माता घटिया क्वालिटी के प्रोडक्ट तैयार कर सकेंगे। सरकार ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले इंसूलेटेड फ्लास्क, बोतलों एवं कंटेनरों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानक जारी किए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब प्लास्टिक प्रोडक्ट पर होगा BIS मार्क
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने इस संदर्भ में एक अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) चिह्न से वंचित इन उत्पादों का उत्पादन, बिक्री, आयात या भंडारण नहीं किया जा सकता है। अब इंसूलेटेड फ्लास्क, बोतल एवं कंटेनर के अलावा रेजिन वाले लकड़ी के लेमिनेट्स का बीआईएस प्रमाणन से वंचित उत्पादों का उत्पादन, भंडारण एवं बिक्री को बीआईएस अधिनियम, 2016 के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब हमें मिलेंगे उत्पाद और सेवाओं से जुड़े ये अधिकार
-ऐसी वस्तुओं की बिक्री और सेवाओं से बचाव होगा जिससे जीवन या संपत्ति को नुकसान हो सकता है।
-उपभोक्ता को सामान की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता, कीमत व मानक के बारे में सही जानकारी देनी होगी।
-बाजार में उपलब्ध सामान की किस्म और उसकी प्रतिस्पर्धा वाली वस्तु चुनने का अधिकार।
-उत्पाद में किसी भी तरह की शिकायत होने पर त्वरित कार्रवाई का प्रावधान होगा।
-उपभोक्ता द्वारा की गई शिकायत पर चिह्नित संस्था द्वारा गंभीरता से सुनवाई होगी।
-उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा जिससे वे अपना हक जान सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सेलिब्रिटीज की जवाबदेही तय
भ्रामक विज्ञापन करने पर सेलिब्रिटी पर भी 10 लाख तक जुर्माना। सेलिब्रिटी का दायित्व होगा कि वह विज्ञापन में किए गए दावे की पड़ताल कर ले। मिलावटी सामान और खराब प्रोडक्ट पर कंपनियों पर जुर्माना व मुआवजे का प्रावधान है। झूठी शिकायत करता है तो अब 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नियमों की अनदेखी करने वालों पर प्राधिकरण रखेगा नजर
केंद्र सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का गठन करेगी। यह उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी करने वालों व भ्रमित करने वाले विज्ञापनों पर नजर रखेगा। सीसीपीए की स्वतंत्र जांच एजेंसी भी होगी जिसकी जिम्मेदारी डायरेक्टर-जनरल के हाथ में होगी। वे चाहें तो पूछताछ या जांच कर सकते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।