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December 17, 2024

चम्मच से खाओगे तो पछताओगे, हाथ से भोजन करोगे तो चम्मच को भूल जाओगे, जानिए क्या कहती है साइंस

भारत में लंबे समय से लोग हाथ से भोजन करते आ रहे हैं। अब चम्मच से भोजन करने का चलन बढ़ने लगा है। हालांकि, यदि कोई जरूरत से ज्यादा आपका पसंदीदा भोजन हो तो फिर आप चम्मच से भोजन करना भूलकर हाथों से ही भोजन करने लगते हो। हालांकि, पहले लोग हाथों से ही भोजन करना ज्यादा पसंद करते थे और उन्हें चम्मच, छूरी और कांटे से भोजन करना तो आता नहीं था, या फिर उन्हें ये तरीका पसंद नहीं था। अब सवाल उठता है कि हाथ से खाना खाने के फायदे हैं, या चम्मच से खाना खाने से फायदा मिलता है। हम यहां एक्सपर्ट की राय के मुताबिक बताने जा रहे हैं कि इनमें कौन का तरीका ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हाथ से खाना खाने का अपना ही आनंद
पुराने जमाने से ही माना जाता रहा है कि हाथ से खाने का अपना ही आनंद होता है। अक्सर घर के बड़े-बुजुर्ग ऐसी बाते कहते रहते हैं। भारतीय परंपरा में खाना हमेशा जमीन पर बैठकर और हाथ से खाया जाता है। अगर आप भी हाथ से कुछ भी खाना पसंद करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद है। साइंस भी ऐसा ही मानता है। दरअसल, हर हाथ में जादू होता है। हाथों से खाना बनाने से ही नहीं, हाथों से खाना खाने में भी खाने का स्वाद बढ़ जाता है। इसलिए भारत में हाथ से खाना खाने की परंपरा रही है। वहीं, यूरोप, अमेरिका, चीन जैसे देशों में चम्मच-कांटे से खाना खाया जाता है। वहीं हाथ से खाने को अनहाइजेनिक बताया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हाथों से खाने पर ब्रेन से पेट को जाता सिग्नल
जब हम हाथों से खाने को छूते हैं तो ब्रेन हमारे पेट को सिग्नल देता है कि खाना तैयार है। पेट में कई तरह के एंजाइम्स होते हैं। सिग्नल मिलते ही ये एंजाइम्स एक्टिव होने लगते हैं। पेट की इस तरह तैयारी करने से खाना पचने में आसानी होती है। चम्मच या कांटे से जब किसी चीज को मुंह तक ले जाते हैं तो यह हाथों की तरह नर्व्स के संपर्क में नहीं आ पाता। वहीं, हाथ से भोजन करने पर पाचन प्रक्रिया एक्टिव हो जाती है और ये तरीका पेट की सेहत को बेहतर बनाने का काम करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हाथ से खाने को लेकर आयुर्वेद में तर्क
आयुर्वेद के अनुसार, हाथ से खाना सेहत के लिए तो फायदेमंद है। यह पांचों इंद्रियों और पाचन के लिए भी काफी अच्छा होता है। आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि 5 उंगुलियां पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनमें आग के लिए अंगूठा, हवा के लिए तर्जनी उंगली, आसमान के लिए मध्यमा, पृथ्वी के लिए अनामिका और पानी के लिए छोटी उंगली है। कहा जाता है कि जब हम हाथ से खाना खाते हैं, तब हम नियंत्रित अनुपात में खाते हैं। इससे हम ज्यादा भोजन नहीं खाते हैं। ऐसा करने से हम ओवर ईटिंग से बच जाते हैं। ऐसे में जब हम हाथ से खाते हैं तो उन तत्वों को एक्टिव करने का काम करते हैं, जिससे शरीर की एनर्जी बनी रहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हाथ से खाने को लेकर क्या कहता है साइंस
साइंस भी हाथ से खाने को लेकर कई फायदे गिनाती है। हाथों से खाना खाने से पाचन सुधरता है। क्योंकि हाथों में कुछ ऐसे बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन पर्यावरण में अलग-अलग हानिकारक रोगाणुओं से शरीर की सुरक्षा करते हैं। हालांकि, खाने से पहले हाथों को सही तरह से साफ करना चाहिए, ताकि बीमारियों से बच जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मांसपेशियों की होती है एक्सरसाइज
हाथ से खाना खाते समय मांसपेशियों की एक्सरसाइज भी बेहतर तरीके से पूरी हो जाती है। साथ ही, ऐसा भी माना जाता है कि हाथों से खाना खाने से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। खाना खाते समय, उसे मिलाने या तैयार करने के दौरान हाथों से सभी ज्वॉइंट्स की भी बेहतर एक्सरसाइज हो जाती है जिससे उनकी फ्लैक्सिबिलिटी भी बेहतर होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उंगलियां देती है संकेत
हाथ से खाना को मिलाते वक्त उंगलियों के सभी प्वाइंट्स खाने के तापमान को महसूस करके दिमाग को संकेत भेजते हैं। आयुर्वेद बताता है कि हाथ से खाना खाने से शरीर उन जरूरी एंजाइम्स को प्रड्यूस करता है और इससे आपका खाना तेजी से पचता है। वास्तव में, जब आप हाथ से खाना खाते हैं तो आप टेक्सचर, स्वाद और सुगंध के बारे में अधिक जागरूक होते हैं, क्योंकि आप अपने हाथों और उंगलियों का इस्तेमाल करके भोजन करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

माइंडफुल इटिंग है हाथ से खाना खाना
हाथों से खाना खाने को ‘माइंडफुल इटिंग’ कहते हैं। यह चम्मच से खाना खाने से ज्यादा बेहतर होता है। ‘क्लीनिकल न्यूट्रिशन’ जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, हाथ से खाना खाने पर आप उसकी क्वांटिटी पर ध्यान देते हैं। इससे पता चलता है कि कितना कौर आपने मुंह में लिया। इसलिए इसे माइंडफुल इटिंग कहते हैं। वहीं, चम्मच से पता नहीं चलता कि आपने कितना खाया है। वहीं, हाथ से खाते समय खाने की रफ्तार धीमी होती है, जबकि चम्मच से तेजी से खाते हैं। जब धीरे खाते हैं तो खाना चबाकर भी खाते हैं। चम्मच से खाने पर हम बिना ठीक से चबाए ही खाते हैं। इससे पाचन में गड़बड़ी होती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि हाथों से धीरे-धीरे खाने पर टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क भी कम हो जाता है। ब्लड शुगर नहीं बढ़ता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

खाना खाने से पहले हाथ जरूर धोएं
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खाना खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से जरूर धो लेना चाहिए। कोई काम करने के दौरान बैक्टीरिया, कीटाणु हमारे हाथों पर चिपक सकते हैं, जो कि खाने के साथ ही पेट, गले, मुंह, आंत में पहुंच कर समस्या पैदा कर सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा अगर कुछ भी खाने से पहले हाथ जरूर धो लिए जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हाथ से खाने से बढ़ जाता है खाने का स्वाद
भारतीयों की डाइट में कई ऐसी चीजें हैं जिसे कांटा-चम्मच से नहीं खाया जा सकता। जैसे रोटी, पराठा। क्या आपने कभी मछली की हडि्डयों को चम्मच से अलग करके खाया है? बंगाल, महाराष्ट्र या साउथ इंडिया में लोग मछली कैसे खाते हैं? बिना हाथों के वो कई डिश नहीं खा सकते। साउथ इंडियन खाना केले के पत्ते पर सर्व किया जाता है। पत्ते पर चम्मच और कांटे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस पर हाथ से ही खाना खाया जा सकता है। केले पर पत्ते पर हाथ से खाना खाने पर उसका स्वाद बढ़ जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है
हाथों से खाने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। दाल-रोटी या चावल दाल खाने पर हाथों की उंगलियां चलती हैं। सभी जॉइंट्स ठीक से काम करने लगते हैं। यह हाथों के एक्सरसाइज के ही बराबर होता है।
इन देशों में भी हाथ से करते हैं भोजन
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी लोग हाथों से खाना खाते हैं। कई लोगों की शिकायत होती है कि जब तक वो हाथों से खाना नहीं खाते हैं, तब तक खाने का स्वाद नहीं आता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जो लोग चम्मच से खाना खाना ज्यादा पसंद करते हैं, ऐसे लोगों का ब्लड शुगर लेवल बिगड़ जाता है। इसके अलावा इनमें टाइप 2 डायबिटीज का भी खतरा बना रहता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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